1. परिचय: मौर्य समाज
विवरण: मौर्य साम्राज्य (321-185 ई.पू.) भारत का प्रथम विशाल साम्राज्य था, जो चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित किया गया और अशोक के समय चरमोत्कर्ष पर पहुंचा।
विशेषताएँ:
- विस्तार: अफगानिस्तान से बंगाल और दक्षिण भारत तक।
- प्रशासन: संगठित और केंद्रीकृत।
- प्रतियोगी तथ्य: मौर्य साम्राज्य ने एकीकृत भारत की नींव रखी। कौटिल्य का अर्थशास्त्र प्रशासन का आधार था।
2. कौटिल्य (चाणक्य)
विवरण: कौटिल्य, जिन्हें चाणक्य या विष्णुगुप्त भी कहा जाता है, चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे।
विशेषताएँ:
- ग्रंथ: अर्थशास्त्र, जो प्रशासन, अर्थव्यवस्था, और कूटनीति पर आधारित है।
- योगदान: चन्द्रगुप्त को नंद वंश को हराने में सहायता।
- प्रतियोगी तथ्य: कौटिल्य तक्षशिला के विद्वान थे और मौर्य साम्राज्य के गठन में मास्टरमाइंड थे।
3. चन्द्रगुप्त मौर्य
विवरण: चन्द्रगुप्त ने 321 ई.पू. में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
विशेषताएँ:
- उपलब्धियाँ: धन नंद को हराकर मगध पर कब्जा। सिकन्दर के सेनापति सेल्यूकस को पराजित।
- प्रतियोगी तथ्य: चन्द्रगुप्त ने जैनधर्म अपनाया और अंत में श्रवणबेलगोला में उपवास से देहत्याग किया।
4. मौर्य प्रशासन
विवरण: मौर्य प्रशासन अत्यधिक संगठित और केंद्रीकृत था, जिसमें क्षेत्रों का स्पष्ट विभाजन था।
क्षेत्र विभाजन और कर्तव्य (सारणी):
क्षेत्र | जिम्मेदार व्यक्ति | कर्तव्य |
---|---|---|
केंद्र (पाटलिपुत्र) | सम्राट और मंत्रिपरिषद | नीति निर्माण, कर निर्धारण, और साम्राज्य का समग्र नियंत्रण। |
प्रांत | कुमार (राजकुमार) या विश्वसनीय अधिकारी | प्रांतीय प्रशासन, कर संग्रह, और कानून व्यवस्था। |
जिला | स्थानिक और राजूक | स्थानीय प्रशासन, भूमि मापन, और कर संग्रह। |
ग्राम | ग्रामिक | गाँव का प्रशासन, विवाद निपटारा, और कर संग्रह। |
नगर | नगराध्यक्ष | नगर का प्रबंधन, व्यापार नियंत्रण, और स्वच्छता। |
प्रतियोगी तथ्य: मौर्य साम्राज्य में गुप्तचरों (गुधपुरुष) की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
5. मैगस्थनीज की नजर में मौर्य प्रशासन
विवरण: मैगस्थनीज, सेल्यूकस का राजदूत, ने अपनी पुस्तक 'इंडिका' में मौर्य प्रशासन का वर्णन किया।
विशेषताएँ:
- प्रशासन: पाटलिपुत्र एक सुसज्जित नगर था।
- समाज: सात वर्गों में विभाजित (दर्शनशास्त्री, किसान, सैनिक, आदि)।
- प्रतियोगी तथ्य: मैगस्थनीज ने मौर्य सेना को शक्तिशाली और संगठित बताया।
6. बिन्दुसार
विवरण: बिन्दुसार चन्द्रगुप्त का पुत्र और मौर्य सम्राट था।
विशेषताएँ:
- शासन: साम्राज्य का विस्तार और सुदृढ़ीकरण।
- उपनाम: अमित्रघात (शत्रुओं का नाश करने वाला)।
- प्रतियोगी तथ्य: बिन्दुसार ने दक्षिण भारत में कुछ क्षेत्रों को जीता।
7. अशोक
