5. न्यायपालिका
सर्वोच्च न्यायालय का गठन अनुच्छेद 124 के तहत हुआ। (UPSC Pre 1996)
सर्वोच्च न्यायालय में अधिकतम 34 न्यायाधीश हो सकते हैं। (SSC CGL 2017)
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। (UPPCS Pre 2018)
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है। (BPSC Pre 2019)
सर्वोच्च न्यायालय को मूल क्षेत्राधिकार अनुच्छेद 131 में है। (SSC CHSL 2018)
सर्वोच्च न्यायालय को अपीलीय क्षेत्राधिकार अनुच्छेद 132 में है। (MPPCS Pre 2016)
सर्वोच्च न्यायालय को सलाहकारी क्षेत्राधिकार अनुच्छेद 143 में है। (SSC CPO 2019)
सर्वोच्च न्यायालय को रिट क्षेत्राधिकार अनुच्छेद 32 में है। (UPPCS Pre 2017)
सर्वोच्च न्यायालय भारत का सर्वोच्च न्यायिक निकाय है। (BPSC Pre 2018)
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है। (SSC CGL 2019)
सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 1950 में हुई। (MPPCS Pre 2015)
सर्वोच्च न्यायालय का मुख्यालय नई दिल्ली में है। (SSC CHSL 2017)
सर्वोच्च न्यायालय को संविधान की व्याख्या का अधिकार है। (UPPCS Pre 2016)
सर्वोच्च न्यायालय के पास संवैधानिक मामलों की सुनवाई का अधिकार है। (BPSC Pre 2016)
सर्वोच्च न्यायालय की बेंच में न्यूनतम 2 न्यायाधीश होते हैं। (SSC CPO 2018)
सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ में 5 या अधिक न्यायाधीश होते हैं। (MPPCS Pre 2017)
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को CJI कहा जाता है। (SSC CGL 2016)
सर्वोच्च न्यायालय को विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई का अधिकार है। (UPPCS Pre 2019)
सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता अनुच्छेद 50 में सुनिश्चित है। (BPSC Pre 2015)
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन संसद तय करती है। (SSC CHSL 2019)
उच्च न्यायालय का गठन अनुच्छेद 214 के तहत होता है। (MPPCS Pre 2018)
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। (SSC CPO 2017)
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। (UPPCS Pre 2015)
उच्च न्यायालय को रिट क्षेत्राधिकार अनुच्छेद 226 में है। (BPSC Pre 2017)
उच्च न्यायालय को मूल क्षेत्राधिकार प्राप्त है। (SSC CGL 2018)
उच्च न्यायालय को अपीलीय क्षेत्राधिकार प्राप्त है। (MPPCS Pre 2016)
उच्च न्यायालय को प्रशासकीय नियंत्रण की शक्ति है। (SSC CHSL 2016)
उच्च न्यायालय अधीनस्थ न्यायालयों की निगरानी करता है। (UPPCS Pre 2018)
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को संसद द्वारा हटाया जा सकता है। (BPSC Pre 2019)
उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल अस्थायी होता है। (SSC CPO 2016)
उच्च न्यायालय को संवैधानिक मामलों की सुनवाई का अधिकार है। (MPPCS Pre 2015)
उच्च न्यायालय को विशेष अनुमति याचिका सुनने का अधिकार नहीं है। (SSC CGL 2017)
उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार राज्य तक सीमित है। (UPPCS Pre 2017)
अधीनस्थ न्यायालयों में जिला न्यायालय शामिल हैं। (BPSC Pre 2018)
अधीनस्थ न्यायालय उच्च न्यायालय के अधीन कार्य करते हैं। (SSC CHSL 2018)
जिला न्यायाधीश की नियुक्ति राज्यपाल करता है। (MPPCS Pre 2019)
अधीनस्थ न्यायालयों में दीवानी और फौजदारी मामले शामिल हैं। (SSC CPO 2019)
अधीनस्थ न्यायालयों में सत्र न्यायालय शामिल हैं। (UPPCS Pre 2016)
न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को है। (BPSC Pre 2016)
न्यायिक पुनरावलोकन अनुच्छेद 13 से संबंधित है। (SSC CGL 2019)
