धरातल के रूप बदलने वाले कारक

विस्तृत नोट्स

परिचय

पृथ्वी का धरातल निरंतर परिवर्तनशील है, जो आंतरिक और बाह्य कारकों के कारण बदलता है। आंतरिक कारक, जैसे विवर्तनिक संचलन, ज्वालामुखी, और भूकंप, पृथ्वी की आंतरिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होते हैं और धरातल को आकार देते हैं। ये कारक पृथ्वी की स्थलाकृतियों, जैसे पर्वत, पठार, और मैदान, के निर्माण और परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

1. आंतरिक कारक

परिभाषा: आंतरिक कारक वे प्राकृतिक प्रक्रियाएँ हैं जो पृथ्वी की आंतरिक संरचना से उत्पन्न होती हैं और धरातल को बदलती हैं।

विशेषताएँ:

  • ये पृथ्वी के आंतरिक भाग (मैन्टल और क्रोड़) से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
  • विवर्तनिक संचलन, ज्वालामुखी, और भूकंप इसके उदाहरण हैं।
  • ये पर्वत, भ्रंश, और नए स्थलरूप बनाते हैं।
  • ये दीर्घकालिक और आकस्मिक दोनों हो सकते हैं।

उदाहरण: हिमालय का निर्माण, ज्वालामुखी विस्फोट (माउंट विसुवियस), भूकंप (जापान, 2011)।

2. विवर्तनिक संचलन

परिभाषा: विवर्तनिक संचलन वे गतियाँ हैं जो भूपर्पटी की टेक्टोनिक प्लेटों के हिलने-डुलने से होती हैं।

विशेषताएँ:

  • पृथ्वी की भूपर्पटी टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित है।
  • ये प्लेटें मैन्टल के ऊपरी भाग (एस्थेनोस्फीयर) पर तैरती हैं।
  • संचलन के प्रकार: अभिसारी, अपसारी, और रूपांतरक।
  • ये पर्वत निर्माण, भूकंप, और ज्वालामुखी गतिविधियों का कारण बनते हैं।

उदाहरण: भारतीय और यूरेशियाई प्लेट की टक्कर से हिमालय का निर्माण।

3. आंतरिक बल के प्रकार

परिभाषा: आंतरिक बल वे शक्तियाँ हैं जो पृथ्वी के आंतरिक भाग से उत्पन्न होकर धरातल को बदलती हैं।

प्रकार:

  • वलन: भूपर्पटी की चट्टानों का मोड़ना, जिससे बलित पर्वत बनते हैं।
  • भ्रंशन: चट्टानों का टूटना और खिसकना, जिससे खंड पर्वत बनते हैं।

विशेषताएँ:

  • वलन से लंबी पर्वत श्रृंखलाएँ बनती हैं, जैसे हिमालय।
  • भ्रंशन से खड़ी ढलानें और भ्रंश रेखाएँ बनती हैं, जैसे सिएरा नेवादा।
  • ये बल टेक्टोनिक प्लेटों की गति से प्रेरित होते हैं।

उदाहरण: वलन - हिमालय; भ्रंशन - विन्ध्याचल।

4. दीर्घकालिक बल

परिभाषा: दीर्घकालिक बल वे आंतरिक प्रक्रियाएँ हैं जो लंबे समय तक धरातल को बदलती हैं, जैसे ज्वालामुखी और भूकंप।

विशेषताएँ:

  • ये धीरे-धीरे या तीव्रता से स्थलरूप बनाते हैं।
  • ज्वालामुखी नए स्थलरूप, जैसे पर्वत और पठार, बनाते हैं।
  • भूकंप भ्रंश रेखाओं और नए स्थलरूपों का निर्माण करते हैं।

उदाहरण: दक्कन पठार (ज्वालामुखी), सान एंड्रियास भ्रंश (भूकंप)।

5. आकस्मिक बल

परिभाषा: आकस्मिक बल वे तीव्र और अचानक प्रक्रियाएँ हैं जो धरातल को तुरंत बदल देती हैं।

विशेषताएँ:

  • ये त्वरित और विनाशकारी हो सकते हैं।
  • ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप इसके उदाहरण हैं।
  • ये मानव जीवन और पर्यावरण पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

उदाहरण: 2004 हिंद महासागर सुनामी, माउंट सेंट हेलेन्स विस्फोट (1980)।

6. ज्वालामुखी के प्रकार

परिभाषा: ज्वालामुखी वे स्थान हैं जहाँ पृथ्वी के आंतरिक भाग से मैग्मा, राख, और गैसें सतह पर निकलती हैं।

