पृथ्वी की आंतरिक संरचना

विस्तृत नोट्स

परिचय

पृथ्वी की आंतरिक संरचना में विभिन्न परतें शामिल हैं, जो इसके भौतिक और रासायनिक गुणों को परिभाषित करती हैं। ये परतें भूपर्पटी, मैन्टल, और क्रोड़ हैं। पृथ्वी की सतह पर शैलों का निर्माण और परिवर्तन निरंतर चलता रहता है, जिसे शैल चक्र के रूप में जाना जाता है।

1. पृथ्वी की आंतरिक संरचना

परिभाषा: पृथ्वी की आंतरिक संरचना पृथ्वी की विभिन्न परतों का वह समूह है, जो इसके केंद्र से सतह तक फैली हैं।

विशेषताएँ:

  • पृथ्वी की आंतरिक संरचना को तीन मुख्य परतों में बाँटा गया है: भूपर्पटी, मैन्टल, और क्रोड़।
  • ये परतें रासायनिक संरचना और भौतिक गुणों के आधार पर भिन्न हैं।
  • इन परतों का अध्ययन भूकंपीय तरंगों के विश्लेषण से किया जाता है।

वर्णन:

  • पृथ्वी की संरचना को प्याज की परतों की तरह समझा जा सकता है, जिसमें प्रत्येक परत की मोटाई और संरचना भिन्न है।
  • पृथ्वी का व्यास लगभग 12,742 किमी है, और इसका केंद्र उच्च तापमान और दबाव का क्षेत्र है।
  • आंतरिक संरचना भूकंप, ज्वालामुखी, और टेक्टोनिक गतिविधियों को प्रभावित करती है।

2. भूपर्पटी

परिभाषा: भूपर्पटी पृथ्वी की सबसे बाहरी ठोस परत है, जो स्थल और महासागरों की सतह बनाती है।

विशेषताएँ:

  • मोटाई: महाद्वीपीय भूपर्पटी (30-70 किमी), महासागरीय भूपर्पटी (5-10 किमी)।
  • संरचना: सिलिकेट खनिज (सिलिका और एल्यूमिनियम)।
  • घनत्व: 2.7-3.0 ग्राम/घन सेंटीमीटर।
  • यह टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित है, जो गतिशील हैं।
  • भूपर्पटी पर पहाड़, मैदान, और महासागर बेसिन जैसे भू-आकृतियाँ पाई जाती हैं।

उदाहरण: हिमालय और प्रशांत महासागर की तली भूपर्पटी के हिस्से हैं।

3. मैन्टल

परिभाषा: मैन्टल भूपर्पटी और क्रोड़ के बीच की मध्यवर्ती परत है, जो सिलिकेट चट्टानों से बनी है।

विशेषताएँ:

  • मोटाई: लगभग 2,900 किमी।
  • संरचना: सिलिका, मैग्नीशियम, और लोहा (मैफिक खनिज)।
  • तापमान: 1,000-3,700°C।
  • अवस्था: ऊपरी मैन्टल अंशतः पिघला हुआ (एस्थेनोस्फीयर), निचला मैन्टल ठोस।
  • यह ज्वालामुखी और टेक्टोनिक गतिविधियों का स्रोत है।

उदाहरण: मैन्टल में मैग्मा का प्रवाह ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बनता है।

4. क्रोड़

परिभाषा: क्रोड़ पृथ्वी का सबसे आंतरिक भाग है, जो मुख्यतः लोहा और निकल से बना है।

विशेषताएँ:

  • बाहरी क्रोड़: तरल, 2,200 किमी मोटा, 4,000-5,000°C।
  • आंतरिक क्रोड़: ठोस, 1,200 किमी मोटा, 5,000-6,000°C।
  • घनत्व: 9-13 ग्राम/घन सेंटीमीटर।
  • पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का स्रोत।
  • उच्च दबाव के कारण आंतरिक क्रोड़ ठोस है।

उदाहरण: क्रोड़ का तरल भाग पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को बनाए रखता है।

5. शैल

परिभाषा: शैल खनिजों और प्राकृतिक पदार्थों का ठोस समूह है, जो भूपर्पटी का निर्माण करता है।

विशेषताएँ:

  • शैलें खनिजों (जैसे क्वार्ट्ज, फेल्डस्पार) से बनी होती हैं।
  • ये पृथ्वी की सतह और आंतरिक संरचना का आधार हैं।
  • शैल चक्र के माध्यम से निरंतर बनती और बदलती हैं।
  • ये प्राकृतिक संसाधन जैसे कोयला, तेल, और खनिज प्रदान करती हैं।

उदाहरण: ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर शैलें हैं।

6. शैलों के प्रकार

परिभाषा: शैलें उनके निर्माण की प्रक्रिया के आधार पर तीन प्रकार की होती हैं: आग्नेय, अवसादी, और रूपांतरित।

