न्यायपालिका

विस्तृत नोट्स

1. न्यायपालिका का परिचय

विवरण: न्यायपालिका सरकार का वह अंग है जो कानूनों की व्याख्या करती है, विवादों का समाधान करती है, और न्याय प्रदान करती है।

विशेषताएँ:

  • स्वतंत्रता: भारतीय संविधान में न्यायपालिका को स्वतंत्र और निष्पक्ष रखने की व्यवस्था है।
  • उद्देश्य: संविधान की रक्षा, नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण, और कानून का शासन सुनिश्चित करना।
  • प्रतियोगी तथ्य: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124-147 सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों से संबंधित हैं।

2. प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR)

विवरण: FIR वह लिखित दस्तावेज है जो पुलिस द्वारा अपराध की प्रारंभिक शिकायत दर्ज करने पर तैयार किया जाता है।

विशेषताएँ:

  • प्रक्रिया: शिकायतकर्ता पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराता है।
  • महत्व: यह अपराध की जांच शुरू करने का आधार है।
  • प्रतियोगी तथ्य: दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 154 FIR से संबंधित है।

3. जाँच (Investigation)

विवरण: जाँच में पुलिस अपराध के सबूत इकट्ठा करती है और मामले को अदालत में पेश करती है।

विशेषताएँ:

  • प्रक्रिया: गवाहों से पूछताछ, सबूत संग्रह, और चार्जशीट दाखिल करना।
  • प्रतियोगी तथ्य: CrPC की धारा 156 पुलिस को जाँच का अधिकार देती है।

4. गिरफ्तारी और जमानत

विवरण: गिरफ्तारी अपराधी को हिरासत में लेने की प्रक्रिया है, और जमानत हिरासत से रिहाई की प्रक्रिया है।

विशेषताएँ:

  • गिरफ्तारी: संदिग्ध को बिना वारंट (जमानती अपराध) या वारंट के साथ गिरफ्तार किया जा सकता है।
  • जमानत: जमानती अपराधों में स्वतः जमानत, गैर-जमानती अपराधों में अदालत की अनुमति।
  • प्रतियोगी तथ्य: CrPC की धारा 437 और 439 जमानत से संबंधित हैं।

5. पेशी दर पेशी

विवरण: पेशी वह प्रक्रिया है जिसमें अभियुक्त को अदालत में पेश किया जाता है।

विशेषताएँ:

  • प्रक्रिया: सुनवाई, गवाहों की गवाही, और निर्णय।
  • प्रतियोगी तथ्य: नियमित सुनवाई संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) से संरक्षित है।

6. दीवानी और फौजदारी मामले

विवरण: दीवानी मामले संपत्ति और नागरिक अधिकारों से संबंधित हैं, जबकि फौजदारी मामले अपराधों से संबंधित हैं।

विशेषताएँ:

  • दीवानी मामले: संपत्ति विवाद, अनुबंध, तलाक।
  • फौजदारी मामले: चोरी, हत्या, बलात्कार।
  • प्रतियोगी तथ्य: दीवानी मामले CPC (1908) और फौजदारी मामले CrPC (1973) के तहत संचालित होते हैं।

7. न्यायपालिका की संरचना

विवरण: भारत में त्रिस्तरीय न्यायिक संरचना है: सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, और अधीनस्थ न्यायालय।

विशेषताएँ:

  • सर्वोच्च न्यायालय: शीर्ष न्यायिक संस्था।
  • उच्च न्यायालय: प्रत्येक राज्य में।
  • जिला और अधीनस्थ न्यायालय: जिला स्तर पर।
  • प्रतियोगी तथ्य: सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई।

8. सर्वोच्च न्यायालय

विवरण: सर्वोच्च न्यायालय भारत की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है।

विशेषताएँ:

  • स्थान: नई दिल्ली।
  • संरचना: मुख्य न्यायाधीश और 33 अन्य न्यायाधीश (वर्तमान में)।
  • प्रतियोगी तथ्य: अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और संरचना को परिभाषित करता है।

9. न्यायाधीशों की योग्यताएँ और कार्यकाल

विवरण: सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति और कार्यकाल संविधान द्वारा निर्धारित है।

विशेषताएँ:

  • योग्यताएँ: भारत का नागरिक, 5 वर्ष तक उच्च न्यायालय में न्यायाधीश या 10 वर्ष तक अधिवक्ता।
  • कार्यकाल: सर्वोच्च न्यायालय में 65 वर्ष तक, उच्च न्यायालय में 62 वर्ष तक।
  • प्रतियोगी तथ्य: न्यायाधीशों की नियुक्ति कॉलेजियम प्रणाली द्वारा होती है।

10. सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार

विवरण: सर्वोच्च न्यायालय के पास व्यापक अधिकार हैं।

अधिकार:

