शेरशाह सूरी (1540-1545)

विस्तृत नोट्स

परिचय

शेरशाह सूरी (1540-1545) एक कुशल प्रशासक और सैन्य रणनीतिकार थे, जिन्होंने सूर साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने हुमायूँ को हराकर मुगल शासन को अस्थायी रूप से समाप्त किया और अपने प्रशासनिक सुधारों के लिए प्रसिद्ध हैं।

प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह ने ग्रैंड ट्रंक रोड का निर्माण शुरू किया।

1. शेरशाह सूरी

विवरण: शेरशाह सूरी (फरीद खान) ने 1540 ई. में सूर साम्राज्य की स्थापना की।

विशेषताएँ:

  • जन्म: 1486 ई., सासाराम (बिहार)।
  • चौसा (1539) और कन्नौज (1540) के युद्धों में हुमायूँ को हराया।
  • शासनकाल: 1540-1545 ई.।
  • प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह ने ‘शाह’ की उपाधि ग्रहण की।

2. राजस्व सम्बन्धी सुधार

विवरण: शेरशाह ने भूमि कर प्रणाली को व्यवस्थित किया।

विशेषताएँ:

  • भूमि मापन (जरीब) प्रणाली शुरू की।
  • लगान को फसल के एक-तिहाई हिस्से पर आधारित किया।
  • रैयतवारी व्यवस्था लागू की।
  • प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह ने रुपया (चाँदी का सिक्का) चलाया।

3. सैन्य संगठन

विवरण: शेरशाह की सेना संगठित और अनुशासित थी।

विशेषताएँ:

  • स्थायी सेना और घुड़सवार सेना।
  • सैनिकों को नकद वेतन।
  • हथियारों और घोड़ों की ब्रांडिंग।
  • प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह ने डाक व्यवस्था को सैन्य संचार के लिए मजबूत किया।

4. प्रशासनिक व्यवस्था

विवरण: शेरशाह का प्रशासन केंद्रीकृत और कुशल था।

विशेषताएँ:

  • प्रशासन को चार स्तरों में विभाजित किया: केन्द्रीय, प्रान्तीय, सरकार, परगना।
  • न्याय और सुरक्षा पर ध्यान।
  • सड़कों और सरायों का निर्माण।
  • प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह का प्रशासन अकबर के लिए प्रेरणा बना।

5. प्रशासन का विभाजन और जिम्मेदार व्यक्ति

विवरण: शेरशाह ने प्रशासन को व्यवस्थित स्तरों में बाँटा।

विशेषताएँ:

  • केन्द्रीय प्रशासन: सुल्तान।
  • प्रान्तीय प्रशासन: सूबा (सुबेदार)।
  • सरकार: शिक (शिकदार-ए-शिकदरान)।
  • परगना: शिकदार।
  • ग्राम: मुकद्दम, पटवारी, चौकीदार।
  • प्रतियोगी तथ्य: शिकदार-ए-शिकदरान सरकार का मुख्य अधिकारी था।

6. केन्द्रीय प्रशासन - सुल्तान

विवरण: सुल्तान प्रशासन का सर्वोच्च अधिकारी था।

विशेषताएँ:

  • शेरशाह स्वयं सभी निर्णय लेता था।
  • वजीर और दीवान जैसे पद।
  • न्याय और सैन्य मामलों में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप।
  • प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह ने व्यक्तिगत रूप से प्रशासन की निगरानी की।

7. प्रान्तीय प्रशासन (सूबा) - सुबेदार

विवरण: सूबा प्रान्तीय इकाई थी, जिसका प्रमुख सुबेदार था।

विशेषताएँ:

  • सुबेदार शांति और कर संग्रह के लिए जिम्मेदार।
  • सैन्य और नागरिक प्रशासन का प्रबंधन।
  • प्रतियोगी तथ्य: सूबों की संख्या 47 थी।

8. सरकार (शिक) - शिकदार-ए-शिकदरान

विवरण: सरकार एक प्रशासनिक इकाई थी।

विशेषताएँ:

  • शिकदार-ए-शिकदरान मुख्य प्रशासक था।
  • कानून-व्यवस्था और राजस्व संग्रह।
  • प्रतियोगी तथ्य: सरकार में कई परगने शामिल थे।

9. परगना प्रशासन - शिकदार

विवरण: परगना छोटी प्रशासनिक इकाई थी।

विशेषताएँ:

