हिंदी वर्तनी

विस्तृत नोट्स

1. हिंदी वर्तनी के नियम

विवरण: वर्तनी लिखने की रीति को 'वर्तनी' या 'अक्षरी' कहते हैं, जिसे 'हिज्जे' भी कहा जाता है। यह उच्चारण पर आधारित होती है।

नियम:

  • हिंदी में जो बोला जाता है, वही लिखा जाता है।
  • स्वरों और व्यंजनों का सटीक प्रयोग आवश्यक है।
  • संयुक्ताक्षर और मात्राओं का सही स्थान निर्धारित करें।
  • अनुस्वार (ं) और चंद्रबिंदु (ँ) का प्रयोग सावधानी से करें।
  • प्रतियोगी तथ्य: सही वर्तनी UPSC हिंदी परीक्षा में अंक प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
  • प्रतियोगी तथ्य: वर्तनी नियम भाषा की शुद्धता सुनिश्चित करते हैं।

2. सामान्य वर्तनी त्रुटियाँ और उनका सुधार

विवरण: वर्तनी त्रुटियाँ प्रायः मातृभाषा, बोली, या व्याकरण के ज्ञान की कमी के कारण होती हैं।

उदाहरण:

अशुद्धशुद्धअशुद्धशुद्ध
दिवालीदीवालीलिजियेलीजिये
निरिक्षणनिरीक्षणशताब्दिशताब्दी
पिताम्बरपीताम्बरहिंगहींग
अभीनेताअभिनेतापरीवारपरिवार
कुटीयाकुटियाबाल्मीकीबाल्मीकि
आखीरआखिरपाकीस्तानपाकिस्तान
छत्रियक्षत्रियछनक्षण
जाचनायाचनाजमुनायमुना
ओद्योगिकऔद्योगिकपोरुषपौरुष
कनिष्टकनिष्ठनिष्टानिष्ठा

प्रतियोगी तथ्य: सामान्य त्रुटियाँ SSC में शब्दावली प्रश्नों का आधार हैं।

प्रतियोगी तथ्य: शुद्ध वर्तनी अनुवाद और निबंध लेखन में महत्वपूर्ण है।

3. संयुक्ताक्षर और मात्राओं का सही प्रयोग

विवरण: संयुक्ताक्षर दो या अधिक व्यंजनों के संयोजन से बनते हैं, और मात्राएँ स्वरों को दर्शाती हैं।

विशेषताएँ:

  • संयुक्ताक्षर: जैसे क्ष (क् + ष), त्र (त् + र), ज्ञ (ज् + ञ)।
  • मात्राएँ: जैसे इ (ि), ई (ी), उ (ु), ऊ (ू)।
  • उदाहरण: अशुद्ध-छत्रिय, शुद्ध-क्षत्रिय।
  • प्रतियोगी तथ्य: संयुक्ताक्षर का गलत प्रयोग अर्थ भेद पैदा करता है।
  • प्रतियोगी तथ्य: मात्राओं का सही प्रयोग लेखन की स्पष्टता बढ़ाता है।

4. विराम चिह्नों का उपयोग

विवरण: विराम चिह्न वाक्य को अर्थपूर्ण और स्पष्ट बनाते हैं।

प्रकार:

  • पूर्णविराम (।): वाक्य के अंत में, जैसे- वह पढ़ता है।
  • अल्पविराम (,): वाक्य में ठहराव के लिए, जैसे- राम, श्याम, और मोहन आए।
  • प्रश्नवाचक (?): प्रश्न के लिए, जैसे- तुम कहाँ जा रहे हो?
  • विस्मयादिबोधक (!): आश्चर्य के लिए, जैसे- अरे! यह क्या हुआ!
  • उद्धरण चिह्न (‘’): संवाद के लिए, जैसे- उसने कहा, “मैं आऊँगा।”
  • योजक (-): संयुक्त शब्दों के लिए, जैसे- भारत-चीन।
  • प्रतियोगी तथ्य: विराम चिह्नों का सही प्रयोग PCS में लेखन कौशल का आधार है।
  • प्रतियोगी तथ्य: गलत विराम चिह्न वाक्य के अर्थ को बदल सकते हैं।

5. लेखन में एकरूपता और स्पष्टता

विवरण: लेखन में एकरूपता और स्पष्टता पाठक के लिए समझ को आसान बनाती है।

विशेषताएँ:

  • शब्दों की एकरूपता: एक ही शब्द का बार-बार एक ही रूप में प्रयोग करें।
  • वाक्य संरचना: सरल और स्पष्ट वाक्य रचना का उपयोग।
  • शुद्धता: शुद्ध उच्चारण और वर्तनी का पालन।
  • प्रतियोगी तथ्य: एकरूपता UPSC निबंध लेखन में प्रभावी है।
  • प्रतियोगी तथ्य: स्पष्ट लेखन प्रशासनिक संचार में आवश्यक है।

वर्तनी विचार का अवलोकन (सारणी):

श्रेणी विवरण उदाहरण
वर्तनी नियम उच्चारण के आधार पर लेखन दीवाली (न कि दिवाली)
सामान्य त्रुटियाँ स्वर और व्यंजन संबंधी अशुद्धियाँ पिताम्बर→पीताम्बर
संयुक्ताक्षर दो या अधिक व्यंजनों का संयोजन क्षत्रिय, त्र
विराम चिह्न वाक्य को अर्थपूर्ण बनाना पूर्णविराम, अल्पविराम

सारांश (एक पंक्ति के तथ्य)