6.1 आग्नेय शैल

परिभाषा: आग्नेय शैलें मैग्मा या लावा के ठंडा और जमने से बनती हैं।

विशेषताएँ:

  • प्राथमिक शैलें, क्योंकि ये सबसे पहले बनती हैं।
  • दो प्रकार: अंतर्जनन (जैसे ग्रेनाइट) और बाह्यजनन (जैसे बेसाल्ट)।
  • कठोर और क्रिस्टलीय संरचना।
  • खनिज जैसे क्वार्ट्ज और फेल्डस्पार प्रचुर।
  • ज्वालामुखी क्षेत्रों में सामान्य।

उदाहरण: ग्रेनाइट, बेसाल्ट, और ओब्सिडियन।

6.2 अवसादी शैल

परिभाषा: अवसादी शैलें खनिजों और कार्बनिक पदार्थों के संचय, संनादन, और सीमेंटेशन से बनती हैं।

विशेषताएँ:

  • परतदार संरचना।
  • जीवाश्म प्रचुर, जो प्राचीन जीवन का प्रमाण देते हैं।
  • पानी, हवा, या हिमनद द्वारा अवसादों का जमाव।
  • नरम और आसानी से टूटने वाली।
  • लगभग 75% पृथ्वी की सतह पर पाई जाती हैं।

उदाहरण: बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, और शेल।

6.3 रूपांतरित शैल

परिभाषा: रूपांतरित शैलें आग्नेय या अवसादी शैलों के उच्च ताप और दबाव में परिवर्तन से बनती हैं।

विशेषताएँ:

  • क्रिस्टलीय और कठोर संरचना।
  • रूपांतरण प्रक्रिया: गर्मी, दबाव, और रासायनिक प्रक्रियाएँ।
  • नई संरचना और खनिज बनते हैं।
  • पट्टियों या परतों वाली बनावट।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में सामान्य।

उदाहरण: मार्बल, स्लेट, और नीस।

7. मूल चट्टान और रूपांतरित चट्टान की तुलना

मूल चट्टान प्रकार रूपांतरित चट्टान विशेषताएँ
ग्रेनाइट आग्नेय नीस पट्टियों वाली बनावट, कठोर, गर्मी और दबाव से निर्मित।
बेसाल्ट आग्नेय शिस्ट परतदार, चमकदार, खनिज पुनर्संरचना।
चूना पत्थर अवसादी मार्बल चमकदार, क्रिस्टलीय, सजावटी उपयोग।
शेल अवसादी स्लेट पतली परतें, छत सामग्री के लिए उपयोगी।
बलुआ पत्थर अवसादी क्वार्टजाइट अत्यधिक कठोर, रेत के कणों का क्रिस्टलीकरण।

8. शैलों की विशेषताएँ

आग्नेय शैल:

  • कठोर और टिकाऊ।
  • क्रिस्टलीय संरचना।
  • जीवाश्म अनुपस्थित।
  • उदाहरण: ग्रेनाइट (निर्माण), बेसाल्ट (सड़क निर्माण)।

अवसादी शैल:

  • परतदार और नरम।
  • जीवाश्म प्रचुर।
  • उदाहरण: चूना पत्थर (सीमेंट), कोयला (ईंधन)।
  • पृथ्वी की सतह का 75% हिस्सा।

रूपांतरित शैल:

  • कठोर और क्रिस्टलीय।
  • पट्टियों या परतों वाली बनावट।
  • उदाहरण: मार्बल (सजावट), स्लेट (छत)।
  • उच्च ताप और दबाव से निर्मित।

उदाहरण: मार्बल का उपयोग ताजमहल में हुआ है।

सारांश (एक पंक्ति के तथ्य)

