परिचय
भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना 17वीं सदी में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक गतिविधियों से शुरू हुई, जो 18वीं सदी में उपनिवेशवादी शासन में परिवर्तित हो गई।
महत्व: यह काल भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद और बाद में पूर्ण शासन की नींव रखने वाला था।
प्रतियोगी तथ्य: अंग्रेजों ने व्यापार से शुरूआत की, लेकिन सैन्य और राजनीतिक शक्ति के माध्यम से भारत को उपनिवेश बनाया।
1. व्यापार
अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत से मसाले, रेशम, सूती वस्त्र, और नील का व्यापार शुरू किया।
विशेषताएँ:
- 1600 में क्वीन एलिजाबेथ प्रथम ने अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी को चार्टर प्रदान किया।
- 1612 में सूरत में पहली अंग्रेजी फैक्ट्री स्थापित हुई।
- प्रतियोगी तथ्य: अंग्रेजों ने 1615 में मुगल सम्राट जहांगीर से व्यापार की अनुमति प्राप्त की।
2. उपनिवेश
उपनिवेश वह प्रक्रिया थी जिसमें अंग्रेजों ने भारत के क्षेत्रों पर सैन्य और प्रशासनिक नियंत्रण स्थापित किया।
विशेषताएँ:
- प्लासी (1757) और बक्सर (1764) के युद्धों ने अंग्रेजों को बंगाल पर नियंत्रण दिलाया।
- अंग्रेजों ने स्थानीय शासकों को कमजोर कर उनके क्षेत्रों पर कब्जा किया।
- प्रतियोगी तथ्य: 1858 में भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश क्राउन को हस्तांतरित हुआ।
3. भारत को अंग्रेजों द्वारा उपनिवेश बनाने के कारण
भारत को उपनिवेश बनाने के लिए अंग्रेजों ने आर्थिक, सैन्य, और राजनीतिक रणनीतियों का उपयोग किया।
कारण:
- आर्थिकमसाले, रेशम, सूती वस्त्र, और नील की माँग।
- सैन्य: यूरोपीय प्रतिद्वंद्वियों (फ्रेंच, डच) को हराने की रणनीति।
- राजनीतिक: स्थानीय शासकों की कमजोरी का लाभ उठाना।
- प्रतियोगी तथ्य: मुगल साम्राज्य का पतन और मराठा शक्ति की कमजोरी ने अंग्रेजों को अवसर प्रदान किया।
4. भारत के राज्य और विदेशी कंपनियों की सेना
विदेशी कंपनियों (अंग्रेज, फ्रेंच, डच) ने भारत में सैन्य बलों का गठन किया, जो स्थानीय राज्यों के साथ युद्ध में शामिल थे।
विशेषताएँ:
- अंग्रेजी और फ्रेंच सेनाओं में भारतीय सिपाहियों (सिपाही) की भर्ती की गई।
- स्थानीय शासकों (मराठा, बंगाल, मैसूर) की सेनाएँ कम प्रशिक्षित थीं।
- प्रतियोगी तथ्य: अंग्रेजों ने यूरोपीय युद्ध तकनीकों (तोपखाना, अनुशासित सेना) का उपयोग किया।
5. कर्नाटक के युद्ध
कर्नाटक युद्ध (1746-1763) अंग्रेजों और फ्रेंच के बीच दक्षिण भारत में लड़े गए युद्ध थे।
विवरण:
- प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746-1748): ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार युद्ध का हिस्सा, अंग्रेजों और फ्रेंच के बीच बराबरी पर समाप्त।
- द्वितीय कर्नाटक युद्ध (1749-1754): अंग्रेजों ने फ्रेंच को कमजोर किया।
- तृतीय कर्नाटक युद्ध (1756-1763): अंग्रेजों की जीत, फ्रेंच पॉन्डिचेरी हारे।
