1. नगरीय स्वशासन का परिचय
विवरण: नगरीय स्वशासन शहरी क्षेत्रों में स्थानीय समस्याओं के समाधान और विकास के लिए जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को शक्ति प्रदान करता है।
विशेषताएँ:
- परिभाषा: शहरी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर शासन की व्यवस्था।
- महत्व: शहरी विकास, स्वच्छता, और बुनियादी सुविधाओं का प्रबंधन।
- प्रतियोगी तथ्य: 74वाँ संविधान संशोधन (1992) ने नगरीय स्वशासन को संवैधानिक दर्जा दिया।
- प्रतियोगी तथ्य: नगरीय स्वशासन गाँधीवादी सिद्धांतों और विकेंद्रीकरण पर आधारित है।
2. नगर पंचायत की स्थापना
विवरण: नगर पंचायत छोटे शहरी क्षेत्रों या ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में परिवर्तन के लिए बनाई जाती है।
विशेषताएँ:
- गठन: 20,000 से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में।
- प्रक्रिया: राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना के माध्यम से।
- प्रतियोगी तथ्य: नगर पंचायत 74वें संशोधन के तहत गठित होती है।
- प्रतियोगी तथ्य: यह ग्रामीण और शहरी प्रशासन के बीच की कड़ी है।
3. नगर पंचायत
विवरण: नगर पंचायत छोटे शहरी क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन की सबसे छोटी इकाई है।
विशेषताएँ:
- संरचना: निर्वाचित सदस्य और एक अध्यक्ष।
- प्रतियोगी तथ्य: कार्यकाल 5 वर्ष।
- प्रतियोगी तथ्य: महिलाओं और SC/ST के लिए 33% आरक्षण।
4. नगर पालिका परिषद
विवरण: नगर पालिका परिषद मध्यम आकार के शहरों में स्थानीय शासन के लिए गठित होती है।
विशेषताएँ:
- गठन: 20,000 से 3 लाख जनसंख्या वाले क्षेत्रों में।
- संरचना: निर्वाचित पार्षद और एक अध्यक्ष (मेयर)।
- प्रतियोगी तथ्य: नगर पालिका को म्युनिसिपल काउंसिल भी कहते हैं।
- प्रतियोगी तथ्य: 12वीं अनुसूची में इसके 18 कार्य सूचीबद्ध हैं।
5. नगर निगम
विवरण: नगर निगम बड़े शहरों या महानगरों में स्थानीय स्वशासन की इकाई है।
विशेषताएँ:
- गठन: 3 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में।
- संरचना: निर्वाचित पार्षद, मेयर, और आयुक्त।
- प्रतियोगी तथ्य: इसे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन कहते हैं।
- प्रतियोगी तथ्य: आयुक्त प्रशासनिक प्रमुख और मेयर औपचारिक प्रमुख होता है।
6. चुनाव की प्रक्रिया
विवरण: नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, और नगर निगम के सदस्यों का चुनाव लोकतांत्रिक होता है।
विशेषताएँ:
- प्रक्रिया: गुप्त मतदान द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव।
- पात्रता: न्यूनतम आयु 21 वर्ष।
- प्रतियोगी तथ्य: राज्य निर्वाचन आयोग शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव आयोजित करता है।
- प्रतियोगी तथ्य: 74वाँ संशोधन चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
7. आय के साधन
विवरण: नगरीय स्थानीय निकायों के पास आय के विभिन्न साधन होते हैं।
विशेषताएँ:
- आय: संपत्ति कर, जल कर, लाइसेंस शुल्क, सरकारी अनुदान।
- नगर पंचायत: छोटे स्तर पर कर और अनुदान।
- नगर पालिका/निगम: बड़े कर, टोल, और विज्ञापन शुल्क।
- प्रतियोगी तथ्य: संपत्ति कर सबसे बड़ा आय स्रोत है।
- प्रतियोगी तथ्य: केंद्र और राज्य सरकारें अनुदान प्रदान करती हैं।
8. कार्य
विवरण: नगरीय स्थानीय निकाय शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
विशेषताएँ:
- नगर पंचायत: सड़क, स्ट्रीट लाइट, स्वच्छता, पानी।
- नगर पालिका परिषद: शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, स्वच्छता।
- नगर निगम: बड़े पैमाने पर जल आपूर्ति, सड़क, परिवहन, और कचरा प्रबंधन।
- प्रतियोगी तथ्य: 12वीं अनुसूची में 18 कार्य सूचीबद्ध हैं।
- प्रतियोगी तथ्य: नगर निगम बड़े शहरों में मेट्रो और फ्लाईओवर जैसे प्रोजेक्ट संभालते हैं।
9. अमृत योजना
विवरण: अमृत (अटल मिशन फॉर रिजुवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करती है।
विशेषताएँ:
- शुभारंभ: 25 जून 2015।
- उद्देश्य: जल आपूर्ति, सीवरेज, और शहरी परिवहन में सुधार।
- प्रतियोगी तथ्य: 500 शहरों को लक्षित किया गया।
- प्रतियोगी तथ्य: अमृत योजना स्मार्ट सिटी मिशन के साथ समन्वय करती है।
नगरीय स्वशासन संरचना (सारणी):
निकाय | जनसंख्या | प्रमुख कार्य |
---|---|---|
नगर पंचायत | 20,000 से कम | सड़क, स्वच्छता, पानी |
नगर पालिका परिषद | 20,000-3 लाख | शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क |
नगर निगम | 3 लाख से अधिक | जल, परिवहन, कचरा प्रबंधन |