  1. पृथ्वी की आंतरिक संरचना में भूपर्पटी, मैन्टल, और क्रोड़ शामिल हैं।
  2. भूपर्पटी पृथ्वी की सबसे बाहरी ठोस परत है।
  3. महाद्वीपीय भूपर्पटी की मोटाई 30-70 किमी है।
  4. महासागरीय भूपर्पटी की मोटाई 5-10 किमी है।
  5. भूपर्पटी सिलिका और एल्यूमिनियम से बनी है।
  6. मैन्टल की मोटाई लगभग 2,900 किमी है।
  7. मैन्टल में सिलिका, मैग्नीशियम, और लोहा होता है।
  8. मैन्टल का ऊपरी भाग अंशतः पिघला हुआ है।
  9. क्रोड़ पृथ्वी का सबसे आंतरिक भाग है।
  10. क्रोड़ मुख्यतः लोहा और निकल से बना है।
  11. बाहरी क्रोड़ तरल और आंतरिक क्रोड़ ठोस है।
  12. क्रोड़ पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का स्रोत है।
  13. शैलें खनिजों का ठोस समूह हैं।
  14. शैलें तीन प्रकार की होती हैं: आग्नेय, अवसादी, रूपांतरित।
  15. आग्नेय शैलें मैग्मा या लावा से बनती हैं।
  16. ग्रेनाइट एक अंतर्जनन आग्नेय शैल है।
  17. बेसाल्ट एक बाह्यजनन आग्नेय शैल है।
  18. आग्नेय शैलें कठोर और क्रिस्टलीय होती हैं।
  19. अवसादी शैलें अवसादों के संचय से बनती हैं।
  20. चूना पत्थर एक अवसादी शैल है।
  21. अवसादी शैलें परतदार होती हैं।
  22. अवसादी शैलों में जीवाश्म पाए जाते हैं।
  23. रूपांतरित शैलें गर्मी और दबाव से बनती हैं।
  24. मार्बल एक रूपांतरित शैल है।
  25. स्लेट एक रूपांतरित शैल है।
  26. ग्रेनाइट से नीस बनता है।
  27. चूना पत्थर से मार्बल बनता है।
  28. शेल से स्लेट बनता है।
  29. बलुआ पत्थर से क्वार्टजाइट बनता है।
  30. बेसाल्ट से शिस्ट बनता है।
  31. आग्नेय शैलों में जीवाश्म नहीं होते।
  32. अवसादी शैलें पृथ्वी की सतह का 75% हिस्सा हैं।
  33. रूपांतरित शैलें पट्टियों वाली होती हैं।
  34. शैल चक्र शैलों का निर्माण और परिवर्तन दर्शाता है।
  35. भूपर्पटी टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित है।
  36. मैन्टल में मैग्मा ज्वालामुखी बनाता है।
  37. क्रोड़ का तापमान 4,000-6,000°C है।
  38. भूपर्पटी का घनत्व 2.7-3.0 ग्राम/घन सेंटीमीटर है।
  39. मैन्टल का तापमान 1,000-3,700°C है।
  40. आग्नेय शैलें निर्माण में उपयोगी हैं।
  41. अवसादी शैलें सीमेंट और ईंधन प्रदान करती हैं।
  42. रूपांतरित शैलें सजावट में उपयोगी हैं।
  43. मार्बल का उपयोग ताजमहल में हुआ।
  44. स्लेट छत सामग्री के लिए उपयोगी है।
  45. क्वार्टजाइट अत्यधिक कठोर है।
  46. आग्नेय शैलें ज्वालामुखी क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
  47. अवसादी शैलें नदियों और समुद्रों में बनती हैं।
  48. रूपांतरित शैलें पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
  49. शैलें प्राकृतिक संसाधन प्रदान करती हैं।
  50. पृथ्वी की संरचना भूकंपीय तरंगों से जानी जाती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. पृथ्वी की सबसे बाहरी परत कौन-सी है?





2. भूपर्पटी मुख्यतः किससे बनी है?





3. मैन्टल की मोटाई कितनी है?





4. क्रोड़ का मुख्य घटक क्या है?





5. बाहरी क्रोड़ की अवस्था क्या है?





6. शैल किसका समूह है?





7. आग्नेय शैलें कैसे बनती हैं?





8. ग्रेनाइट किस प्रकार की शैल है?





9. अवसादी शैलों में क्या प्रचुर होता है?





10. रूपांतरित शैलें कैसे बनती हैं?





11. चूना पत्थर से कौन-सी रूपांतरित शैल बनती है?





12. शेल से कौन-सी रूपांतरित शैल बनती है?





13. ग्रेनाइट से कौन-सी रूपांतरित शैल बनती है?





14. आग्नेय शैलों की मुख्य विशेषता क्या है?





15. अवसादी शैलें पृथ्वी की सतह का कितना हिस्सा ढकती हैं?





16. मार्बल का उपयोग कहाँ हुआ है?





17. स्लेट का उपयोग किस लिए होता है?





18. क्रोड़ का तापमान कितना है?





19. मैन्टल में क्या पाया जाता है?





20. भूपर्पटी का घनत्व कितना है?





21. बलुआ पत्थर से कौन-सी रूपांतरित शैल बनती है?





22. बेसाल्ट से कौन-सी रूपांतरित शैल बनती है?





23. आग्नेय शैलें कहाँ सामान्यतः पाई जाती हैं?





24. अवसादी शैलें किस प्रक्रिया से बनती हैं?





25. रूपांतरित शैलें कहाँ सामान्यतः पाई जाती हैं?





26. शैल चक्र क्या दर्शाता है?





27. चूना पत्थर का उपयोग किस लिए होता है?





28. मैन्टल का तापमान कितना है?





29. क्रोड़ का घनत्व कितना है?





30. आग्नेय शैलों में क्या अनुपस्थित होता है?