  • मूल अधिकार: केंद्र और राज्यों के बीच विवाद।
  • अपीलीय अधिकार: दीवानी, फौजदारी, और संवैधानिक मामलों में अपील।
  • परामर्शी अधिकार: राष्ट्रपति को कानूनी सलाह।
  • प्रतियोगी तथ्य: अनुच्छेद 143 परामर्शी अधिकार को परिभाषित करता है।

11. उच्च न्यायालय

विवरण: प्रत्येक राज्य में उच्च न्यायालय राज्य की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है।

विशेषताएँ:

  • संख्या: वर्तमान में 25 उच्च न्यायालय।
  • प्रतियोगी तथ्य: अनुच्छेद 214 उच्च न्यायालयों की स्थापना को परिभाषित करता है।

12. उच्च न्यायालय के कार्य

विवरण: उच्च न्यायालय दीवानी, फौजदारी, और संवैधानिक मामलों की सुनवाई करता है।

कार्य:

  • अपील सुनना, रिट याचिका स्वीकार करना, अधीनस्थ न्यायालयों की निगरानी।
  • प्रतियोगी तथ्य: अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने का अधिकार देता है।

13. जिला न्यायालय

विवरण: जिला न्यायालय स्थानीय स्तर पर दीवानी और फौजदारी मामलों की सुनवाई करते हैं।

विशेषताएँ:

  • संरचना: जिला और सत्र न्यायाधीश, अधीनस्थ न्यायाधीश।
  • प्रतियोगी तथ्य: जिला न्यायालय उच्च न्यायालय के अधीन कार्य करते हैं।

14. लोक अदालत

विवरण: लोक अदालत विवादों का त्वरित और आपसी सहमति से समाधान करती है।

विशेषताएँ:

  • मामले: छोटे दीवानी मामले, जैसे कि बकाया बिल।
  • प्रतियोगी तथ्य: लोक अदालत की स्थापना लीगल सर्विसेज अथॉरिटी एक्ट, 1987 के तहत हुई।

15. परिवार न्यायालय

विवरण: परिवार न्यायालय पारिवारिक विवादों, जैसे तलाक और हिरासत, का समाधान करते हैं।

विशेषताएँ:

  • स्थापना: परिवार न्यायालय अधिनियम, 1984 के तहत।
  • प्रतियोगी तथ्य: ये न्यायालय त्वरित और संवेदनशील समाधान पर केंद्रित हैं।

16. दहेज निवारक अधिनियम

विवरण: यह अधिनियम दहेज की मांग और लेन-देन को रोकता है।

विशेषताएँ:

  • स्थापना: दहेज निवारक अधिनियम, 1961।
  • सजा: दहेज मांगने पर 5 वर्ष तक की कैद और जुर्माना।
  • प्रतियोगी तथ्य: दहेज से संबंधित मामले फौजदारी अपराध हैं।

17. उपभोक्ता अदालत

विवरण: उपभोक्ता अदालत उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करती हैं।

विशेषताएँ:

  • संरचना: जिला, राज्य, और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता मंच।
  • स्थापना: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (संशोधित 2019)।
  • प्रतियोगी तथ्य: राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग सर्वोच्च उपभोक्ता मंच है।

18. जनहित याचिका (PIL)

विवरण: PIL सामाजिक और सार्वजनिक हित के लिए दायर की जाती है।

विशेषताएँ:

  • उद्देश्य: पर्यावरण, मानवाधिकार, और सामाजिक न्याय।
  • प्रतियोगी तथ्य: PIL की अवधारणा 1980 के दशक में जस्टिस पी.एन. भगवती द्वारा विकसित की गई।

सारांश (एक पंक्ति के तथ्य)

