प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची

  • अल्बर्ट आइंस्टीन (1879–1955) - वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, जर्मन मूल के सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री, ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत (E=mc²) विकसित किए, जिसने आधुनिक भौतिकी को नया आयाम दिया। उनकी खोजों ने अंतरिक्ष, समय और गुरुत्वाकर्षण की समझ को बदला। 1921 में उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला। उनकी अन्य उपलब्धियों में फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की व्याख्या शामिल है।
  • आईज़ैक न्यूटन (1643–1727) - वैज्ञानिक सर आईज़ैक न्यूटन, अंग्रेजी भौतिकशास्त्री और गणितज्ञ, ने गति के तीन नियम और सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत प्रतिपादित किया। उनकी पुस्तक "मैथमैटिका प्रिंसिपिया" ने आधुनिक विज्ञान की नींव रखी। न्यूटन ने प्रकाशिकी पर भी महत्वपूर्ण कार्य किया, जिसमें प्रकाश के प्रकीर्णन का अध्ययन शामिल है।
  • मैरी क्यूरी (1867–1934) - वैज्ञानिक मैरी क्यूरी, पोलिश-फ्रांसीसी वैज्ञानिक, ने रेडियोधर्मिता पर अभूतपूर्व शोध किया। वह पहली महिला थीं जिन्हें नोबे पुरस्कार मिला (1903 में भौतिकी और 1911 में रसायनशास्त्र)। उन्होंने पोलोनियम और रेडियम की खोज की, और उनके कार्य ने कैंसर उपचार में योगदान दिया।
  • सी वी रमन (1888–1970) - वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन, भारतीय भौतिकशास्त्री, ने रमन प्रभाव की खोज की, जो प्रकाश के प्रकीर्णन को समझाता है। 1930 में उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला, जो भारत का पहला विज्ञान नोबेल था। उन्होंने भारतीय विज्ञान अकादमी की स्थापना में भी योगदान दिया।
  • स्टीफन हॉकिंग (1942–2018) - वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग, ब्रिटिश सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री, ने ब्लैक होल और ब्रह्मांड विज्ञान पर महत्वपूर्ण कार्य किया। उनकी पुस्तक "अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम" ने विज्ञान को जनसामान्य तक पहुंचाया। मोटर न्यूरॉन रोग के बावजूद, उन्होंने विज्ञान में योगदान जारी रखा।
  • चार्ल्स डार्विन (1809–1882) - वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन, अंग्रेजी प्रकृतिवादी, ने प्राकृतिक चयन के सिद्धांत के माध्यम से विकासवाद को प्रस्तुत किया। उनकी पुस्तक "ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीसीज" ने जैविक विज्ञान को नया दृष्टिकोण दिया। उनकी गैलापागोस यात्रा ने उनके सिद्धांत को आकार दिया।
  • थॉमस एडिसन (1847–1931) - आविष्कारक थॉमस एडिसन, अमेरिकी आविष्कारक, ने विद्युत बल्ब, फोनोग्राफ और मोशन पिक्चर कैमरा जैसे आविष्कार किए। उनके 1,000 से अधिक पेटेंट ने आधुनिक तकनीक को आकार दिया। उन्होंने जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी की सह-स्थापना भी की।
  • निकोलस टेस्ला (1856–1943) - वैज्ञानिक निकोलस टेस्ला, सर्बियाई-अमेरिकी आविष्कारक, ने प्रत्यावर्ती धारा (AC) विद्युत प्रणाली विकसित की। उनकी खोजों में टेस्ला कॉइल और वायरलेस संचार शामिल हैं, जिन्होंने आधुनिक विद्युत प्रणालियों की नींव रखी।
  • ए पी जे अब्दुल कलाम (1931–2015) - वैज्ञानिक एवं राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम, भारत के "मिसाइल मैन", ने भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों में योगदान दिया। 2002-2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। उनकी पुस्तक "विंग्स ऑफ फायर" प्रेरणादायक है।
