परिचय
उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर-मध्य में स्थित एक सीमावर्ती राज्य है, जो अपनी भौगोलिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यह भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है और क्षेत्रफल की दृष्टि से चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसका क्षेत्रफल 2,40,928 वर्ग किमी है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 7.33% है। उत्तर प्रदेश का विस्तार 23°52' उत्तरी अक्षांश से 30°24' उत्तरी अक्षांश और 77°05' पूर्वी देशांतर से 84°38' पूर्वी देशांतर के मध्य है। इसकी लंबाई (पूरब-पश्चिम) 650 किमी और चौड़ाई (उत्तर-दक्षिण) 240 किमी है।
महत्वपूर्ण तथ्य: उत्तर प्रदेश की जनसंख्या (2023 अनुमान) लगभग 24 करोड़ है, जो भारत की कुल जनसंख्या का 16% है।
सीमाएँ:
- उत्तर: नेपाल, उत्तराखंड, और हिमाचल प्रदेश।
- पूरब: बिहार और झारखंड।
- दक्षिण: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़।
- पश्चिम: हरियाणा, राजस्थान, और दिल्ली (केंद्र शासित प्रदेश)।
प्रशासनिक संरचना: उत्तर प्रदेश में 75 जनपद और 18 मंडल (कमिश्नरी) हैं, जिनका नेतृत्व मंडलायुक्त (कमिश्नर) करता है।
1. प्रशासनिक संरचना
परिभाषा: प्रशासनिक संरचना किसी क्षेत्र के शासन और प्रबंधन के लिए बनाई गई इकाइयों का ढांचा है।
विवरण: उत्तर प्रदेश को 18 मंडलों में विभाजित किया गया है, जिनमें 75 जनपद शामिल हैं। प्रत्येक मंडल का नेतृत्व एक मंडलायुक्त करता है। नीचे मंडलों और उनके जनपदों की सूची दी गई है:
क्र.सं. | मंडल | जनपद संख्या | जनपद |
---|---|---|---|
1 | लखनऊ | 6 | लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी |
2 | कानपुर | 6 | कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, औरैया |
3 | मेरठ | 6 | मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, बागपत, हापुड़ |
4 | अयोध्या | 5 | अयोध्या, बाराबंकी, अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, अमेठी |
5 | अलीगढ़ | 4 | अलीगढ़, हाथरस, एटा, कासगंज |
6 | आगरा | 4 | आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद |
7 | वाराणसी | 4 | वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर |
8 | गोरखपुर | 4 | गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज |
9 | देवीपाटन | 4 | गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती |
10 | बरेली | 4 | बरेली, शाहजहाँपुर, पीलीभीत, बदायूँ |
11 | मुरादाबाद | 5 | मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल |
12 | प्रयागराज | 4 | प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ |
13 | चित्रकूटधाम | 4 | बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर |
14 | मिर्जापुर | 3 | मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र |
15 | बस्ती | 3 | बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर |
16 | झाँसी | 3 | झाँसी, ललितपुर, जालौन |
17 | आजमगढ़ | 3 | आजमगढ़, बलिया, मऊ |
18 | सहारनपुर | 3 | सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर |
महत्वपूर्ण तथ्य: लखनऊ मंडल में सबसे अधिक जनपद (6) हैं, जबकि मिर्जापुर, बस्ती, झाँसी, आजमगढ़, और सहारनपुर में सबसे कम (3) जनपद हैं।
2. प्राकृतिक विभाग
परिभाषा: प्राकृतिक विभाग भौगोलिक संरचना, मृदा, जलवायु, और वनस्पति के आधार पर क्षेत्र का विभाजन है।
प्रकार: उत्तर प्रदेश को तीन प्राकृतिक विभागों में बाँटा गया है:
2.1 भाबर एवं तराई क्षेत्र
परिभाषा: हिमालय के निकट पतली पट्टी के रूप में फैला क्षेत्र, जहाँ जलोढ़ मिट्टी और घने वन पाए जाते हैं।
विशेषताएँ:
- विस्तार: सहारनपुर (पश्चिम) से कुशीनगर (पूरब) तक।
