परिचय
परिभाषा: आपदा एक ऐसी अप्रत्याशित घटना है जो मानव जीवन, संपत्ति, और पर्यावरण को व्यापक क्षति पहुँचाती है, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित होता है।
आपदा प्रबंधन: आपदा के प्रभाव को कम करने, उसकी तैयारी, प्रतिक्रिया, और पुनर्वास के लिए योजनाबद्ध और संगठित प्रयासों को आपदा प्रबंधन कहते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य: आपदा प्रबंधन में जोखिम मूल्यांकन, तैयारी, और पुनर्वास शामिल हैं, जो जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।
1. आपदा के प्रकार
आपदाएँ दो प्रकार की होती हैं:
1.1 प्राकृतिक आपदा
परिभाषा: प्राकृतिक आपदाएँ प्रकृति द्वारा उत्पन्न होने वाली घटनाएँ हैं, जो मानव नियंत्रण से बाहर होती हैं।
उदाहरण: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी विस्फोट, चक्रवात, बाढ़, सूखा, भूस्खलन, आकाशीय बिजली, बादल फटना।
विशेषताएँ:
- प्रकृतिजन्य: ये प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे भूगर्भीय हलचल या मौसम परिवर्तन से उत्पन्न होती हैं।
- अप्रत्याशित: इनकी सटीक भविष्यवाणी कठिन होती है।
- विनाशकारी: बड़े पैमाने पर जीवन और संपत्ति को नुकसान।
1.2 मानव जनित आपदा
परिभाषा: मानव जनित आपदाएँ मानवीय गतिविधियों या लापरवाही के कारण होने वाली घटनाएँ हैं।
उदाहरण: औद्योगिक दुर्घटनाएँ, रासायनिक रिसाव, परमाणु दुर्घटनाएँ, आतंकवादी हमले, युद्ध, वनाग्नि।
विशेषताएँ:
- मानव निर्मित: मानव गतिविधियों जैसे तकनीकी त्रुटि या लापरवाही से उत्पन्न।
- रोकथाम संभव: उचित योजना और सावधानी से इन्हें कम किया जा सकता है।
- दीर्घकालिक प्रभाव: पर्यावरण और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव।
2. भूकंप
परिभाषा: भूकंप पृथ्वी की सतह का अचानक कंपन है, जो भूगर्भीय प्लेटों की हलचल के कारण होता है।
कारण:
- भूगर्भीय प्लेटों की टक्कर या खिसकना।
- भ्रंश रेखाओं पर तनाव।
- ज्वालामुखी गतिविधियाँ।
- मानवीय गतिविधियाँ: खनन, जलाशयों का निर्माण।
भूकंप प्रबंधन:
- आपदा से पहले:
- भूकंप रोधी भवन निर्माण।
- जोखिम क्षेत्रों की पहचान और मानचित्रण।
- सार्वजनिक जागरूकता और प्रशिक्षण।
- आपातकालीन किट तैयार करना।
- आपदा के दौरान:
- "ड्रॉप, कवर, होल्ड ऑन" तकनीक अपनाएँ।
- खुले मैदान में जाएँ, भवनों से दूर रहें।
- लिफ्ट का उपयोग न करें।
- आपदा के पश्चात:
- बचाव और राहत कार्य।
- चिकित्सा सहायता और पुनर्वास।
- संरचनाओं की जाँच और पुनर्निर्माण।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में हिमालय क्षेत्र भूकंप के लिए अति संवेदनशील है।
3. सुनामी
परिभाषा: सुनामी समुद्र में उत्पन्न होने वाली विशाल लहरें हैं, जो तटीय क्षेत्रों में भारी विनाश करती हैं।
कारण:
- समुद्र तल में भूकंप।
- ज्वालामुखी विस्फोट।
- भूस्खलन (समुद्र में)।
- उल्कापात।
महत्वपूर्ण तथ्य: 2004 की सुनामी ने भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को भारी नुकसान पहुँचाया।
4. भूस्खलन
परिभाषा: भूस्खलन वह प्रक्रिया है जिसमें चट्टानें, मिट्टी, और मलबा ढलानों से नीचे की ओर खिसकता है।
कारण:
- भारी वर्षा।
- भूकंप।
- वनों की कटाई।
- मानवीय गतिविधियाँ: सड़क निर्माण, खनन।
महत्वपूर्ण तथ्य: हिमालय क्षेत्र में भूस्खलन आम हैं।
5. ज्वालामुखी विस्फोट
परिभाषा: ज्वालामुखी विस्फोट वह प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी के भीतर से मैग्मा, राख, और गैसें सतह पर निकलती हैं।
कारण:
- पृथ्वी के आंतरिक भाग में मैग्मा का दबाव।
- भूगर्भीय प्लेटों की गतिविधि।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में बारन द्वीप पर सक्रिय ज्वालामुखी है।
6. चक्रवात
परिभाषा: चक्रवात एक शक्तिशाली तूफान है जिसमें तेज हवाएँ और भारी वर्षा होती है।
कारण:
- समुद्र की सतह पर गर्म हवाएँ और निम्न दबाव।
- कोरिओलिस प्रभाव।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवात आम हैं।
7. आकाशीय बिजली
परिभाषा: आकाशीय बिजली बादलों के बीच या बादल और पृथ्वी के बीच विद्युत आवेश का तीव्र निर्वहन है।
कारण:
- बादलों में विद्युत आवेश का निर्माण।
- गर्म और आर्द्र मौसम।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में मानसून के दौरान आकाशीय बिजली की घटनाएँ बढ़ती हैं।
8. बादल फटना
परिभाषा: बादल फटना एक ऐसी स्थिति है जिसमें कम समय में अत्यधिक वर्षा होती है, जिससे बाढ़ आती है।
कारण:
- भारी नमी वाले बादल।
- पर्वतीय क्षेत्रों में हवा का अवरोध।
महत्वपूर्ण तथ्य: उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाएँ सामान्य हैं।
9. सूखा
परिभाषा: सूखा वह स्थिति है जिसमें लंबे समय तक वर्षा की कमी के कारण पानी की कमी होती है।
कारण:
- मानसून की विफलता।
- वनों की कटाई।
- जलवायु परिवर्तन।
- अत्यधिक जल उपयोग।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में राजस्थान और मराठवाड़ा सूखा प्रभावित क्षेत्र हैं।
10. मानव जनित आपदा
उदाहरण:
- भोपाल गैस त्रासदी (1984)।
- परमाणु दुर्घटनाएँ: चेर्नोबिल, फुकुशिमा।
- आतंकवादी हमले।
- तेल रिसाव।
रोकथाम:
- सुरक्षा मानकों का पालन।
- उद्योगों में नियमित जाँच।
- पर्यावरण संरक्षण।
11. भारत में आपदा प्रबंधन
परिभाषा: भारत में आपदा प्रबंधन में जोखिम कम करने, तैयारी, और पुनर्वास के लिए नीतियाँ और योजनाएँ शामिल हैं।
विशेषताएँ:
- राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन योजनाएँ।
- आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)।
- जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम।
12. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
परिभाषा: NDMA भारत सरकार का एक शीर्ष निकाय है जो आपदा प्रबंधन नीतियों और योजनाओं को लागू करता है।
कार्य:
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति तैयार करना।
- जोखिम कम करने के लिए दिशानिर्देश।
- आपदा प्रतिक्रिया और पुनर्वास का समन्वय।
- जागरूकता और क्षमता निर्माण।
महत्वपूर्ण तथ्य: NDMA की स्थापना 2005 में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत हुई।