परिचय
वायु की गतियाँ वायुमण्डल में हवाओं के प्रवाह को दर्शाती हैं, जो वायुदाब, तापमान, और पृथ्वी के घूर्णन से प्रभावित होती हैं। ये गतियाँ मौसम, जलवायु, और मानव जीवन को प्रभावित करती हैं। पवनें स्थायी और अस्थायी होती हैं, और चक्रवात जैसी घटनाएँ वायु की गतियों का परिणाम हैं।
1. पवन
परिभाषा: पवन वायु का क्षैतिज गति है, जो उच्च वायुदाब क्षेत्र से निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर बहती है।
विशेषताएँ:
- पवन की गति और दिशा वायुदाब के अंतर पर निर्भर करती है।
- यह मौसम परिवर्तन, वर्षा, और तूफान का कारण बनती है।
- पवन की दिशा को दिशा सूचक यंत्र से मापा जाता है।
- पवन की गति को एनीमोमीटर से मापा जाता है।
भारत से उदाहरण: मॉनसून पवनें भारत में वर्षा लाती हैं।
विश्व से उदाहरण: ट्रेड विंड्स (व्यापारिक पवनें) कैरेबियन में नौकायन को प्रभावित करती हैं।
2. कोरोलियस बल
परिभाषा: कोरोलियस बल पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न होने वाला काल्पनिक बल है, जो पवनों की दिशा को प्रभावित करता है।
विशेषताएँ:
- उत्तरी गोलार्ध में पवनें दाएँ और दक्षिणी गोलार्ध में बाएँ मुड़ती हैं।
- यह बल विषुवत पर न्यूनतम और ध्रुवों पर अधिकतम होता है।
- यह चक्रवातों और पवनों की दिशा को प्रभावित करता है।
भारत से उदाहरण: मॉनसून पवनों का दायाँ विचलन।
विश्व से उदाहरण: अटलांटिक में हरीकेन का दायाँ विचलन।
3. विक्षेपण
परिभाषा: विक्षेपण पृथ्वी के घूर्णन के कारण पवनों और धाराओं की दिशा में होने वाला परिवर्तन है।
विशेषताएँ:
- कोरोलियस बल के कारण होता है।
- यह चक्रवातों और मौसम प्रणालियों को प्रभावित करता है।
- उत्तरी गोलार्ध में दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्ध में वामावर्त।
भारत से उदाहरण: बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों का दायाँ विचलन।
विश्व से उदाहरण: ऑस्ट्रेलिया में चक्रवातों का बायाँ विचलन।
4. पवन के प्रकार
परिभाषा: पवनें दो प्रकार की होती हैं - स्थायी (नियतवाही) और अस्थायी (अनियतवाही)।
प्रकार:
- स्थायी पवन: व्यापारिक, पछुआ, ध्रुवीय।
- अस्थायी पवन: मानसूनी, स्थानीय, समीर।
भारत से उदाहरण: भारत में मानसूनी पवनें प्रमुख हैं।
विश्व से उदाहरण: व्यापारिक पवनें विश्व व्यापार में सहायक थीं।
5. स्थायी (नियतवाही) पवन
परिभाषा: स्थायी पवनें वे हैं जो वर्ष भर एक निश्चित दिशा में बहती हैं और वैश्विक वायुदाब पेटियों के कारण उत्पन्न होती हैं।
प्रकार:
- व्यापारिक पवन
- पछुआ पवन
- ध्रुवीय पवन
भारत से उदाहरण: व्यापारिक पवनें मॉनसून को प्रभावित करती हैं।
विश्व से उदाहरण: पछुआ पवनें यूरोप में वर्षा लाती हैं।
6. व्यापारिक पवन
परिभाषा: व्यापारिक पवनें उपोष्ण उच्च वायुदाब पेटी से विषुवतीय निम्न वायुदाब पेटी की ओर बहने वाली स्थायी पवनें हैं।
विशेषताएँ:
- उत्तरी गोलार्ध में उत्तर-पूर्व से और दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण-पूर्व से बहती हैं।
- ये नौकायन और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण थीं।
- विषुवत के पास गर्म और आर्द्र होती हैं।
भारत से उदाहरण: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून को प्रभावित करती हैं।
विश्व से उदाहरण: कैरेबियन में नौकायन को सहायता।
7. पछुआ पवन
परिभाषा: पछुआ पवनें उपोष्ण उच्च वायुदाब पेटी से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब पेटी की ओर बहती हैं।