न्यायिक पुनरावलोकन मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। (MPPCS Pre 2017)
न्यायिक सक्रियता 1980 के दशक में शुरू हुई। (SSC CHSL 2017)
न्यायिक सक्रियता जनहित याचिका से बढ़ी। (UPPCS Pre 2015)
जनहित याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में दायर किया जा सकता है। (BPSC Pre 2017)
जनहित याचिका अनुच्छेद 32 के तहत दायर होती है। (SSC CPO 2018)
उच्च न्यायालय में जनहित याचिका अनुच्छेद 226 के तहत दायर होती है। (MPPCS Pre 2016)
न्यायिक पुनरावलोकन का सिद्धांत मार्बरी बनाम मैडिसन से प्रेरित है। (SSC CGL 2016)
न्यायिक सक्रियता में न्यायालय नीति निर्माण में हस्तक्षेप करता है। (UPPCS Pre 2019)
सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है। (BPSC Pre 2015)
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कॉलेजियम प्रणाली से होती है। (SSC CHSL 2019)
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति भी कॉलेजियम प्रणाली से होती है। (MPPCS Pre 2018)
सर्वोच्च न्यायालय को संवैधानिक संशोधनों की समीक्षा का अधिकार है। (SSC CPO 2017)
न्यायिक पुनरावलोकन में असंवैधानिक कानून रद्द किए जा सकते हैं। (UPPCS Pre 2018)
जनहित याचिका में कोई भी व्यक्ति दूसरों के लिए याचिका दायर कर सकता है। (BPSC Pre 2019)
सर्वोच्च न्यायालय को विशेष अनुमति याचिका अनुच्छेद 136 में मिलती है। (SSC CGL 2018)
उच्च न्यायालय को अधीनस्थ न्यायालयों पर प्रशासकीय नियंत्रण है। (MPPCS Pre 2015)
न्यायिक सक्रियता में पर्यावरण संरक्षण के मामले शामिल हैं। (SSC CHSL 2016)
जनहित याचिका का उद्देश्य सामाजिक न्याय है। (UPPCS Pre 2017)
सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार पूरे भारत में है। (BPSC Pre 2016)
उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार राज्य तक सीमित है। (SSC CPO 2016)
अधीनस्थ न्यायालयों में मजिस्ट्रेट कोर्ट शामिल हैं। (MPPCS Pre 2017)
न्यायिक पुनरावलोकन संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है। (SSC CGL 2017)
न्यायिक सक्रियता में मानवाधिकारों की रक्षा शामिल है। (UPPCS Pre 2016)
जनहित याचिका में व्यक्तिगत लाभ के मामले शामिल नहीं हैं। (BPSC Pre 2018)
सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई। (SSC CHSL 2018)
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। (MPPCS Pre 2019)
न्यायिक पुनरावलोकन में कानून की वैधता जाँची जाती है। (SSC CPO 2019)
न्यायिक सक्रियता में नीति कार्यान्वयन पर निर्देश दिए जाते हैं। (UPPCS Pre 2015)
जनहित याचिका को 1980 में लोकप्रिय बनाया गया। (BPSC Pre 2017)
सर्वोच्च न्यायालय को संवैधानिक बेंच के लिए 5 न्यायाधीश चाहिए। (SSC CGL 2016)
उच्च न्यायालय को दीवानी और फौजदारी मामलों की सुनवाई का अधिकार है। (MPPCS Pre 2016)
अधीनस्थ न्यायालयों में सिविल जज शामिल हैं। (SSC CHSL 2017)
न्यायिक पुनरावलोकन केसरी सिंह मामले में स्थापित हुआ। (UPPCS Pre 2019)
न्यायिक सक्रियता में शिक्षा के अधिकार को लागू किया गया। (BPSC Pre 2016)
जनहित याचिका में सामाजिक मुद्दों पर जोर दिया जाता है। (SSC CPO 2018)
सर्वोच्च न्यायालय के पास मौलिक अधिकारों की रक्षा का अधिकार है। (MPPCS Pre 2015)
उच्च न्यायालय के पास राज्य में कानून व्यवस्था की निगरानी का अधिकार है। (SSC CGL 2019)
अधीनस्थ न्यायालयों में लोक अदालतें शामिल हैं। (UPPCS Pre 2018)
न्यायिक पुनरावलोकन में संसद के कानून रद्द हो सकते हैं। (BPSC Pre 2019)
न्यायिक सक्रियता में पर्यावरण संरक्षण पर निर्णय दिए गए। (SSC CHSL 2019)
जनहित याचिका में गरीबों के हितों की रक्षा होती है। (MPPCS Pre 2017)
