परिचय
परिभाषा: शक्ति के साधन वे संसाधन हैं जो ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। उदाहरण: कोयला, सौर ऊर्जा।
ऊर्जा उद्योग, परिवहन, और घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक है। भारत में शक्ति के साधन परंपरागत और गैर-परंपरागत में वर्गीकृत हैं।
1. परंपरागत ऊर्जा
परिभाषा: परंपरागत ऊर्जा स्रोत वे हैं जो सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और गैर-नवीकरणीय होते हैं। उदाहरण: कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, जल विद्युत, परमाणु ऊर्जा।
महत्त्व: ये ऊर्जा स्रोत भारत के अधिकांश ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग किए जाते हैं।
2. गैर-परंपरागत ऊर्जा
परिभाषा: गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत वे हैं जो नवीकरणीय और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। उदाहरण: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, बायोगैस।
महत्त्व: ये स्रोत प्रदूषण कम करते हैं और सतत विकास को बढ़ावा देते हैं।
3. प्रमुख परंपरागत ऊर्जा स्रोत
भारत में प्रमुख परंपरागत ऊर्जा स्रोत, उनके प्राप्ति स्थान, और आर्थिक महत्व निम्न तालिका में दिए गए हैं:
ऊर्जा स्रोत | प्रमुख प्राप्ति स्थान | आर्थिक महत्व |
---|---|---|
कोयला | झारखंड (झरिया), ओडिशा (तलचर), पश्चिम बंगाल (रानीगंज) | विद्युत उत्पादन, इस्पात उद्योग, औद्योगिक ईंधन। |
खनिज तेल (पेट्रोलियम) | असम (दिगबोई), गुजरात (अंकलेश्वर), मुंबई हाई | परिवहन ईंधन, रासायनिक उद्योग, प्लास्टिक। |
प्राकृतिक गैस | मुंबई हाई, गुजरात (हजीरा), आंध्र प्रदेश (कृष्णा-गोदावरी बेसिन) | विद्युत उत्पादन, उर्वरक, रसोई गैस। |
4. जल विद्युत शक्ति
परिभाषा: जल विद्युत शक्ति वह ऊर्जा है जो बहते पानी की गतिज ऊर्जा से उत्पन्न होती है। उदाहरण: भाखड़ा नंगल बांध (पंजाब)।
पॉवर हाउस: जल विद्युत संयंत्र जहां टरबाइन पानी की शक्ति से बिजली उत्पन्न करते हैं। उदाहरण: सरदार सरोवर (गुजरात), तेहरी बांध (उत्तराखंड)।
महत्त्व: स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई।
5. परमाणु ऊर्जा
परिभाषा: परमाणु ऊर्जा वह ऊर्जा है जो परमाणु विखंडन (यूरेनियम या थोरियम) से उत्पन्न होती है। उदाहरण: तारापुर परमाणु संयंत्र (महाराष्ट्र)।
योगदान: भारत की कुल ऊर्जा में परमाणु ऊर्जा का योगदान लगभग 2-3% है, लेकिन यह उच्च ऊर्जा घनत्व प्रदान करता है।
महत्त्व: स्वच्छ ऊर्जा, औद्योगिक और चिकित्सा उपयोग।
6. भारत के प्रमुख ऊर्जा उत्पादक केंद्र
भारत में विभिन्न ऊर्जा स्रोतों के प्रमुख उत्पादक केंद्र:
- कोयला: झरिया (झारखंड), रानीगंज (पश्चिम बंगाल)।
- खनिज तेल: मुंबई हाई, दिगबोई (असम)।
- प्राकृतिक गैस: कृष्णा-गोदावरी बेसिन (आंध्र प्रदेश)।
- जल विद्युत: भाखड़ा नंगल (पंजाब), तेहरी (उत्तराखंड)।
- परमाणु ऊर्जा: तारापुर (महाराष्ट्र), कलपक्कम (तमिलनाडु), नरोरा (उत्तर प्रदेश)।
- सौर ऊर्जा: भादला सौर पार्क (राजस्थान), पावागड़ा (कर्नाटक)।
- पवन ऊर्जा: तमिलनाडु (मुप्पंदल), गुजरात (जैसलमेर)।
7. सौर ऊर्जा
परिभाषा: सौर ऊर्जा सूर्य के प्रकाश से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा है, जो सौर पैनलों के माध्यम से बिजली में परिवर्तित होती है। उदाहरण: भादला सौर पार्क (राजस्थान)।
महत्त्व: स्वच्छ, नवीकरणीय, ग्रामीण विद्युतीकरण में उपयोगी। भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 2025 तक तेजी से बढ़ रही है।
8. पवन ऊर्जा
परिभाषा: पवन ऊर्जा हवा की गतिज ऊर्जा से उत्पन्न होने वाली बिजली है, जो पवन चक्कियों के माध्यम से प्राप्त होती है। उदाहरण: मुप्पंदल पवन फार्म (तमिलनाडु)।
महत्त्व: पर्यावरण के अनुकूल, तटीय क्षेत्रों में प्रभावी। भारत पवन ऊर्जा में विश्व के शीर्ष 5 देशों में शामिल है।
9. भारत जलवायु कार्य योजना 2030
परिभाषा: भारत जलवायु कार्य योजना (NAPCC) 2030 एक नीति है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
उद्देश्य:
- नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन) की हिस्सेदारी बढ़ाना।
- 2030 तक 40% बिजली गैर-जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न करना।
- ऊर्जा दक्षता और कार्बन उत्सर्जन में कमी।
उदाहरण: राष्ट्रीय सौर मिशन, राष्ट्रीय पवन ऊर्जा मिशन।