विवरण: अशोक मौर्य साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध सम्राट थे, जिन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया।
विशेषताएँ:
- शासन: 268-232 ई.पू.।
- उपलब्धियाँ: कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म का प्रसार।
- प्रतियोगी तथ्य: अशोक ने अपने शिलालेखों में धम्म का प्रचार किया।
8. कलिंग का युद्ध
विवरण: अशोक ने 261 ई.पू. में कलिंग (आधुनिक ओडिशा) पर आक्रमण किया।
विशेषताएँ:
- परिणाम: भारी रक्तपात, जिसने अशोक को बौद्ध धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया।
- प्रतियोगी तथ्य: कलिंग युद्ध का वर्णन अशोक के 13वें शिलालेख में है।
9. अशोक का धम्म
विवरण: अशोक का धम्म नैतिकता, अहिंसा, और सामाजिक कल्याण पर आधारित था।
विशेषताएँ:
- सिद्धांत: अहिंसा, सत्य, दया, और सहिष्णुता।
- प्रचार: शिलालेख, स्तंभ लेख, और धर्म महामात्रों द्वारा।
- प्रतियोगी तथ्य: धम्म सभी धर्मों के प्रति सम्मान पर जोर देता था।
10. अशोक के शासन व्यवस्था की विशेषताएँ
विवरण: अशोक का शासन कल्याणकारी और जन-केंद्रित था।
विशेषताएँ:
- कल्याण: सड़कें, विश्राम गृह, और अस्पताल बनवाए।
- प्रशासन: धर्म महामात्रों की नियुक्ति।
- प्रतियोगी तथ्य: अशोक ने पर्यावरण संरक्षण और पशु कल्याण पर जोर दिया।
11. बौद्ध संगीतियाँ
विवरण: बौद्ध धर्म को व्यवस्थित करने के लिए संगीतियाँ आयोजित की गईं।
विशेषताएँ:
- प्रथम संगीति: 483 ई.पू., राजगृह, अजातशत्रु के समय।
- द्वितीय संगीति: 383 ई.पू., वैशाली, कालाशोक के समय।
- तृतीय संगीति: 250 ई.पू., पाटलिपुत्र, अशोक के समय।
- चतुर्थ संगीति: 100 ई.पू., कश्मीर, कनिष्क के समय।
- प्रतियोगी तथ्य: तृतीय संगीति में बौद्ध धर्म को संहिताबद्ध किया गया।
12. साँची का स्तूप
विवरण: साँची का स्तूप बौद्ध स्थापत्य का उत्कृष्ट उदाहरण है।
विशेषताएँ:
- स्थान: मध्य प्रदेश।
- निर्माण: अशोक द्वारा प्रारंभ, बाद में विस्तार।
- प्रतियोगी तथ्य: साँची के तोरण द्वार पर बौद्ध कथाएँ चित्रित हैं।
13. वृहद्रथ
विवरण: वृहद्रथ अंतिम मौर्य सम्राट था।
विशेषताएँ:
- अंत: 185 ई.पू. में उनके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने हत्या कर शुंग वंश स्थापित किया।
- प्रतियोगी तथ्य: वृहद्रथ के समय मौर्य साम्राज्य कमजोर हो चुका था।
14. मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण
विवरण: मौर्य साम्राज्य का पतन 185 ई.पू. में हुआ।
विशेषताएँ:
- कारण: कमजोर उत्तराधिकारी, आर्थिक संकट, और विद्रोह।
- प्रतियोगी तथ्य: पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य को समाप्त किया।
15. समय रेखा
विवरण: मौर्य साम्राज्य की प्रमुख घटनाएँ।
विशेषताएँ:
- 321 ई.पू.: चन्द्रगुप्त द्वारा मौर्य साम्राज्य की स्थापना।
- 261 ई.पू.: कलिंग युद्ध।
- 250 ई.पू.: तृतीय बौद्ध संगीति।
- 185 ई.पू.: मौर्य साम्राज्य का पतन।
- प्रतियोगी तथ्य: अशोक के शिलालेख ब्राह्मी लिपि में हैं।