परिचय
15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त की मध्यरात्रि को संविधान सभा में अपने ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ में स्वतंत्रता की घोषणा की। स्वतंत्रता के बाद भारत के सामने कई चुनौतियाँ थीं, जिनका समाधान देश के नेताओं ने सूझबूझ और दृढ़ता से किया।
प्रतियोगी तथ्य: भारत की स्वतंत्रता विश्व इतिहास में सबसे बड़े अहिंसक आंदोलनों का परिणाम थी, जिसने वैश्विक स्तर पर उपनिवेश-विरोधी आंदोलनों को प्रेरित किया।
(अ) स्वतंत्र भारत की तत्कालीन समस्याएँ
1. शरणार्थियों की समस्या
विवरण: भारत-पाकिस्तान विभाजन (1947) के बाद साम्प्रदायिक दंगों के कारण लगभग 75 लाख हिंदू, सिख, और मुसलमान शरणार्थी भारत आए।
विशेषताएँ:
- पंजाब और बंगाल में सबसे अधिक शरणार्थी आए।
- शरणार्थियों को आवास, भोजन, और रोजगार की आवश्यकता थी।
- दिल्ली, हरियाणा, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शरणार्थी शिविर स्थापित किए गए।
- निदान: भारत सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर शरणार्थियों के लिए मकान, भूमि, और रोजगार के अवसर प्रदान किए।
- प्रतियोगी तथ्य: दिल्ली में शरणार्थियों के लिए नई बस्तियाँ जैसे राजेंद्र नगर और लाजपत नगर विकसित की गईं।
2. देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय
विवरण: स्वतंत्रता के समय भारत में 562 देशी रियासतें थीं, जो ब्रिटिश शासन के अधीन स्वायत्त थीं।
विशेषताएँ:
- रियासतों को भारत या पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया।
- हैदराबाद, जूनागढ़, और कश्मीर जैसी रियासतों ने विलय में देरी की।
- निदान: सरदार वल्लभभाई पटेल और वी.पी. मेनन ने सूझबूझ और कूटनीति से अधिकांश रियासतों को भारत में मिलाया।
- हैदराबाद का विलय ‘ऑपरेशन पोलो’ (1948) के माध्यम से हुआ।
- प्रतियोगी तथ्य: सरदार पटेल को ‘लौह पुरुष’ कहा गया, क्योंकि उन्होंने भारत की एकता को सुनिश्चित किया।
3. पाकिस्तान का भारत पर आक्रमण
विवरण: 1947 में पाकिस्तानी कबायलियों ने कश्मीर पर आक्रमण कर एक-तिहाई हिस्से पर कब्जा कर लिया।
विशेषताएँ:
- कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत में विलय के लिए अपील की।
- भारत ने ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ पर हस्ताक्षर के बाद सैन्य सहायता भेजी।
- निदान: भारतीय सेना ने कबायलियों को खदेड़कर कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाया।
- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) आज भी विवादित क्षेत्र है।
- प्रतियोगी तथ्य: प्रथम भारत-पाक युद्ध (1947-48) के बाद संयुक्त राष्ट्र ने युद्धविराम की मध्यस्थता की।
4. आर्थिक समस्याएँ
विवरण: स्वतंत्रता के समय भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर थी, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में।
विशेषताएँ:
- गेहूँ और जूट के प्रमुख उत्पादन क्षेत्र पाकिस्तान को मिले।
- बढ़ती जनसंख्या के कारण खाद्यान्न की कमी थी।
- औद्योगिक विकास सीमित और विदेशी आयात पर निर्भरता थी।
- निदान: जमींदारी प्रथा समाप्त की गई, और काश्तकारों को भूमि दी गई।
- हरित क्रांति (1960 के दशक) ने खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाया।
- प्रतियोगी तथ्य: भारत अब खाद्यान्न निर्यातक देश है, जो स्वतंत्रता के समय आयातक था।
(ब) स्वराज्य की चुनौतियाँ
1. संविधान का निर्माण
विवरण: स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा को भारतीय संविधान तैयार करने का दायित्व सौंपा गया।
विशेषताएँ:
- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई।
- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।
- निदान: संविधान 26 नवंबर 1949 को तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
- भारत गणतंत्र बन गया, और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- प्रतियोगी तथ्य: भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
2. विदेशी उपनिवेशों का विलीनीकरण
विवरण: स्वतंत्रता के बाद गोवा, दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली (पुर्तगाली) और पुडुचेरी, चंद्रनगर, माही, और कारिकल (फ्रांसीसी) पर विदेशी कब्जा था।
विशेषताएँ:
- गोवा में पुर्तगालियों ने स्वतंत्रता के बाद भी कब्जा बनाए रखा।
- निदान: 1961 में ‘ऑपरेशन विजय’ के माध्यम से गोवा, दमन, और दीव को मुक्त किया गया।
- पुडुचेरी और अन्य फ्रांसीसी क्षेत्र 1954 में भारत में शामिल हुए।
- प्रतियोगी तथ्य: पुडुचेरी भारत का पहला केंद्रशासित प्रदेश बना।
3. नियोजित विकास
विवरण: भारत ने आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नियोजित दृष्टिकोण अपनाया।
विशेषताएँ:
- 1950 में योजना आयोग का गठन किया गया।
- प्रथम पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल 1951 को शुरू हुई।
- योजना आयोग को 2014 में समाप्त कर नीति आयोग (2015) की स्थापना की गई।
- प्रतियोगी तथ्य: प्रथम पंचवर्षीय योजना का फोकस कृषि और सिंचाई पर था।