प्रकार:

  • सक्रिय ज्वालामुखी: नियमित या हाल में विस्फोट करने वाले।
  • सुप्त ज्वालामुखी: जो वर्तमान में शांत हैं, लेकिन भविष्य में सक्रिय हो सकते हैं।
  • शांत ज्वालामुखी: जो लंबे समय से निष्क्रिय हैं और विस्फोट की संभावना नहीं है।

विशेषताएँ:

  • सक्रिय ज्वालामुखी खतरनाक और विनाशकारी होते हैं।
  • सुप्त ज्वालामुखी पर्यटन स्थल हो सकते हैं।
  • शांत ज्वालामुखी स्थायी स्थलरूप बनाते हैं।

उदाहरण: सक्रिय - माउंट एटना; सुप्त - माउंट फुजी; शांत - माउंट किलिमंजारो।

7. विश्व के प्रमुख ज्वालामुखी

विवरण:

  • माउंट एटना (इटली): यूरोप का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी, सिसिली में स्थित।
  • माउंट विसुवियस (इटली): सुप्त, 79 ई. में पॉम्पी को नष्ट किया।
  • माउंट फुजी (जापान): सुप्त, जापान का प्रतीक और पर्यटन स्थल।
  • माउंट सेंट हेलेन्स (USA): सक्रिय, 1980 में विनाशकारी विस्फोट।
  • क्रकटोआ (इंडोनेशिया): सक्रिय, 1883 में विनाशकारी विस्फोट और सुनामी।

8. ज्वालामुखी के क्षेत्र

परिभाषा: ज्वालामुखी के क्षेत्र वे भौगोलिक क्षेत्र हैं जहाँ ज्वालामुखी गतिविधियाँ सामान्य हैं।

विशेषताएँ:

  • परिप्रशांत अग्निवलय (Ring of Fire) प्रमुख ज्वालामुखी क्षेत्र है।
  • मध्य-अटलांटिक रिज और हवाई द्वीप भी ज्वालामुखी क्षेत्र हैं।
  • ये क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं पर स्थित हैं।

उदाहरण: परिप्रशांत अग्निवलय, मध्य-अटलांटिक रिज, बारन द्वीप (भारत)।

9. ज्वालामुखी का मानव जीवन पर प्रभाव

लाभकारी प्रभाव:

  • उपजाऊ मिट्टी का निर्माण, जैसे दक्कन पठार।
  • भू-तापीय ऊर्जा का स्रोत।
  • खनिज संसाधन, जैसे सल्फर और हीरे।
  • पर्यटन स्थल, जैसे माउंट फुजी।

हानिकारक प्रभाव:

  • विनाशकारी विस्फोट और राख से फसल नष्ट।
  • सुनामी और बाढ़ का खतरा।
  • वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन।
  • जन-धन की हानि, जैसे पॉम्पी (79 ई.)।

उदाहरण: क्रकटोआ विस्फोट (1883) ने सुनामी उत्पन्न की, जिससे भारी नुकसान हुआ।

10. भूकंप

परिभाषा: भूकंप पृथ्वी की सतह का अचानक कंपन है, जो भूपर्पटी में ऊर्जा के अचानक निकलने से होता है।

विशेषताएँ:

  • टेक्टोनिक प्लेटों की गति, भ्रंशन, या ज्वालामुखी गतिविधियों से होता है।
  • रिएक्टर पैमाने पर मापा जाता है।
  • यह भूस्खलन, सुनामी, और इमारतों को नुकसान पहुँचाता है।

उदाहरण: 2004 हिंद महासागर भूकंप, 2011 जापान भूकंप।

11. भूकंप उद्गम केंद्र

परिभाषा: भूकंप उद्गम केंद्र (Focus) वह बिंदु है जहाँ भूकंप की उत्पत्ति होती है।

विशेषताएँ:

  • यह भूपर्पटी के भीतर होता है।
  • गहराई के आधार पर उथला, मध्यम, या गहरा हो सकता है।
  • उद्गम केंद्र से भूकंपीय तरंगें निकलती हैं।

उदाहरण: 2011 जापान भूकंप का उद्गम केंद्र समुद्र में था।

12. अधिकेंद्र

परिभाषा: अधिकेंद्र (Epicenter) वह बिंदु है जो पृथ्वी की सतह पर उद्गम केंद्र के ठीक ऊपर होता है।

विशेषताएँ:

  • यहाँ भूकंप का प्रभाव सबसे तीव्र होता है।
  • भूकंपीय तरंगें यहाँ से फैलती हैं।
  • सिस्मोग्राफ से इसका स्थान निर्धारित किया जाता है।