  1. वर्तनी लिखने की रीति को 'अक्षरी' या 'हिज्जे' कहते हैं।
  2. हिंदी में वर्तनी उच्चारण पर आधारित होती है।
  3. अशुद्ध उच्चारण से वर्तनी में त्रुटियाँ होती हैं।
  4. अशुद्ध: दिवाली, शुद्ध: दीवाली।
  5. अशुद्ध: निरिक्षण, शुद्ध: निरीक्षण।
  6. अशुद्ध: पिताम्बर, शुद्ध: पीताम्बर।
  7. संयुक्ताक्षर दो या अधिक व्यंजनों का संयोजन है।
  8. संयुक्ताक्षर का उदाहरण: क्ष, त्र, ज्ञ।
  9. मात्राएँ स्वरों को दर्शाती हैं।
  10. मात्रा का उदाहरण: इ (ि), ई (ी)।
  11. पूर्णविराम वाक्य के अंत में प्रयोग होता है।
  12. अल्पविराम वाक्य में ठहराव के लिए प्रयोग होता है।
  13. प्रश्नवाचक चिह्न प्रश्न के लिए प्रयोग होता है।
  14. विस्मयादिबोधक चिह्न आश्चर्य के लिए प्रयोग होता है।
  15. उद्धरण चिह्न संवाद को दर्शाते हैं।
  16. योजक चिह्न संयुक्त शब्दों के लिए प्रयोग होता है।
  17. अशुद्ध: अभीनेता, शुद्ध: अभिनेता।
  18. अशुद्ध: परीवार, शुद्ध: परिवार।
  19. अशुद्ध: छत्रिय, शुद्ध: क्षत्रिय।
  20. अशुद्ध: जाचना, शुद्ध: याचना।
  21. अशुद्ध: ओद्योगिक, शुद्ध: औद्योगिक।
  22. अशुद्ध: कनिष्ट, शुद्ध: कनिष्ठ।
  23. अनुस्वार का उदाहरण: हंस।
  24. चंद्रबिंदु का उदाहरण: आँख।
  25. लेखन में एकरूपता पाठक की समझ को बढ़ाती है।
  26. स्पष्ट लेखन प्रशासनिक संचार में आवश्यक है।
  27. वर्तनी त्रुटियाँ बोली के प्रभाव से होती हैं।
  28. अशुद्ध: आखीर, शुद्ध: आखिर।
  29. अशुद्ध: कुटीया, शुद्ध: कुटिया।
  30. विराम चिह्न वाक्य को अर्थपूर्ण बनाते हैं।
  31. सही वर्तनी SSC में शब्दावली प्रश्नों का आधार है।
  32. वर्तनी नियम UPSC में लेखन कौशल के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  33. अशुद्ध: जमुना, शुद्ध: यमुना।
  34. अशुद्ध: पोरुष, शुद्ध: पौरुष।
  35. संयुक्ताक्षर का गलत प्रयोग अर्थ भेद पैदा करता है।
  36. मात्राओं का सही प्रयोग लेखन की स्पष्टता बढ़ाता है।
  37. अशुद्ध: हिंग, शुद्ध: हींग।
  38. अशुद्ध: छन, शुद्ध: क्षण।
  39. विराम चिह्नों का सही प्रयोग PCS में लेखन कौशल का आधार है।
  40. एकरूपता UPSC निबंध लेखन में प्रभावी है।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. वर्तनी क्या है?





2. वर्तनी का संबंध किससे है?





3. अशुद्ध वर्तनी 'दिवाली' का शुद्ध रूप क्या है?





4. संयुक्ताक्षर का उदाहरण क्या है?





5. पूर्णविराम का प्रयोग कहाँ होता है?





6. अल्पविराम का प्रयोग किस लिए होता है?





7. प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग किस लिए होता है?





8. अशुद्ध वर्तनी 'निरिक्षण' का शुद्ध रूप क्या है?





9. अनुस्वार का उदाहरण क्या है?





10. चंद्रबिंदु का उदाहरण क्या है?





11. अशुद्ध वर्तनी 'पिताम्बर' का शुद्ध रूप क्या है?





12. मात्रा का उदाहरण क्या है?





13. विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग किस लिए होता है?





14. अशुद्ध वर्तनी 'छत्रिय' का शुद्ध रूप क्या है?





15. लेखन में एकरूपता का क्या महत्व है?





16. अशुद्ध वर्तनी 'जाचना' का शुद्ध रूप क्या है?





17. उद्धरण चिह्न का प्रयोग किस लिए होता है?





18. अशुद्ध वर्तनी 'आखीर' का शुद्ध रूप क्या है?





19. योजक चिह्न का प्रयोग किस लिए होता है?





20. अशुद्ध वर्तनी 'कुटीया' का शुद्ध रूप क्या है?





21. वर्तनी त्रुटियाँ किसके कारण होती हैं?





22. अशुद्ध वर्तनी 'जमुना' का शुद्ध रूप क्या है?





23. संयुक्ताक्षर का गलत प्रयोग क्या करता है?





24. अशुद्ध वर्तनी 'पोरुष' का शुद्ध रूप क्या है?





25. मात्राओं का सही प्रयोग क्या करता है?





26. अशुद्ध वर्तनी 'हिंग' का शुद्ध रूप क्या है?





27. विराम चिह्नों का सही प्रयोग क्या करता है?





28. अशुद्ध वर्तनी 'छन' का शुद्ध रूप क्या है?





29. लेखन में स्पष्टता का क्या महत्व है?





30. अशुद्ध वर्तनी 'ओद्योगिक' का शुद्ध रूप क्या है?