यांत्रिकी (Mechanics)
- द्रव्यमान पदार्थ की मात्रा को मापता है और यह एक अदिश राशि है। (UPSC 2017)
- बल एक वस्तु की गति में परिवर्तन लाने वाली राशि है। (SSC CGL 2018)
- त्वरण वेग में समय के साथ परिवर्तन की दर है। (UPPCS 2016)
- कार्य बल और विस्थापन का अदिश गुणनफल है। (BPSC 2018)
- ऊर्जा कार्य करने की क्षमता है। (MP PCS 2019)
- संवेग द्रव्यमान और वेग का गुणनफल है। (Railway NTPC 2019)
- न्यूटन का पहला नियम जड़त्व का नियम है। (UPPCS 2017)
- न्यूटन का दूसरा नियम बल और त्वरण को जोड़ता है। (SSC CHSL 2019)
- न्यूटन का तीसरा नियम क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम है। (UPSC 2018)
- द्रव्यमान का SI मात्रक किलोग्राम है। (UPRO/ARO 2016)
- बल का SI मात्रक न्यूटन है। (Bihar PCS 2017)
- त्वरण का SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड वर्ग है। (MP PCS 2018)
- कार्य का SI मात्रक जूल है। (Chhattisgarh PCS 2018)
- ऊर्जा का SI मात्रक भी जूल है। (SSC CPO 2019)
- संवेग का SI मात्रक किलोग्राम मीटर प्रति सेकंड है। (UPSC 2019)
- जड़त्व द्रव्यमान का गुण है। (UPPCS 2015)
- घर्षण बल गति का विरोध करता है। (Railway Group D 2018)
- गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी द्वारा वस्तुओं पर लगाया जाता है। (SSC CGL 2017)
- त्वरण गुरुत्व के कारण 9.8 m/s² है। (UPPCS 2018)
- कार्य केवल तब होता है जब विस्थापन होता है। (BPSC 2019)
- गतिज ऊर्जा गति के कारण होती है। (MP PCS 2017)
- संभावित ऊर्जा स्थिति के कारण होती है। (Uttarakhand PCS 2016)
- संवेग एक सदिश राशि है। (UPSC 2020)
- बल = द्रव्यमान × त्वरण (न्यूटन का दूसरा नियम)। (SSC CHSL 2018)
- कार्य = बल × विस्थापन × cosθ। (UPPCS 2019)
- गतिज ऊर्जा = ½ mv²। (Railway NTPC 2019)
- संभावित ऊर्जा = mgh। (BPSC 2018)
- संवेग = द्रव्यमान × वेग। (SSC CPO 2018)
- न्यूटन का पहला नियम गति की स्थिति को बनाए रखता है। (UPPCS 2016)
- आवेग संवेग में परिवर्तन के बराबर है। (UPSC 2017)
- ऊर्जा संरक्षण का नियम कहता है कि ऊर्जा नष्ट नहीं होती। (MP PCS 2019)
- संवेग संरक्षण का नियम टक्कर में लागू होता है। (Chhattisgarh PCS 2018)
- द्रव्यमान वस्तु का आंतरिक गुण है। (SSC CGL 2019)
- बल वस्तु की गति को बदल सकता है। (UPRO/ARO 2016)
- त्वरण हमेशा बल की दिशा में होता है। (Bihar PCS 2017)
- कार्य नकारात्मक हो सकता है यदि बल और विस्थापन विपरीत हों। (UPPCS 2018)
- ऊर्जा का रूपांतरण विभिन्न रूपों में संभव है। (SSC CHSL 2019)
- संवेग की दिशा वेग की दिशा के समान होती है। (UPSC 2018)
- जड़त्व का मापन द्रव्यमान से होता है। (MP PCS 2018)
- घर्षण बल सतहों के बीच संपर्क से उत्पन्न होता है। (Railway Group D 2019)
- गुरुत्वाकर्षण बल दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है। (UPSC 2019)
- त्वरण गति में परिवर्तन की दर को दर्शाता है। (UPPCS 2017)
- कार्य शक्ति का समय के साथ गुणनफल है। (BPSC 2018)
- शक्ति कार्य करने की दर है। (SSC CPO 2019)
- संवेग का संरक्षण बाहरी बलों की अनुपस्थिति में होता है। (Chhattisgarh PCS 2017)
- द्रव्यमान स्थिर रहता है, चाहे स्थान कोई भी हो। (Uttarakhand PCS 2016)
- बल की इकाई न्यूटन को kg m/s² में व्यक्त किया जाता है। (SSC CGL 2018)
- त्वरण को बल द्वारा द्रव्यमान से विभाजित करके प्राप्त किया जाता है। (UPPCS 2016)
- कार्य का मान शून्य हो सकता है यदि विस्थापन शून्य हो। (BPSC 2019)
- ऊर्जा का संरक्षण यांत्रिकी का मूल सिद्धांत है। (MP PCS 2017)
