परिचय
भारत में कम्पनी राज्य का प्रभाव 18वीं और 19वीं सदी में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के सामाजिक, आर्थिक, और प्रशासनिक परिवर्तनों को दर्शाता है।
महत्व: इस काल ने भारत में प्रशासनिक ढांचे, शिक्षा, और अर्थव्यवस्था को बदल दिया, जिसने 1857 के विद्रोह की पृष्ठभूमि तैयार की।
प्रतियोगी तथ्य: अंग्रेजी नीतियों ने भारतीय समाज को प्रभावित किया और औद्योगिक विनाश को बढ़ावा दिया।
1. बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था
विवरण: 1765 में इलाहबाद की संधि के बाद बंगाल, बिहार, और उड़ीसा की दीवानी अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी को मिली, लेकिन नवाब प्रशासनिक नियंत्रण में रहा।
विशेषताएँ:
- 1765-1772 तक लागू।
- अंग्रेजों ने कर वसूली का अधिकार लिया, जबकि नवाब को प्रशासनिक जिम्मेदारी।
- परिणाम: भ्रष्टाचार और शोषण बढ़ा, बंगाल में अकाल (1770)।
- प्रतियोगी तथ्य: रॉबर्ट क्लाइव ने इस व्यवस्था को शुरू किया।
2. रेग्यूलेटिंग एक्ट, 1773
विवरण: ब्रिटिश संसद द्वारा पारित पहला कानून, जो कंपनी के प्रशासन को नियंत्रित करता था।
विशेषताएँ:
- गवर्नर-जनरल की नियुक्ति (वारेन हेस्टिंग्स पहले गवर्नर-जनरल)।
- बंगाल में सर्वोच्च परिषद (Supreme Council) की स्थापना।
- प्रतियोगी तथ्य: कंपनी के कर्मचारियों को निजी व्यापार करने पर रोक।
3. पिट्स इण्डिया एक्ट, 1784
विवरण: विलियम पिट (जूनियर) के नेतृत्व में पारित, कंपनी पर ब्रिटिश सरकार का नियंत्रण बढ़ाया।
विशेषताएँ:
- बोर्ड ऑफ कंट्रोल की स्थापना।
- गवर्नर-जनरल की शक्तियाँ बढ़ीं।
- प्रतियोगी तथ्य: यह एक्ट रेग्यूलेटिंग एक्ट की कमियों को दूर करने के लिए लाया गया।
4. चार्टर एक्ट, 1793
विवरण: कंपनी के व्यापारिक और प्रशासनिक अधिकारों को 20 वर्षों के लिए बढ़ाया।
विशेषताएँ:
- कंपनी का भारत में व्यापार एकाधिकार बरकरार।
- गवर्नर-जनरल को अधिक शक्तियाँ दी गईं।
- प्रतियोगी तथ्य: भारतीय मामलों में ब्रिटिश संसद का हस्तक्षेप बढ़ा।
5. चार्टर एक्ट, 1813
विवरण: कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त, शिक्षा और मिशनरी गतिविधियों को बढ़ावा।
विशेषताएँ:
- भारत में ईसाई मिशनरियों को प्रवेश की अनुमति।
- शिक्षा के लिए 1 लाख रुपये वार्षिक अनुदान।
- प्रतियोगी तथ्य: यह एक्ट भारतीय शिक्षा के लिए पहला कदम था।
6. चार्टर एक्ट, 1833
विवरण: कंपनी को केवल प्रशासनिक भूमिका तक सीमित किया गया।
विशेषताएँ:
- कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार पूर्ण रूप से समाप्त।
- गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया की नियुक्ति (विलियम बेंटिंक पहले)।
- प्रतियोगी तथ्य: भारतीयों के लिए सरकारी नौकरियों में भेदभाव समाप्त।
7. चार्टर एक्ट, 1853
विवरण: कंपनी के शासन को और सुधारने के लिए पारित।
विशेषताएँ:
- प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सिविल सेवा में भर्ती शुरू।
- लेजिस्लेटिव काउंसिल का विस्तार।
