यातायात एवं सुरक्षा

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यातायात: लोगों और वस्तुओं का एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन।

सड़क सुरक्षा भारत में बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण महत्वपूर्ण है।

लाल बत्ती पर रुकना अनिवार्य है।

हरी बत्ती पर वाहन आगे बढ़ सकता है।

पीली बत्ती सावधानी का संकेत देती है।

मोटर वाहन अधिनियम 1988 में लागू हुआ।

हेलमेट पहनना दोपहिया वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है (1988)।

सीट बेल्ट कार चालकों के लिए जरूरी है।

जेब्रा क्रॉसिंग पैदल यात्रियों के लिए होती है।

गति सीमा का पालन सड़क संकेतों से होता है।

नशे में वाहन चलाना प्रतिबंधित है।

मोबाइल फोन का उपयोग ड्राइविंग के दौरान वर्जित है।

सड़क पर दायीं ओर चलना चाहिए।

ओवरटेकिंग केवल दायीं ओर से करें।

रात में हेडलाइट का प्रयोग अनिवार्य है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह हर साल 11-17 जनवरी को मनाया जाता है।

पैदल यात्रियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

हॉर्न का प्रयोग कम से कम करें।

सड़क पर कूड़ा न फेंकें।

ट्रैफिक नियमों का सम्मान करें।

भारतीय रेलवे की स्थापना 16 अप्रैल 1853 को हुई।

रेलवे भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक परिवहन है।

रेल टिकट की बुकिंग ऑनलाइन IRCTC से होती है (2002 से)।

रेलवे में जनरल, स्लीपर और AC कोच उपलब्ध हैं।

लाल-पीली पट्टियाँ रेलवे क्रॉसिंग का संकेत देती हैं।

क्रॉसिंग पर गेट बंद होने पर रुकें।

रेलवे क्रॉसिंग पर हॉर्न बजाना अनिवार्य है।

क्रॉसिंग संकेतों की अनदेखी दुर्घटना का कारण बनती है।

चलती ट्रेन से उतरना या चढ़ना खतरनाक है।

सामान पर नजर रखें, चोरी से बचें।

आपात स्थिति में चेन खींचें।

प्लेटफॉर्म पर पीली रेखा के पीछे रहें।

ट्रेन में आग से बचाव के लिए धूम्रपान न करें।

गोल लाल संकेत "रोकें" का प्रतीक है।

त्रिकोण संकेत खतरे की चेतावनी देता है।

नीला गोल संकेत अनिवार्य निर्देश देता है।

"U" आकार का संकेत यू-टर्न की अनुमति देता है।

सड़क सुरक्षा अधिनियम 2019 में संशोधन हुआ।

यातायात संकेत अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित हैं।

भारत में ट्रैफिक पुलिस यातायात नियंत्रित करती है।

सड़क सुरक्षा का अर्थ दुर्घटनाओं से बचाव के उपाय करना है।

मोटर वाहन अधिनियम 1988 (संशोधन 2019) की धारा 134 के तहत चालक को घायल की सहायता करनी होती है।

दुर्घटना के बाद चालक को पुलिस को सूचना देना अनिवार्य है।

डॉक्टर को बिना देरी के घायल का इलाज करना होता है।

धारा 134 का उल्लंघन करने पर 6 महीने की कैद या जुर्माना हो सकता है।

ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएँ लापरवाही और जल्दबाजी से होती हैं।

पैदल यात्री को सड़क पर बाईं ओर चलना चाहिए।

फुटपाथ उपलब्ध होने पर उसका प्रयोग करना चाहिए।

सड़क पार करते समय पहले दाईं, फिर बाईं ओर देखें।

ट्रैफिक सिग्नल का पालन चौराहों पर करना चाहिए।

सड़क सुरक्षा नियमों का पालन दुर्घटनाएँ कम करता है।

हेलमेट पहनना दोपहिया वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है।

सीट बेल्ट लगाना कार चालकों के लिए जरूरी है।

नशे में वाहन चलाना कानूनन अपराध है।

ओवरस्पीडिंग सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है।

ट्रैफिक नियमों की जानकारी नागरिकों के लिए आवश्यक है।

पैदल यात्रियों के लिए जेब्रा क्रॉसिंग का प्रयोग करना चाहिए।

सड़क पर वाहन की आवाज सुनकर सावधानी बरतनी चाहिए।

बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना जरूरी है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह हर साल जागरूकता के लिए मनाया जाता है।

ट्रैफिक पुलिस सड़क नियमों का उल्लंघन रोकती है।

ट्रैफिक संकेत सड़क पर व्यवस्था बनाए रखते हैं।

सड़क दुर्घटनाओं में कमी के लिए जागरूकता जरूरी है।

सड़क सुरक्षा नियम जीवन रक्षा के लिए हैं।

सड़क सुरक्षा में नागरिकों की जिम्मेदारी भी शामिल है।

यातायात नियमों का पालन सुरक्षित समाज बनाता है।