- चौड़ाई: पश्चिम में 34 किमी, पूरब में कम।
- मृदा: कंकड़-पत्थर और मोटे बालू से बनी, कम उर्वर।
- वनस्पति: घने उष्णकटिबंधीय वन (साल, सागौन)।
- कृषि: धान, गेहूँ, गन्ना (भूमि सुधार के कारण)।
- क्षेत्र: पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, कुशीनगर।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस क्षेत्र में वनों की कटाई से कृषि भूमि बढ़ी है, लेकिन जैव-विविधता को नुकसान हुआ है।
उदाहरण: दुधवा राष्ट्रीय उद्यान (लखीमपुर खीरी) में तराई के वन।
2.2 मध्य का मैदानी क्षेत्र
परिभाषा: गंगा-यमुना के जलोढ़ मैदानों से बना अत्यंत उपजाऊ क्षेत्र।
विशेषताएँ:
- मृदा: खादर (नवीन जलोढ़) और बांगर (पुरानी जलोढ़), पोषक तत्वों से भरपूर।
- नदियाँ:
- हिमालय से: गंगा, यमुना, रामगंगा, शारदा, गोमती, घाघरा, राप्ती।
- पठारी भाग से: चंबल, केन, बेतवा, टोंस, रिहंद, सोन।
- वनस्पति: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन (साल, पलाश, नीम, आम, शीशम)।
- कृषि: धान, गेहूँ, गन्ना, दालें।
- क्षेत्र: लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह क्षेत्र भारत का "अन्न भंडार" कहलाता है।
उदाहरण: वाराणसी में गंगा के मैदान की उपजाऊ भूमि।
2.3 दक्षिण का पठारी भाग
परिभाषा: बुंदेलखंड पठार का हिस्सा, जो यमुना और गंगा के दक्षिण में फैला है।
विशेषताएँ:
- मृदा: लाल, बलुई दोमट, राकर, मार, चिकनी मिट्टी।
- वनस्पति: उष्णकटिबंधीय कटीली झाड़ियाँ (अकेसिया, कंचन, फुलई, थोर, नीम)।
- कृषि: शुष्क खेती (सरसों, मटर, चना, अरहर, सोयाबीन)।
- क्षेत्र: झाँसी, ललितपुर, चित्रकूट, मिर्जापुर, सोनभद्र।
महत्वपूर्ण तथ्य: सिंचाई और उर्वरकों से इस क्षेत्र में उत्पादन बढ़ा है।
उदाहरण: सोनभद्र में पठारी मृदा पर शुष्क खेती।
3. जलवायु और ऋतुएँ
परिभाषा: जलवायु किसी क्षेत्र की दीर्घकालिक मौसम स्थिति है, जो तापमान, वर्षा, और हवाओं पर निर्भर करती है।
विशेषताएँ:
- प्रकार: मानसूनी जलवायु।
- ऋतुएँ:
- ग्रीष्म (मार्च-जून): तापमान 40-47°C (पठारी क्षेत्र में), लू (गर्म हवाएँ), सबसे गर्म: आगरा, झाँसी; सबसे कम गर्म: बरेली।
- वर्षा (मध्य जून-मध्य सितंबर): 88% वर्षा, बंगाल की खाड़ी से मानसूनी हवाएँ, सर्वाधिक वर्षा: गोरखपुर, सबसे कम: मथुरा।
- शीत (नवंबर-फरवरी): शीत लहर, पश्चिमी हवाओं से रबी फसलों के लिए लाभकारी वर्षा, ठंड उत्तर की ओर बढ़ती है।
महत्वपूर्ण तथ्य: गोरखपुर में औसत वार्षिक वर्षा 120-150 सेमी, मथुरा में 50-70 सेमी।
उदाहरण: गोरखपुर में भारी मानसूनी वर्षा।
4. मृदा और वनस्पति
परिभाषा: मृदा भूमि की ऊपरी परत है, जो पौधों के लिए पोषक तत्व प्रदान करती है; वनस्पति प्राकृतिक पेड़-पौधों का समूह है।
विवरण:
- भाबर और तराई: मृदा- कंकड़-पत्थर और मोटा बालू, कम उर्वर; वनस्पति- साल, सागौन के घने वन।
- मैदानी क्षेत्र: मृदा- खादर और बांगर (जलोढ़, अत्यंत उपजाऊ); वनस्पति- शुष्क पर्णपाती वन (साल, पलाश, नीम, शीशम), कृषि के लिए वन कम।
- पठारी भाग: मृदा- लाल, बलुई दोमट, राकर, चिकनी; वनस्पति- कटीली झाड़ियाँ (अकेसिया, थोर, नीम)।
महत्वपूर्ण तथ्य: खादर मृदा गंगा के किनारे सबसे उपजाऊ है।
उदाहरण: लखनऊ में खादर मृदा पर धान की खेती।
5. वन्य जीव
परिभाषा: जंगली क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से रहने वाले जीव-जंतु और पक्षी।
विवरण:
- प्रमुख वन्य जीव: बाघ, बारहसिंगा, भालू, चीता, सांभर, लोमड़ी, सियार, अजगर, मगर।
- पक्षी: मोर, तोता, मैना, गौरैया, कौआ, कोयल, कठफोड़वा, बगुला।
- संरक्षण: दुधवा राष्ट्रीय उद्यान और केवलादेव पक्षी विहार।
महत्वपूर्ण तथ्य: दुधवा राष्ट्रीय उद्यान बाघ और बारहसिंगा के लिए प्रसिद्ध है।
उदाहरण: केवलादेव में प्रवासी पक्षी जैसे साइबेरियन सारस।