  • शिकदार राजस्व और कानून व्यवस्था का प्रभारी।
  • कृषि और कर संग्रह का प्रबंधन।
  • प्रतियोगी तथ्य: परगना में कई गाँव शामिल थे।

10. ग्राम प्रशासन - मुकद्दम, पटवारी, चौकीदार

विवरण: ग्राम प्रशासन स्थानीय स्तर पर संचालित था।

विशेषताएँ:

  • मुकद्दम (मुखिया): गाँव का नेतृत्व।
  • पटवारी: भूमि और कर का रिकॉर्ड।
  • चौकीदार: सुरक्षा और सूचना।
  • प्रतियोगी तथ्य: पटवारी ने भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव किया।

11. प्रजा हित के कार्य

विवरण: शेरशाह ने प्रजा के कल्याण के लिए कई कार्य किए।

विशेषताएँ:

  • ग्रैंड ट्रंक रोड: कोलकाता से पेशावर तक।
  • सरायों का निर्माण: यात्रियों के लिए।
  • डाक व्यवस्था का विकास।
  • प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह ने 1700 सरायें बनवाईं।

12. शेर-ए-मंडल पुस्तकालय

विवरण: शेरशाह ने शिक्षा को प्रोत्साहन दिया।

विशेषताएँ:

  • सासाराम में शेर-ए-मंडल पुस्तकालय स्थापित।
  • फारसी और अरबी ग्रंथों का संग्रह।
  • प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह विद्वानों का संरक्षक था।

13. सूरी वंश का पतन

विवरण: शेरशाह की मृत्यु के बाद सूरी वंश कमजोर हुआ।

विशेषताएँ:

  • शेरशाह की मृत्यु 1545 ई. में कालिंजर युद्ध में।
  • कमजोर उत्तराधिकारी (इस्लाम शाह)।
  • हुमायूँ की वापसी (1555) ने सूर शासन समाप्त किया।
  • प्रतियोगी तथ्य: सूर वंश केवल 15 वर्ष (1540-1555) चला।

14. शेरशाह का मकबरा

विवरण: शेरशाह का मकबरा सासाराम (बिहार) में है।

विशेषताएँ:

  • हिंद-इस्लामी स्थापत्य शैली।
  • कृत्रिम झील के बीच निर्मित।
  • लाल बलुआ पत्थर का उपयोग।
  • प्रतियोगी तथ्य: मकबरे का निर्माण इस्लाम शाह ने करवाया।

15. समय रेखा

विवरण: शेरशाह सूरी और सूर वंश की प्रमुख घटनाएँ।

विशेषताएँ:

  • 1539 ई.: चौसा का युद्ध।
  • 1540 ई.: कन्नौज का युद्ध, सूर साम्राज्य की स्थापना।
  • 1545 ई.: शेरशाह की मृत्यु।
  • 1555 ई.: हुमायूँ की वापसी, सूर वंश का अंत।
  • प्रतियोगी तथ्य: शेरशाह का शासन 1540-1545 तक चला।

सारांश (एक पंक्ति के तथ्य)