सर्वोच्च न्यायालय को संवैधानिक संशोधन की वैधता जाँचने का अधिकार है। (SSC CPO 2017)
उच्च न्यायालय को रिट याचिका सुनने की व्यापक शक्ति है। (UPPCS Pre 2017)
अधीनस्थ न्यायालयों में ग्राम न्यायालय शामिल हैं। (BPSC Pre 2018)
न्यायिक पुनरावलोकन गोलकनाथ मामले में चर्चा में आया। (SSC CGL 2018)
न्यायिक सक्रियता में मिनर्वा मिल्स केस महत्वपूर्ण है। (MPPCS Pre 2016)
जनहित याचिका में सामाजिक सुधार पर जोर दिया जाता है। (SSC CHSL 2016)
सर्वोच्च न्यायालय को संवैधानिक पीठ के लिए 7 न्यायाधीश भी हो सकते हैं। (UPPCS Pre 2016)
उच्च न्यायालय को निचले न्यायालयों के फैसलों की अपील सुनने का अधिकार है। (BPSC Pre 2017)
अधीनस्थ न्यायालयों में पारिवारिक अदालतें शामिल हैं। (SSC CPO 2016)
न्यायिक पुनरावलोकन में मौलिक संरचना सिद्धांत लागू होता है। (MPPCS Pre 2018)
न्यायिक सक्रियता में शिक्षा नीति पर निर्णय दिए गए। (SSC CGL 2017)
जनहित याचिका में पर्यावरण संरक्षण के मामले शामिल हैं। (UPPCS Pre 2015)
सर्वोच्च न्यायालय को सलाहकारी क्षेत्राधिकार राष्ट्रपति से मिलता है। (BPSC Pre 2016)
उच्च न्यायालय को संवैधानिक मामलों में रिट जारी करने का अधिकार है। (SSC CHSL 2018)
अधीनस्थ न्यायालयों में किशोर न्यायालय शामिल हैं। (MPPCS Pre 2019)
न्यायिक पुनरावलोकन में कानून की संवैधानिकता जाँची जाती है। (SSC CPO 2019)
न्यायिक सक्रियता में सामाजिक अधिकारों की रक्षा होती है। (UPPCS Pre 2019)
जनहित याचिका में सामाजिक कल्याण के मुद्दे उठाए जाते हैं। (BPSC Pre 2015)
सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता अनुच्छेद 124 में सुनिश्चित है। (SSC CGL 2016)
उच्च न्यायालय को निचले न्यायालयों पर नियंत्रण की शक्ति है। (MPPCS Pre 2017)
अधीनस्थ न्यायालयों में दीवानी जज शामिल हैं। (SSC CHSL 2017)
न्यायिक पुनरावलोकन में शक्ति संतुलन बनाए रखा जाता है। (UPPCS Pre 2018)
न्यायिक सक्रियता में वन संरक्षण पर निर्णय दिए गए। (BPSC Pre 2019)
जनहित याचिका में गरीबी उन्मूलन के मामले शामिल हैं। (SSC CPO 2018)
सर्वोच्च न्यायालय को संवैधानिक संशोधन की वैधता का अधिकार है। (MPPCS Pre 2016)
उच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों की रक्षा का अधिकार है। (SSC CGL 2019)
अधीनस्थ न्यायालयों में विशेष न्यायालय शामिल हैं। (UPPCS Pre 2017)
न्यायिक पुनरावलोकन में मिनर्वा मिल्स केस महत्वपूर्ण है। (BPSC Pre 2018)
न्यायिक सक्रियता में शिक्षा का अधिकार लागू हुआ। (SSC CHSL 2019)
जनहित याचिका में मानवाधिकारों की रक्षा होती है। (MPPCS Pre 2015)
सर्वोच्च न्यायालय को सलाहकारी क्षेत्राधिकार अनुच्छेद 143 में है। (SSC CPO 2017)
उच्च न्यायालय को रिट याचिका में व्यापक शक्तियाँ हैं। (UPPCS Pre 2016)
अधीनस्थ न्यायालयों में सत्र जज शामिल हैं। (BPSC Pre 2017)
न्यायिक पुनरावलोकन में मूल संरचना सिद्धांत लागू होता है। (SSC CGL 2018)
न्यायिक सक्रियता में सामाजिक न्याय पर जोर दिया जाता है। (MPPCS Pre 2018)
जनहित याचिका में पर्यावरण संरक्षण पर निर्णय दिए गए। (SSC CHSL 2016)
सर्वोच्च न्यायालय को संवैधानिक मामलों में अंतिम अधिकार है। (UPPCS Pre 2015)
उच्च न्यायालय को निचले न्यायालयों की निगरानी का अधिकार है। (BPSC Pre 2016)
अधीनस्थ न्यायालयों में मजिस्ट्रेट की नियुक्ति राज्यपाल करता है। (SSC CPO 2019)
न्यायिक पुनरावलोकन में शक्ति पृथक्करण बनाए रखा जाता है। (MPPCS Pre 2017)
न्यायिक सक्रियता में नीति निर्देशक तत्व लागू किए गए। (SSC CGL 2017)
जनहित याचिका में सामाजिक मुद्दों की सुनवाई होती है। (UPPCS Pre 2019)