- प्रतियोगी तथ्य: रॉबर्ट क्लाइव ने कर्नाटक युद्धों में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व किया।
6. प्लासी का युद्ध (1757)
प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच लड़ा गया।
विवरण:
- स्थान: पलासी (पश्चिम बंगाल), 23 जून 1757।
- नेतृत्व: रॉबर्ट क्लाइव (अंग्रेज), सिराजुद्दौला (बंगाल)।
- कारण: सिराजुद्दौला ने अंग्रेजी किलेबंदी पर आपत्ति जताई।
- परिणाम: अंग्रेजों की जीत, मीर जाफर को बंगाल का नवाब बनाया गया।
- प्रतियोगी तथ्य: मीर जाफर की विश्वासघात ने अंग्रेजों की जीत सुनिश्चित की।
7. अलीनगर की संधि (1757)
अलीनगर की संधि प्लासी युद्ध से पहले सिराजुद्दौला और अंग्रेजों के बीच हुई थी।
विवरण:
- तारीख: फरवरी 1757।
- प्रमुख शर्तें: अंग्रेजों को किलेबंदी और व्यापार की अनुमति।
- महत्व: संधि अल्पकालिक थी, क्योंकि सिराजुद्दौला और अंग्रेजों के बीच तनाव बढ़ा।
- प्रतियोगी तथ्य: संधि का उल्लंघन प्लासी युद्ध का कारण बना।
8. बक्सर का युद्ध (1764)
बक्सर का युद्ध अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी और मीर कासिम, शाह आलम II, और शुजाउद्दौला की संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया।
विवरण:
- स्थान: बक्सर (बिहार), 22 अक्टूबर 1764।
- नेतृत्व: हेक्टर मुनरो (अंग्रेज), मीर कासिम, शाह आलम II, शुजाउद्दौला।
- परिणाम: अंग्रेजों की निर्णायक जीत।
- प्रतियोगी तथ्य: बक्सर युद्ध ने अंग्रेजों को उत्तर भारत में प्रभुत्व दिलाया।
9. इलाहबाद की प्रथम संधि (1765)
बक्सर युद्ध के बाद रॉबर्ट क्लाइव और मुगल सम्राट शाह आलम II के बीच हुई संधि।
विवरण:
- तारीख: 16 अगस्त 1765।
- प्रमुख शर्तें: बंगाल, बिहार, और उड़ीसा की दीवानी अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी को दी गई।
- महत्व: अंग्रेजों को कर वसूलने का अधिकार मिला।
- प्रतियोगी तथ्य: शाह आलम II को 26 लाख रुपये वार्षिक भत्ता दिया गया।
10. इलाहबाद की द्वितीय संधि (1765)
रॉबर्ट क्लाइव और अवध के नवाब शुजाउद्दौला के बीच हुई संधि।
विवरण:
- तारीख: 16 अगस्त 1765।
- प्रमुख शर्तें: अवध को वापस शुजाउद्दौला को लौटाया गया, लेकिन इलाहबाद और कड़ा अंग्रेजों के पास रहे।
- युद्ध खर्च: शुजाउद्दौला ने 50 लाख रुपये अंग्रेजों को दिए।
- प्रतियोगी तथ्य: अवध को अंग्रेजों का संरक्षित राज्य बनाया गया।
11. अंग्रेजों के व्यापार के लिए भारत की महत्वपूर्ण चीजें
भारत की वस्तुएँ जो अंग्रेजी व्यापार के लिए महत्वपूर्ण थीं, जिनमें मसाले, कपड़ा, और नील शामिल थे।
प्रमुख वस्तुएँ:
- मसाले: काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, जायफल।
- कपड़ा: सूती वस्त्र, रेशम, मलमल, ढाका की मलमल।
- नील: रंगाई के लिए उपयोगी।
- अन्य: चाय, अफीम, नमक।
- प्रतियोगी तथ्य: ढाका की मलमल विश्व में प्रसिद्ध थी और “बाफ्त हवा” (woven air) के नाम से जानी जाती थी।