उष्ण मरुस्थल: उष्ण कटिबंध (20°-30° अक्षांश) में कम वर्षा वाला शुष्क क्षेत्र।
जलवायु: उष्ण मरुस्थल में गर्म और शुष्क जलवायु।
उष्ण मरुस्थल 20°-30° अक्षांश में उपोष्ण उच्च दाब क्षेत्र में स्थित हैं।
औसत तापमान दिन में 40°C-50°C तक पहुँचता है।
रात का तापमान 0°C तक गिर सकता है।
वार्षिक वर्षा 250 मिमी से कम होती है।
सहारा मरुस्थल विश्व का सबसे बड़ा उष्ण मरुस्थल है।
भारत में थार मरुस्थल उष्ण मरुस्थल का उदाहरण है।
जलवायु में तापमान का दैनिक अंतर अधिक (20°C-30°C) होता है।
शुष्कता का कारण व्यापारिक पवनों का प्रभाव है।
उष्ण मरुस्थल में वनस्पति विरल और काँटेदार होती है।
कैक्टस और युक्का मरुस्थल के प्रमुख पौधे हैं।
भारत में थार में कीकर और बबूल प्रमुख हैं।
वनस्पति पानी संग्रह करने के लिए अनुकूलित होती है।
घास बहुत कम और छोटी होती है।
वनस्पति शुष्क जलवायु में जीवित रहने के लिए मोटी छाल वाली होती है।
ऊँट उष्ण मरुस्थल का सबसे महत्वपूर्ण जानवर है।
सहारा में फेनेक लोमड़ी पाई जाती है।
थार में चिंकारा (मरु हिरण) प्रमुख है।
साँप और छिपकली मरुस्थल में आम हैं।
जीव-जंतु रात में सक्रिय (निशाचर) होते हैं।
मरुस्थल में जैव विविधता कम होती है।
पक्षी जैसे शुतुरमुर्ग (सहारा) पाए जाते हैं।
जीव पानी की कमी से निपटने के लिए अनुकूलित हैं।
उष्ण मरुस्थल में जनसंख्या घनत्व बहुत कम है।
बेदुईन (सहारा) और भेड़िया (थार) मरुस्थल की खानाबदोश जनजातियाँ हैं।
पशुपालन (ऊँट, बकरी) मुख्य आजीविका है।
खजूर मरुस्थल की प्रमुख फसल है।
ओएसिस मरुस्थल में मानव बस्तियों का आधार हैं।
पानी की कमी मानव जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है।
आधुनिक समय में खनिज तेल मरुस्थल की अर्थव्यवस्था का आधार है।
मरुस्थल में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ रहा है।
सहारा मरुस्थल 94 लाख वर्ग किमी में फैला है।
थार मरुस्थल भारत का 5% क्षेत्र घेरता है।
मरुस्थल में रेत के टीले (बालुका स्तूप) प्रमुख हैं।
मरुस्थल में धूल भरी आँधियाँ (लू) आम हैं।
मरुस्थल का विस्तार जलवायु परिवर्तन से बढ़ रहा है।
मरुस्थल में मृग मरीचिका (Mirage) देखी जाती है।
मरुस्थल में खनिज (पेट्रोलियम) प्रचुर हैं।
उष्ण मरुस्थल विश्व के 1/5 भूमि भाग को कवर करते हैं।