  • अरस्तू (384–322 ई.पू.) - दार्शनिक अरस्तू, प्राचीन यूनानी दार्शनिक, ने तर्कशास्त्र, दर्शन, और विज्ञान के क्षेत्र में योगदान दिया। उनकी रचनाओं, जैसे "निकोमैकियन एथिक्स", ने पश्चिमी दर्शन को प्रभावित किया। उन्होंने सिकंदर महान को भी शिक्षा दी।
  • एलन ट्यूरिंग (1912–1954) - गणितज्ञ और कंप्यूटर वैज्ञानिक एलन ट्यूरिंग, ब्रिटिश गणितज्ञ, ने कंप्यूटर विज्ञान की नींव रखी। उनकी ट्यूरिंग मशीन ने आधुनिक कंप्यूटिंग को आकार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध में एनिग्मा कोड तोड़ने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी।
  • रोसालिंड फ्रैंकलिन (1920–1958) - वैज्ञानिक रोसालिंड फ्रैंकलिन, ब्रिटिश रसायनशास्त्री, ने डीएनए की संरचना को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी एक्स-रे विवर्तन छवियों ने डबल हेलिक्स मॉडल की खोज में मदद की।
  • रवींद्रनाथ टैगोर (1861–1941) - साहित्यकार रवींद्रनाथ टैगोर, भारतीय कवि और लेखक, ने "गीतांजलि" के लिए 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीता। उन्होंने राष्ट्रीय गान "जन गण मन" लिखा और विश्व-भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की।
  • विलियम शेक्सपियर (1564–1616) - नाटककार विलियम शेक्सपियर, अंग्रेजी साहित्य के महान नाटककार, ने "हैमलेट", "रोमियो और जूलियट" जैसे नाटक लिखे। उनकी रचनाओं ने विश्व साहित्य पर गहरा प्रभाव डाला।
  • लियो टॉल्स्टॉय (1828–1910) - लेखक लियो टॉल्स्टॉय, रूसी लेखक, ने "युद्ध और शांति" और "अन्ना करेनिना" जैसी कृतियाँ लिखीं। उनके उपन्यास मानव प्रकृति और समाज की गहन समझ दर्शाते हैं।
  • गैब्रियल गार्सिया मार्केज़ (1927–2014) - लेखक गैब्रियल गार्सिया मार्केज़, कोलंबियाई लेखक, ने "वन हंड्रेड इयर्स ऑफ सॉलिट्यूड" लिखा। उनके जादुई यथार्थवाद ने विश्व साहित्य को नया दृष्टिकोण दिया।
  • हरिवंश राय बच्चन (1907–2003) - कवि हरिवंश राय बच्चन, हिन्दी के प्रसिद्ध कवि, ने "मधुशाला" और "अग्निपथ" जैसी कृतियाँ लिखीं। उनकी कविताएँ भावनात्मक और दार्शनिक गहराई के लिए जानी जाती हैं।
  • प्रेमचंद (1880–1936) - लेखक मुंशी प्रेमचंद, हिन्दी और उर्दू साहित्य के महान लेखक, ने "गोदान" और "कफन" जैसी रचनाएँ लिखीं। उनके कार्यों ने सामाजिक असमानता और ग्रामीण जीवन को उजागर किया।
  • कालिदास (4वीं-5वीं शताब्दी) - कवि कालिदास, प्राचीन भारत के महान कवि और नाटककार, ने "मेघदूत", "अभिज्ञानशाकुंतलम्" और "रघुवंश" लिखा। उनकी रचनाएँ संस्कृत साहित्य की उत्कृष्ट कृतियाँ हैं।
  • अज्ञेय (1911–1987) - कवि एवं लेखक अज्ञेय, हिन्दी साहित्य के प्रयोगवादी कवि और लेखक, ने "शेखर: एक जीवनी" जैसी रचनाएँ लिखीं। उनकी कविताएँ आधुनिकता और व्यक्तिवाद को दर्शाती हैं।
  • जेन ऑस्टेन (1775–1817) - लेखिका जेन ऑस्टेन, अंग्रेजी उपन्यासकार, ने "प्राइड एंड प्रेजुडिस" और "एमा" जैसे उपन्यास लिखे। उनकी रचनाएँ सामाजिक रीति-रिवाजों और प्रेम की गहन पड़ताल करती हैं।
  • टोनी मॉरिसन (1931–2019) - लेखिका टोनी मॉरिसन, अमेरिकी लेखिका, ने "बिलव्ड" जैसे उपन्यास लिखे। 1993 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली वे पहली अश्वेत महिला थीं।
  • महात्मा गांधी (1869–1948) - स्वतंत्रता सेनानी मोहनदास करमचंद गांधी, भारत की स्वतंत्रता के प्रमुख नेता, ने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन चलाया। दांडी नमक सत्याग्रह उनकी प्रमुख उपलब्धि थी।
  • जवाहरलाल नेहरू (1889–1964) - राजनीतिज्ञ जवाहरलाल नेहरू, भारत के पहले प्रधानमंत्री, ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी पुस्तक "डिस्कवरी ऑफ इंडिया" भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।
