सवाना प्रदेश: उष्ण कटिबंध में घासभूमि और छितरे वृक्षों वाला क्षेत्र।
जलवायु: सवाना में गर्म और मौसमी वर्षा वाली जलवायु।
सवाना जलवायु 10°-30° अक्षांश में पाई जाती है।
औसत तापमान 20°C-30°C रहता है।
वार्षिक वर्षा 500-1000 मिमी होती है।
सवाना में गर्मी और वर्षा के दो मौसम होते हैं।
शुष्क मौसम 6-8 महीने तक रहता है।
अफ्रीका में सवाना जलवायु सबसे व्यापक है।
सवाना जलवायु मानसून से प्रभावित होती है।
सवाना में मिट्टी कम उपजाऊ होती है।
सवाना में लंबी घास (1-3 मीटर) प्रमुख है।
बबूल और बाओबाब सवाना के मुख्य वृक्ष हैं।
सवाना में वनस्पति शुष्क मौसम में सूख जाती है।
घासभूमि प्राकृतिक आग से प्रभावित होती है।
सवाना वनस्पति पशुपालन के लिए उपयुक्त है।
सवाना में शेर प्रमुख शिकारी है।
हाथी सवाना का सबसे बड़ा जानवर है।
जिराफ सवाना का सबसे ऊँचा जानवर है।
चीता सवाना का सबसे तेज जानवर है।
सवाना में जेब्रा और हिरण आम हैं।
सवाना की जैव विविधता उष्ण कटिबंध में सर्वाधिक है।
जीव-जंतु घास और पानी पर निर्भर हैं।
सवाना में मासाई जनजाति पशुपालन के लिए प्रसिद्ध है।
सवाना में पशुपालन मुख्य आजीविका है।
सवाना में मक्का और बाजरा प्रमुख फसलें हैं।
पानी की कमी सवाना में मानव जीवन की बड़ी समस्या है।
सवाना में पर्यटन आधुनिक आजीविका है।
सवाना में जनसंख्या घनत्व मध्यम है।
अफ्रीका का सेरेनगेटी सवाना विश्व प्रसिद्ध है।
सवाना विश्व का 20% भूमि भाग घेरता है।
भारत में दक्कन का क्षेत्र सवाना जैसा है।
सवाना में आग घास को नवीनीकृत करती है।
सवाना क्षेत्र वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
सवाना का पारिस्थितिकी तंत्र नाजुक है।
सवाना में शिकार प्राचीन आजीविका थी।
सवाना में घासभूमि पशुचारण का आधार है।
सवाना में वर्षा का अभाव खेती को सीमित करता है।
सवाना जलवायु में तापमान स्थिर रहता है।
सवाना में प्रवासी पक्षी (जैसे सारस) पाए जाते हैं।
सवाना क्षेत्र अफ्रीका की पहचान है।