  1. न्यायपालिका कानूनों की व्याख्या और विवादों का समाधान करती है।
  2. न्यायपालिका संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा करती है।
  3. FIR अपराध की प्रारंभिक शिकायत का दस्तावेज है।
  4. CrPC की धारा 154 FIR से संबंधित है।
  5. जाँच में पुलिस सबूत इकट्ठा करती है।
  6. CrPC की धारा 156 जाँच का अधिकार देती है।
  7. गिरफ्तारी जमानती और गैर-जमानती अपराधों में हो सकती है।
  8. CrPC की धारा 437 और 439 जमानत से संबंधित हैं।
  9. पेशी में अभियुक्त को अदालत में पेश किया जाता है।
  10. अनुच्छेद 21 जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
  11. दीवानी मामले संपत्ति और अनुबंधों से संबंधित हैं।
  12. फौजदारी मामले अपराधों से संबंधित हैं।
  13. दीवानी मामले CPC (1908) के तहत संचालित होते हैं।
  14. फौजदारी मामले CrPC (1973) के तहत संचालित होते हैं।
  15. न्यायपालिका की संरचना त्रिस्तरीय है।
  16. सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई।
  17. अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना को परिभाषित करता है।
  18. सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश और 33 अन्य न्यायाधीश हैं।
  19. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल 65 वर्ष तक है।
  20. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल 62 वर्ष तक है।
  21. न्यायाधीशों की नियुक्ति कॉलेजियम प्रणाली द्वारा होती है।
  22. सर्वोच्च न्यायालय के पास मूल, अपीलीय, और परामर्शी अधिकार हैं।
  23. अनुच्छेद 143 परामर्शी अधिकार को परिभाषित करता है।
  24. वर्तमान में भारत में 25 उच्च न्यायालय हैं।
  25. अनुच्छेद 214 उच्च न्यायालयों की स्थापना को परिभाषित करता है।
  26. अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने का अधिकार देता है।
  27. जिला न्यायालय उच्च न्यायालय के अधीन कार्य करते हैं।
  28. लोक अदालत की स्थापना 1987 में हुई।
  29. परिवार न्यायालय की स्थापना 1984 में हुई।
  30. दहेज निवारक अधिनियम 1961 में लागू हुआ।
  31. दहेज मांगने की सजा 5 वर्ष तक की कैद है।
  32. उपभोक्ता अदालत की स्थापना 1986 में हुई।
  33. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में संशोधित हुआ।
  34. PIL की अवधारणा जस्टिस पी.एन. भगवती ने विकसित की।
  35. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है।
  36. न्यायपालिका के अनुच्छेद 124-147 में वर्णित हैं।
  37. उच्च न्यायालय रिट याचिकाएँ स्वीकार करते हैं।
  38. जिला न्यायाधीश दीवानी और फौजदारी मामलों की सुनवाई करते हैं।
  39. लोक अदालत छोटे दीवानी मामलों का समाधान करती है।
  40. परिवार न्यायालय तलाक और हिरासत के मामलों को संभालते हैं।
  41. उपभोक्ता मंच जिला, राज्य, और राष्ट्रीय स्तर पर हैं।
  42. PIL सामाजिक और सार्वजनिक हित के लिए दायर की जाती है।
  43. सर्वोच्च न्यायालय संविधान का संरक्षक है।
  44. उच्च न्यायालय अधीनस्थ न्यायालयों की निगरानी करते हैं।
  45. लोक अदालत में निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होते हैं।
  46. दहेज से संबंधित मामले फौजदारी अपराध हैं।
  47. उपभोक्ता अदालतें दोषपूर्ण उत्पादों के मामलों को संभालती हैं।
  48. PIL 1980 के दशक में शुरू हुआ।
  49. सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति को कानूनी सलाह दे सकता है।
  50. न्यायपालिका कानून के शासन को सुनिश्चित करती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. न्यायपालिका का मुख्य कार्य क्या है?





2. FIR से संबंधित धारा कौन सी है?





3. जाँच का अधिकार किस धारा में वर्णित है?





4. जमानत से संबंधित धाराएँ कौन सी हैं?





5. दीवानी मामले किससे संबंधित हैं?





6. फौजदारी मामले किसके तहत संचालित होते हैं?





7. सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना कब हुई?





8. सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना किस अनुच्छेद में वर्णित है?





9. सर्वोच्च न्यायालय में कितने अन्य न्यायाधीश हैं?





10. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल कितना है?





11. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल कितना है?





12. न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?





13. सर्वोच्च न्यायालय के परामर्शी अधिकार किस अनुच्छेद में हैं?





14. भारत में कितने उच्च न्यायालय हैं?





15. उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने का अधिकार किस अनुच्छेद में है?





16. जिला न्यायालय किसके अधीन कार्य करते हैं?





17. लोक अदालत की स्थापना कब हुई?





18. परिवार न्यायालय की स्थापना कब हुई?





19. दहेज निवारक अधिनियम कब लागू हुआ?





20. दहेज मांगने की सजा क्या है?





21. उपभोक्ता अदालत की स्थापना कब हुई?





22. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कब संशोधित हुआ?





23. PIL की अवधारणा किसने विकसित की?





24. सर्वोच्च न्यायालय कहाँ स्थित है?





25. न्यायपालिका से संबंधित अनुच्छेद कौन से हैं?





26. लोक अदालत मुख्य रूप से किन मामलों का समाधान करती है?





27. परिवार न्यायालय किन मामलों को संभालते हैं?





28. उपभोक्ता मंच कितने स्तरों पर कार्य करते हैं?





29. PIL का मुख्य उद्देश्य क्या है?





30. सर्वोच्च न्यायालय के किस अधिकार के तहत राष्ट्रपति को सलाह दी जाती है?