विशेषताएँ:
- उत्तरी गोलार्ध में दक्षिण-पश्चिम से और दक्षिणी गोलार्ध में उत्तर-पश्चिम से।
- ये वर्षा और चक्रवात लाती हैं।
- शीतोष्ण कटिबंध में प्रभावी।
भारत से उदाहरण: पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में वर्षा लाते हैं।
विश्व से उदाहरण: यूरोप में पछुआ पवनें भारी वर्षा का कारण।
8. ध्रुवीय पवन
परिभाषा: ध्रुवीय पवनें ध्रुवीय उच्च वायुदाब पेटी से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब पेटी की ओर बहती हैं।
विशेषताएँ:
- ये ठंडी और शुष्क होती हैं।
- ध्रुवों पर हिमपात का कारण बनती हैं।
- उत्तरी गोलार्ध में उत्तर-पूर्व से बहती हैं।
भारत से उदाहरण: लद्दाख में ठंडी पवनें।
विश्व से उदाहरण: अंटार्कटिका में ध्रुवीय पवनें।
9. अस्थायी (अनियतवाही) पवन
परिभाषा: अस्थायी पवनें वे हैं जो मौसमी या स्थानीय परिस्थितियों के कारण अनियमित रूप से बहती हैं।
प्रकार:
- मानसूनी पवन
- स्थानीय पवन
- समीर
भारत से उदाहरण: मॉनसून पवनें भारत की जलवायु को प्रभावित करती हैं।
विश्व से उदाहरण: चिनूक पवनें उत्तरी अमेरिका में।
10. मानसूनी पवन
परिभाषा: मानसूनी पवनें मौसमी पवनें हैं जो तापमान और वायुदाब के अंतर के कारण दिशा बदलती हैं।
प्रकार:
- ग्रीष्मकालीन मॉनसून: समुद्र से स्थल की ओर।
- शीतकालीन मॉनसून: स्थल से समुद्र की ओर।
विशेषताएँ:
- ग्रीष्मकालीन मॉनसून वर्षा लाती हैं।
- शीतकालीन मॉनसून शुष्क होती हैं।
- दक्षिण एशिया में प्रभावी।
भारत से उदाहरण: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून भारत में वर्षा।
विश्व से उदाहरण: दक्षिण-पूर्व एशिया में मॉनसून।
11. स्थानीय पवन
परिभाषा: स्थानीय पवनें छोटे क्षेत्रों में स्थानीय तापमान और दबाव के अंतर के कारण बहती हैं।
प्रकार:
- चिनूक: गर्म और शुष्क, रॉकी पर्वतों में।
- सिरोक: गर्म और शुष्क, सहारा से भूमध्यसागर की ओर।
- बोरो: ठंडी, एड्रियाटिक सागर की ओर।
- लू: गर्म और शुष्क, उत्तर भारत में।
भारत से उदाहरण: राजस्थान में लू।
विश्व से उदाहरण: चिनूक पवनें कनाडा में।
12. समीर
परिभाषा: समीर स्थल और समुद्र के बीच तापमान अंतर के कारण बहने वाली दैनिक पवनें हैं।
प्रकार:
- स्थलीय समीर: रात में स्थल से समुद्र की ओर।
- सागरीय समीर: दिन में समुद्र से स्थल की ओर।
विशेषताएँ:
- ये तटीय क्षेत्रों में मौसम को प्रभावित करती हैं।
- दिन और रात के समय दिशा बदलती हैं।
भारत से उदाहरण: गोवा में सागरीय समीर।
विश्व से उदाहरण: मियामी (USA) में सागरीय समीर।
13. चक्रवात
परिभाषा: चक्रवात निम्न वायुदाब के चारों ओर तेजी से घूमने वाली पवनों का तंत्र है।
प्रकार:
- उष्ण कटिबंधीय चक्रवात: गर्म क्षेत्रों में, भारी वर्षा और तेज हवाएँ।
- शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात: मध्य अक्षांशों में, परिवर्तनशील मौसम।
भारत से उदाहरण: बंगाल की खाड़ी में चक्रवात अम्फान।
विश्व से उदाहरण: अटलांटिक में हरीकेन कैटरीना।
14. चक्रवात से बचाव
परिभाषा: चक्रवात से बचाव में वे उपाय शामिल हैं जो चक्रवातों के प्रभाव को कम करने के लिए किए जाते हैं।
उपाय:
- मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली।
- तटीय क्षेत्रों में आश्रय स्थल निर्माण।
- जंगल और मैंग्रोव संरक्षण।
- जागरूकता और आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण।
भारत से उदाहरण: ओडिशा में चक्रवात आश्रय स्थल।
विश्व से उदाहरण: जापान में चक्रवात रोधी संरचनाएँ।