  1. शेरशाह सूरी ने 1540 ई. में सूर साम्राज्य स्थापित किया।
  2. शेरशाह का जन्म 1486 ई. में सासाराम में हुआ।
  3. चौसा का युद्ध 1539 ई. में लड़ा गया।
  4. कन्नौज का युद्ध 1540 ई. में लड़ा गया।
  5. शेरशाह ने हुमायूँ को कन्नौज में हराया।
  6. शेरशाह का शासन 1540-1545 तक था।
  7. शेरशाह ने ‘शाह’ की उपाधि ग्रहण की।
  8. शेरशाह ने ग्रैंड ट्रंक रोड शुरू किया।
  9. शेरशाह ने 1700 सरायें बनवाईं।
  10. शेरशाह ने रुपया सिक्का चलाया।
  11. शेरशाह ने भूमि मापन (जरीब) शुरू किया।
  12. लगान फसल के एक-तिहाई पर आधारित था।
  13. शेरशाह ने रैयतवारी व्यवस्था लागू की।
  14. शेरशाह की सेना अनुशासित थी।
  15. सैनिकों को नकद वेतन दिया जाता था।
  16. शेरशाह ने डाक व्यवस्था को मजबूत किया।
  17. प्रशासन चार स्तरों में बँटा था।
  18. सुल्तान केन्द्रीय प्रशासन का प्रमुख था।
  19. सूबा की संख्या 47 थी।
  20. सुबेदार प्रान्तीय प्रशासन का प्रभारी था।
  21. शिकदार-ए-शिकदरान सरकार का मुख्य अधिकारी था।
  22. शिकदार परगना का प्रभारी था।
  23. मुकद्दम गाँव का मुखिया था।
  24. पटवारी भूमि रिकॉर्ड रखता था।
  25. चौकीदार गाँव की सुरक्षा करता था।
  26. शेरशाह ने सासाराम में मकबरा बनवाया।
  27. शेरशाह की मृत्यु 1545 ई. में हुई।
  28. शेरशाह की मृत्यु कालिंजर युद्ध में हुई।
  29. सूरी वंश 1540-1555 तक चला।
  30. हुमायूँ ने 1555 ई. में सूर शासन समाप्त किया।
  31. शेरशाह का मकबरा हिंद-इस्लामी शैली में है।
  32. मकबरे का निर्माण इस्लाम शाह ने करवाया।
  33. शेरशाह ने शेर-ए-मंडल पुस्तकालय स्थापित किया।
  34. शेरशाह विद्वानों का संरक्षक था।
  35. शेरशाह का प्रशासन अकबर के लिए प्रेरणा बना।
  36. ग्रैंड ट्रंक रोड कोलकाता से पेशावर तक थी।
  37. शेरशाह ने सड़कों और सरायों का निर्माण किया।
  38. शेरशाह ने फारसी और अरबी ग्रंथों का संग्रह किया।
  39. सूरी वंश का पतन कमजोर उत्तराधिकारियों के कारण हुआ।
  40. शेरशाह ने हथियारों की ब्रांडिंग शुरू की।
  41. शेरशाह ने न्याय व्यवस्था को मजबूत किया।
  42. शेरशाह ने व्यक्तिगत रूप से प्रशासन की निगरानी की।
  43. सूरी शासन केवल 15 वर्ष चला।
  44. शेरशाह ने डाक व्यवस्था को सैन्य संचार के लिए उपयोग किया।
  45. शेरशाह का मकबरा कृत्रिम झील में है।
  46. शेरशाह ने व्यापार को प्रोत्साहित किया।
  47. शेरशाह ने भूमि कर को व्यवस्थित किया।
  48. शेरशाह ने स्थायी सेना बनाए रखी।
  49. सूरी वंश का अंत हुमायूँ की वापसी से हुआ।
  50. शेरशाह ने प्रशासन में पारदर्शिता लाई।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. शेरशाह सूरी ने सूर साम्राज्य कब स्थापित किया?





2. शेरशाह का जन्म कब हुआ?





3. चौसा का युद्ध कब लड़ा गया?





4. शेरशाह ने किसे कन्नौज में हराया?





5. शेरशाह का शासनकाल कब था?





6. शेरशाह ने कौन सी उपाधि ग्रहण की?





7. शेरशाह ने कौन सा सिक्का चलाया?





8. शेरशाह ने कौन सी सड़क बनवाई?





9. शेरशाह ने कितनी सरायें बनवाईं?





10. शेरशाह ने कौन सी व्यवस्था लागू की?





11. शेरशाह ने भूमि मापन के लिए क्या शुरू किया?





12. शेरशाह के प्रशासन में सूबों की संख्या कितनी थी?





13. सरकार का मुख्य अधिकारी कौन था?





14. परगना का प्रभारी कौन था?





15. गाँव का मुखिया कौन था?





16. भूमि रिकॉर्ड कौन रखता था?





17. शेरशाह की मृत्यु कब हुई?





18. शेरशाह की मृत्यु कहाँ हुई?





19. सूरी वंश का अंत कब हुआ?





20. शेरशाह का मकबरा कहाँ है?





21. शेरशाह के मकबरे की स्थापत्य शैली क्या है?





22. शेरशाह का मकबरा किसने बनवाया?





23. शेरशाह ने कौन सा पुस्तकालय स्थापित किया?





24. शेरशाह ने कितने स्तरों में प्रशासन बाँटा?





25. शेरशाह की डाक व्यवस्था का उपयोग किस लिए था?





26. शेरशाह का प्रशासन किसके लिए प्रेरणा बना?





27. शेरशाह के मकबरे में किस पत्थर का उपयोग हुआ?





28. सूरी वंश कितने वर्ष चला?





29. शेरशाह ने सैनिकों को क्या दिया?





30. शेरशाह ने किसे प्रोत्साहन दिया?