- संवेग का परिवर्तन आवेग के बराबर होता है। (UPSC 2020)
- द्रव्यमान और वेग का गुणनफल संवेग देता है। (Railway NTPC 2019)
- बल वस्तु को गति प्रदान कर सकता है। (SSC CHSL 2018)
- त्वरण का मान ऋणात्मक भी हो सकता है। (UPPCS 2019)
- कार्य का परिणाम ऊर्जा में परिवर्तन होता है। (BPSC 2018)
- गतिज ऊर्जा गति की स्थिति पर निर्भर करती है। (MP PCS 2019)
- संवेग का संरक्षण टक्करों में महत्वपूर्ण है। (Chhattisgarh PCS 2018)
- द्रव्यमान जड़त्व का माप है। (UPSC 2017)
- बल का प्रभाव त्वरण उत्पन्न करता है। (SSC CPO 2018)
- त्वरण हमेशा एक सदिश राशि है। (UPPCS 2018)
- कार्य का परिणाम वस्तु की गति में परिवर्तन हो सकता है। (BPSC 2019)
- ऊर्जा का रूपांतरण ऊष्मा में भी हो सकता है। (SSC CGL 2019)
- संवेग का संरक्षण न्यूटन के तीसरे नियम से संबंधित है। (UPSC 2018)
- द्रव्यमान का केंद्र किसी वस्तु का संतुलन बिंदु है। (MP PCS 2018)
- बल की परिभाषा न्यूटन के दूसरे नियम से दी जाती है। (UPPCS 2017)
- त्वरण का मान बल के समानुपाती होता है। (SSC CHSL 2018)
- कार्य और ऊर्जा का संबंध जूल में मापा जाता है। (BPSC 2018)
- ऊर्जा का संरक्षण यांत्रिक प्रणालियों में लागू होता है। (Uttarakhand PCS 2016)
- संवेग का परिवर्तन समय के साथ बल से संबंधित है। (UPSC 2019)
- द्रव्यमान का मान किसी ग्रह पर स्थिर रहता है। (Railway Group D 2018)
- बल वस्तु को गति रोक सकता है। (SSC CPO 2019)
- त्वरण का परिणाम गति में परिवर्तन है। (UPPCS 2016)
- कार्य का मान बल की दिशा पर निर्भर करता है। (BPSC 2019)
- ऊर्जा का रूपांतरण गतिज से संभावित में हो सकता है। (MP PCS 2017)
- संवेग का संरक्षण बाहरी बलों की अनुपस्थिति में होता है। (Chhattisgarh PCS 2018)
- द्रव्यमान का केंद्र गति का विश्लेषण करता है। (UPSC 2020)
- बल का परिणाम त्वरण या गति परिवर्तन है। (SSC CGL 2018)
- त्वरण का परिणाम गति में वृद्धि या कमी हो सकता है। (UPPCS 2019)
- कार्य का परिणाम ऊर्जा का हस्तांतरण है। (BPSC 2018)
- ऊर्जा का संरक्षण यांत्रिक प्रणालियों में महत्वपूर्ण है। (MP PCS 2019)
- संवेग का परिवर्तन आवेग द्वारा निर्धारित होता है। (UPSC 2017)
- द्रव्यमान और वेग का संबंध संवेग को परिभाषित करता है। (SSC CHSL 2019)
- बल का परिणाम गति में परिवर्तन हो सकता है। (UPPCS 2018)
- त्वरण का मान बल और द्रव्यमान पर निर्भर करता है। (BPSC 2019)
- कार्य का परिणाम गतिज ऊर्जा में परिवर्तन हो सकता है। (SSC CPO 2018)
- ऊर्जा का रूपांतरण यांत्रिक से विद्युत में हो सकता है। (UPSC 2018)
- संवेग का संरक्षण टक्करों में लागू होता है। (MP PCS 2018)
- द्रव्यमान का केंद्र प्रणाली की गति को सरल करता है। (UPSC 2019)
- बल का परिणाम गति में परिवर्तन या विरूपण है। (SSC CGL 2019)
- त्वरण का परिणाम बल की दिशा में होता है। (UPPCS 2017)
- कार्य का परिणाम ऊर्जा का स्थानांतरण है। (BPSC 2018)
- ऊर्जा का संरक्षण यांत्रिक प्रणालियों में लागू होता है। (Uttarakhand PCS 2016)
- संवेग का परिवर्तन आवेग के बराबर होता है। (UPSC 2020)
- द्रव्यमान का केंद्र गति का विश्लेषण करता है। (MP PCS 2019)
- बल का परिणाम त्वरण उत्पन्न करता है। (SSC CHSL 2018)
- त्वरण का मान बल के समानुपाती होता है। (UPPCS 2019)
- कार्य का परिणाम ऊर्जा में परिवर्तन है। (BPSC 2018)
- ऊर्जा का रूपांतरण गतिज से संभावित में होता है। (SSC CPO 2019)
- संवेग का संरक्षण न्यूटन के तीसरे नियम से संबंधित है। (UPSC 2017)
- द्रव्यमान का केंद्र गति का विश्लेषण करता है। (MP PCS 2018)
- बल का परिणाम गति में परिवर्तन है। (SSC CGL 2018)