उदाहरण: 2001 भुज भूकंप का अधिकेंद्र गुजरात में था।

13. सुनामी

परिभाषा: सुनामी समुद्र में विशाल लहरें हैं, जो भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, या भूस्खलन से उत्पन्न होती हैं।

विशेषताएँ:

  • ये तटीय क्षेत्रों में भारी विनाश करती हैं।
  • लहरों की ऊँचाई 10-30 मीटर तक हो सकती है।
  • ये तेजी से फैलती हैं (500-1,000 किमी/घंटा)।

उदाहरण: 2004 हिंद महासागर सुनामी, 2011 जापान सुनामी।

14. परिप्रशांत अग्निवलय

परिभाषा: परिप्रशांत अग्निवलय (Ring of Fire) प्रशांत महासागर के चारों ओर का क्षेत्र है, जहाँ अधिकांश ज्वालामुखी और भूकंप होते हैं।

विशेषताएँ:

  • यह टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं पर स्थित है।
  • विश्व के 75% सक्रिय ज्वालामुखी यहाँ हैं।
  • 90% भूकंप यहाँ दर्ज किए जाते हैं।

उदाहरण: माउंट एटना, क्रकटोआ, और माउंट सेंट हेलेन्स।

15. अंतःमहाद्वीपीय पेटी

परिभाषा: अंतःमहाद्वीपीय पेटी वह क्षेत्र है जो महाद्वीपों के भीतर टेक्टोनिक गतिविधियों से प्रभावित होता है।

विशेषताएँ:

  • यह परिप्रशांत अग्निवलय से भिन्न है।
  • यहाँ भूकंप और ज्वालामुखी कम होते हैं।
  • भ्रंश रेखाएँ और पर्वत निर्माण सामान्य हैं।

उदाहरण: हिमालय क्षेत्र, मध्य-अटलांटिक रिज।

16. भूकंप से बचाव

परिभाषा: भूकंप से बचाव में वे उपाय शामिल हैं जो भूकंप के प्रभाव को कम करते हैं।

उपाय:

  • भूकंपरोधी भवन निर्माण।
  • आपातकालीन किट और निकास योजना।
  • भूकंपीय चेतावनी प्रणाली।
  • सुरक्षित स्थान पर शरण लेना (टेबल के नीचे)।

उदाहरण: जापान में भूकंपरोधी भवन और चेतावनी प्रणाली।

17. भूकंप से लाभ और हानियाँ

लाभ:

  • नए स्थलरूपों का निर्माण, जैसे भ्रंश रेखाएँ।
  • भू-तापीय ऊर्जा स्रोतों का पता लगाना।
  • खनिज संसाधनों का उजागर होना।

हानियाँ:

  • जन-धन की हानि।
  • इमारतों और बुनियादी ढाँचे का विनाश।
  • सुनामी और भूस्खलन का खतरा।

उदाहरण: 2001 भुज भूकंप से भारी तबाही, लेकिन नए भू-तापीय स्रोतों की खोज।

सारांश (एक पंक्ति के तथ्य)