- प्रतियोगी तथ्य: यह अंतिम चार्टर एक्ट था, 1858 में कंपनी शासन समाप्त।
8. उच्च प्रशासनिक अधिकारियों का प्रशिक्षण
विवरण: अंग्रेजी अधिकारियों को भारतीय प्रशासन के लिए प्रशिक्षित किया गया।
विशेषताएँ:
- हैलीबरी कॉलेज (इंग्लैंड) में प्रशिक्षण।
- भारत में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना।
- प्रतियोगी तथ्य: भारतीय भाषाओं और संस्कृति का अध्ययन अनिवार्य।
9. फोर्ट विलियम कॉलेज
विवरण: लॉर्ड वेलेजली द्वारा 1800 में कलकत्ता में स्थापित।
विशेषताएँ:
- उद्देश्य: अंग्रेजी अधिकारियों को भारतीय भाषाएँ, कानून, और संस्कृति सिखाना।
- प्रतियोगी तथ्य: 1854 में कॉलेज बंद, प्रशिक्षण हैलीबरी में स्थानांतरित।
10. शिक्षा और सामाजिक सुधार
विवरण: अंग्रेजों ने पश्चिमी शिक्षा और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा दिया।
विशेषताएँ:
- विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा पर प्रतिबंध (1829) लगाया।
- पश्चिमी शिक्षा को बढ़ावा, मैकाले का मिनट (1835)।
- प्रतियोगी तथ्य: अंग्रेजी को प्रशासनिक भाषा बनाया गया।
11. एशियाटिक सोसाइटी
विवरण: 1784 में विलियम जोन्स द्वारा कलकत्ता में स्थापित।
विशेषताएँ:
- उद्देश्य: भारतीय इतिहास, संस्कृति, और साहित्य का अध्ययन।
- प्रतियोगी तथ्य: संस्कृत, फारसी, और अन्य प्राचीन ग्रंथों का अनुवाद।
12. राजा राम मोहन राय
विवरण: सामाजिक और धार्मिक सुधारक, ब्रह्म समाज के संस्थापक।
विशेषताएँ:
- 1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना।
- सती प्रथा और बाल विवाह का विरोध।
- प्रतियोगी तथ्य: पश्चिमी शिक्षा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा।
13. शिक्षा प्रणाली
विवरण: अंग्रेजों ने पश्चिमी शिक्षा को बढ़ावा दिया।
विशेषताएँ:
- मैकाले का मिनट (1835): अंग्रेजी शिक्षा पर जोर।
- 1854 में वुड्स डिस्पैच: शिक्षा का विस्तार।
- प्रतियोगी तथ्य: कलकत्ता, बम्बई, और मद्रास में विश्वविद्यालय स्थापित (1857)।
14. भूमि सुधार: स्थायी बंदोबस्त
विवरण: लॉर्ड कॉर्नवॉलिस द्वारा 1793 में बंगाल में शुरू।
विशेषताएँ:
- जमींदारों को स्थायी रूप से भूमि का मालिक बनाया गया।
- कर की राशि स्थिर, सरकार को नियमित आय।
- प्रतियोगी तथ्य: किसानों का शोषण बढ़ा।
15. भूमि सुधार: रैयतवाड़ी प्रथा
विवरण: दक्षिण और पश्चिमी भारत में लागू।
विशेषताएँ:
- थॉमस मुनरो द्वारा 1820 में शुरू।
- किसानों (रैयत) से सीधे कर वसूली।
- प्रतियोगी तथ्य: बम्बई और मद्रास में लागू।
16. भूमि सुधार: महालवाड़ी प्रथा
विवरण: उत्तर भारत में लागू।
विशेषताएँ:
- होल्ट मैकेंजी द्वारा 1822 में शुरू।
- गाँव या महाल से सामूहिक कर वसूली।
- प्रतियोगी तथ्य: पंजाब, अवध, और मध्य भारत में लागू।
17. भारतीय उद्योग धंधों का विनाश
विवरण: अंग्रेजी नीतियों ने भारतीय हस्तशिल्प और उद्योगों को नष्ट किया।
विशेषताएँ:
- सूती वस्त्र उद्योग (ढाका मलमल) का पतन।
- ब्रिटिश माल पर कम कर, भारतीय माल पर भारी कर।
- प्रतियोगी तथ्य: भारत कच्चा माल आपूर्तिकर्ता और ब्रिटिश माल का बाजार बना।