  • सुभाष चंद्र बोस (1897–1945) - स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस, "नेताजी", ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की। उनका नारा "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" प्रसिद्ध है।
  • भगत सिंह (1907–1931) - स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, भारतीय क्रांतिकारी, ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया। लाहौर षड्यंत्र मामले में उनकी फांसी ने युवाओं को प्रेरित किया।
  • सरदार वल्लभभाई पटेल (1875–1950) - राजनेता सरदार वल्लभभाई पटेल, भारत के पहले गृहमंत्री, ने 500 से अधिक रियासतों को भारत में एकीकृत किया। उन्हें "लौह पुरुष" के रूप में जाना जाता है।
  • डॉ. भीमराव अंबेडकर (1891–1956) - समाज सुधारक और विधिवेत्ता डॉ. भीमराव अंबेडकर, भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता, ने दलितों और वंचितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया और सामाजिक समानता को बढ़ावा दिया।
  • नेल्सन मंडेला (1918–2013) - स्वतंत्रता सेनानी नेल्सन मंडेला, दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति, ने रंगभेद के खिलाफ संघर्ष किया। 27 साल जेल में बिताने के बाद, उन्हें 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
  • अब्राहम लिंकन (1809–1865) - राजनीतिज्ञ अब्राहम लिंकन, अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति, ने दासता उन्मूलन के लिए 13वां संशोधन पारित किया। गृहयुद्ध के दौरान उन्होंने देश को एकजुट रखा।
  • मार्टिन लूथर किंग जूनियर (1929–1968) - समाज सुधारक मार्टिन लूथर किंग जूनियर, अमेरिकी नागरिक अधिकार नेता, ने "आई हैव अ ड्रीम" भाषण के माध्यम से नस्लीय समानता की वकालत की। उन्हें 1964 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
  • विंस्टन चर्चिल (1874–1965) - राजनीतिज्ञ विंस्टन चर्चिल, ब्रिटिश प्रधानमंत्री, ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन का नेतृत्व किया। उनके प्रेरक भाषणों ने युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • क्लियोपेट्रा (69–30 ई.पू.) - शासिका क्लियोपेट्रा, मिस्र की अंतिम फेरो, ने अपनी बुद्धिमत्ता और कूटनीति से मिस्र को शक्तिशाली बनाए रखा। उनकी कहानी रोम के साथ उनके संबंधों के लिए प्रसिद्ध है।
  • इंदिरा गांधी (1917–1984) - भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री (1966–1977, 1980–1984), ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत किया। उन्होंने बैंकों के राष्ट्रीयकरण और हरित क्रांति को बढ़ावा दिया।
  • सावित्रीबाई फुले (1831–1897) - भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले ने पुणे में लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला। उन्होंने महिलाओं और दलितों के लिए शिक्षा और सामाजिक सुधार के लिए कार्य किया।
  • सरोजिनी नायडू (1879–1949) - भारत की पहली महिला गवर्नर सरोजिनी नायडू, "भारत कोकिला", स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री थीं। वे उत्तर प्रदेश की पहली महिला गवर्नर बनीं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं।
  • कमला नेहरू (1899–1936) - स्वतंत्रता सेनानी कमला नेहरू, जवाहरलाल नेहरू की पत्नी, ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने महिलाओं को आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
  • किरण बेदी (1949–) - भारत की पहली महिला IPS अधिकारी किरण बेदी, भारत की पहली महिला IPS अधिकारी (1972), ने पुलिस सुधारों और सामाजिक कार्यों में योगदान दिया। वे पुडुचेरी की उप-राज्यपाल भी रहीं।