  1. आंतरिक कारक पृथ्वी की आंतरिक प्रक्रियाओं से धरातल बदलते हैं।
  2. विवर्तनिक संचलन टेक्टोनिक प्लेटों की गति से होता है।
  3. वलन से बलित पर्वत बनते हैं।
  4. भ्रंशन से खंड पर्वत बनते हैं।
  5. दीर्घकालिक बल ज्वालामुखी और भूकंप हैं।
  6. आकस्मिक बल तीव्र और विनाशकारी होते हैं।
  7. सक्रिय ज्वालामुखी नियमित विस्फोट करते हैं।
  8. सुप्त ज्वालामुखी भविष्य में सक्रिय हो सकते हैं।
  9. शांत ज्वालामुखी निष्क्रिय होते हैं।
  10. माउंट एटना यूरोप का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है।
  11. माउंट विसुवियस ने 79 ई. में पॉम्पी नष्ट किया।
  12. माउंट फुजी जापान का सुप्त ज्वालामुखी है।
  13. माउंट सेंट हेलेन्स 1980 में विस्फोटित हुआ।
  14. क्रकटोआ ने 1883 में सुनामी उत्पन्न की।
  15. परिप्रशांत अग्निवलय में 75% ज्वालामुखी हैं।
  16. ज्वालामुखी उपजाऊ मिट्टी बनाते हैं।
  17. ज्वालामुखी भू-तापीय ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  18. ज्वालामुखी विस्फोट विनाशकारी होते हैं।
  19. भूकंप पृथ्वी की सतह का अचानक कंपन है।
  20. भूकंप उद्गम केंद्र भूकंप की उत्पत्ति का बिंदु है।
  21. अधिकेंद्र उद्गम केंद्र के ठीक ऊपर होता है।
  22. सुनामी समुद्र में विशाल लहरें हैं।
  23. परिप्रशांत अग्निवलय में 90% भूकंप होते हैं।
  24. अंतःमहाद्वीपीय पेटी में भ्रंश रेखाएँ सामान्य हैं।
  25. भूकंपरोधी भवन भूकंप से बचाव करते हैं।
  26. भूकंप नए स्थलरूप बनाते हैं।
  27. भूकंप इमारतों को नष्ट करते हैं।
  28. ज्वालामुखी पर्यटन स्थल हो सकते हैं।
  29. विवर्तनिक संचलन पर्वत निर्माण का कारण हैं।
  30. वलन से हिमालय बना।
  31. भ्रंशन से सिएरा नेवादा बना।
  32. ज्वालामुखी खनिज संसाधन प्रदान करते हैं।
  33. भूकंप भू-तापीय ऊर्जा स्रोत उजागर करते हैं।
  34. सुनामी तटीय क्षेत्रों में विनाश करती है।
  35. 2004 हिंद महासागर सुनामी भूकंप से उत्पन्न हुई।
  36. भूकंप रिएक्टर पैमाने पर मापा जाता है।
  37. ज्वालामुखी क्षेत्र टेक्टोनिक सीमाओं पर हैं।
  38. मध्य-अटलांटिक रिज एक ज्वालामुखी क्षेत्र है।
  39. बारन द्वीप भारत का सक्रिय ज्वालामुखी है।
  40. ज्वालामुखी वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं।
  41. भूकंप से भूस्खलन होता है।
  42. आकस्मिक बल त्वरित परिवर्तन करते हैं।
  43. दीर्घकालिक बल धीरे-धीरे स्थलरूप बनाते हैं।
  44. सक्रिय ज्वालामुखी खतरनाक होते हैं।
  45. सुप्त ज्वालामुखी पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
  46. शांत ज्वालामुखी स्थायी स्थलरूप हैं।
  47. 2001 भुज भूकंप ने गुजरात को प्रभावित किया।
  48. भूकंपीय चेतावनी प्रणाली जान बचाती है।
  49. ज्वालामुखी जलवायु परिवर्तन का कारण बन सकते हैं।
  50. आंतरिक कारक मैन्टल से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आंतरिक कारक क्या हैं?





2. विवर्तनिक संचलन का कारण क्या है?





3. वलन से क्या बनता है?





4. भ्रंशन से क्या बनता है?





5. दीर्घकालिक बल का उदाहरण क्या है?





6. आकस्मिक बल का उदाहरण क्या है?





7. सक्रिय ज्वालामुखी की विशेषता क्या है?





8. माउंट फुजी किस प्रकार का ज्वालामुखी है?





9. परिप्रशांत अग्निवलय में क्या सामान्य है?





10. ज्वालामुखी का लाभकारी प्रभाव क्या है?





11. भूकंप का मापन किस पैमाने पर होता है?





12. भूकंप उद्गम केंद्र कहाँ होता है?





13. अधिकेंद्र क्या है?





14. सुनामी का कारण क्या हो सकता है?





15. परिप्रशांत अग्निवलय में कितने प्रतिशत ज्वालामुखी हैं?





16. माउंट विसुवियस ने किस शहर को नष्ट किया?





17. भूकंप से बचाव का उपाय क्या है?





18. ज्वालामुखी का हानिकारक प्रभाव क्या है?





19. अंतःमहाद्वीपीय पेटी की विशेषता क्या है?





20. भूकंप का लाभ क्या है?





21. माउंट सेंट हेलेन्स कब विस्फोटित हुआ?





22. क्रकटोआ ने कब सुनामी उत्पन्न की?





23. परिप्रशांत अग्निवलय में कितने प्रतिशत भूकंप होते हैं?





24. सुनामी की लहरों की ऊँचाई कितनी हो सकती है?





25. माउंट एटना कहाँ स्थित है?





26. भूकंप से होने वाली हानि क्या है?





27. ज्वालामुखी क्षेत्र कहाँ स्थित हैं?





28. 2001 भुज भूकंप का अधिकेंद्र कहाँ था?





29. सुप्त ज्वालामुखी की विशेषता क्या है?





30. भूकंपीय तरंगें कहाँ से निकलती हैं?