1. भारतीय संविधान और राज्यों का संघ
विवरण: भारतीय संविधान में भारत को ‘राज्यों का संघ’ (Union of States) कहा गया है, जिसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
विशेषताएँ:
- संघीय ढांचा: भारत में संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन संविधान द्वारा निर्धारित।
- राज्य और केंद्र शासित प्रदेश: वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश।
- प्रतियोगी तथ्य: जम्मू और कश्मीर का पुनर्गठन 2019 में हुआ, जिसके बाद यह केंद्र शासित प्रदेश बना।
2. विधायी शक्तियों का विभाजन
विवरण: भारतीय संविधान में विधायी शक्तियों को तीन सूचियों में बांटा गया है: संघ सूची, राज्य सूची, और समवर्ती सूची।
विशेषताएँ:
- संघ सूची: संसद को 100 विषयों पर कानून बनाने का अधिकार, जैसे रक्षा, विदेशी मामले, रेल।
- राज्य सूची: राज्य विधानमंडल को 61 विषयों पर कानून बनाने का अधिकार, जैसे पुलिस, कृषि।
- समवर्ती सूची: संसद और राज्य विधानमंडल दोनों को 52 विषयों पर कानून बनाने का अधिकार, जैसे शिक्षा, विवाह।
- प्रतियोगी तथ्य: समवर्ती सूची में संघ का कानून राज्य के कानून पर प्राथमिकता रखता है।
3. संघ सूची
विवरण: संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय शामिल हैं, जिन पर केवल संसद कानून बना सकती है।
मुख्य विषय:
- रक्षा, विदेशी मामले, रेल, हवाई जहाज, राष्ट्रीय राजमार्ग, बैंक, संचार, डाक और तार, स्मारक।
- प्रतियोगी तथ्य: संघ सूची में 100 विषय हैं (7वीं अनुसूची)।
4. राज्य सूची
विवरण: राज्य सूची में स्थानीय और क्षेत्रीय महत्व के विषय शामिल हैं, जिन पर राज्य विधानमंडल कानून बनाता है।
मुख्य विषय:
- पुलिस, स्वच्छता, मत्स्य पालन, स्थानीय स्वशासन, कृषि, सिंचाई, पशुधन, निचली अदालतें, कारागार, सड़क।
- प्रतियोगी तथ्य: राज्य सूची में 61 विषय हैं (7वीं अनुसूची)।
5. समवर्ती सूची
विवरण: समवर्ती सूची में वे विषय हैं जिन पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं।
मुख्य विषय:
- चिकित्सा, वन, विवाह, समाचार पत्र, पुस्तकें, शिक्षा, उद्योग, बिजली, परिवार, धार्मिक संस्थाएँ।
- संघ बनाम राज्य: संघ का कानून प्राथमिकता रखता है।
- प्रतियोगी तथ्य: समवर्ती सूची में 52 विषय हैं (7वीं अनुसूची)।
6. सरकार के तीन अंग
विवरण: प्रत्येक सरकार (केंद्र या राज्य) के तीन अंग हैं: व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, और न्यायपालिका।
विशेषताएँ:
अंग | केंद्र | राज्य | कार्य |
---|---|---|---|
व्यवस्थापिका | संसद | विधानमंडल | कानून बनाना |
कार्यपालिका | केंद्रीय मंत्रिपरिषद | राज्य मंत्रिपरिषद | कानून लागू करना |
न्यायपालिका | उच्चतम न्यायालय | उच्च न्यायालय | न्याय प्रदान करना |
- प्रतियोगी तथ्य: भारत में शक्तियों का पृथक्करण संविधान द्वारा सुनिश्चित किया गया है।
7. संसद
विवरण: संसद केंद्र की व्यवस्थापिका है, जिसमें राष्ट्रपति, लोकसभा, और राज्यसभा शामिल हैं।
विशेषताएँ:
- कार्य: कानून बनाना, मंत्रिपरिषद पर नियंत्रण, कर लगाना, बजट पारित करना।
- प्रतियोगी तथ्य: संसद भवन नई दिल्ली में 1927 में बनकर तैयार हुआ।
8. लोकसभा
विवरण: लोकसभा संसद का निम्न सदन है, जिसके सदस्य जनता द्वारा चुने जाते हैं।
विशेषताएँ:
- सदस्य: अधिकतम 552 (वर्तमान में 543 निर्वाचित + 2 मनोनीत)।
- चुनाव: प्रत्यक्ष, 18 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता।
- योग्यता: भारत का नागरिक, 25 वर्ष से अधिक आयु, गैर-दिवालिया, गैर-सरकारी पद।
- कार्यकाल: 5 वर्ष, राष्ट्रपति द्वारा भंग करने की शक्ति।
- पदाधिकारी: अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष।
- प्रतियोगी तथ्य: लोकसभा का गठन पहली बार 1952 में हुआ।
9. राज्यसभा
विवरण: राज्यसभा संसद का उच्च सदन है, जिसके सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।
विशेषताएँ:
- सदस्य: अधिकतम 250 (238 निर्वाचित + 12 मनोनीत)।
- कार्यकाल: 6 वर्ष, प्रत्येक 2 वर्ष में एक-तिहाई सदस्य अवकाश ग्रहण।
- पदाधिकारी: उपराष्ट्रपति (सभापति), उपसभापति।
- प्रतियोगी तथ्य: राज्यसभा स्थाई सदन है, कभी भंग नहीं होता।
10. कानून निर्माण की प्रक्रिया
विवरण: संसद का मुख्य कार्य कानून बनाना है, जो विधेयक (बिल) के माध्यम से होता है।
प्रक्रिया:
- साधारण विधेयक: लोकसभा या राज्यसभा में पेश, तीन वाचन (प्रथम, द्वितीय, तृतीय), दोनों सदनों से स्वीकृति, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर।
- धन विधेयक: केवल लोकसभा में पेश, राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक, राज्यसभा में केवल चर्चा (14 दिन)।
- प्रतियोगी तथ्य: धन विधेयक अनुच्छेद 110 के अंतर्गत परिभाषित हैं।
11. उत्तर प्रदेश विधानमंडल
विवरण: उत्तर प्रदेश की व्यवस्थापिका में राज्यपाल, विधानसभा, और विधान परिषद शामिल हैं।
विशेषताएँ:
- विधानसभा: 403 निर्वाचित + 1 मनोनीत सदस्य, 5 वर्ष कार्यकाल।
- विधान परिषद: 100 सदस्य (38 विधानसभा, 36 स्थानीय संस्थाएँ, 8 शिक्षक, 8 स्नातक, 10 मनोनीत)।
- प्रतियोगी तथ्य: उत्तर प्रदेश विधानमंडल द्विसदनीय है।