परिचय
1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भारत में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ पहला संगठित विद्रोह था, जिसे सिपाही विद्रोह या प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है।
महत्व: यह विद्रोह भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की नींव रखने वाला पहला बड़ा प्रयास था, जिसने अंग्रेजी शासन को चुनौती दी।
प्रतियोगी तथ्य: इसने कंपनी शासन के अंत (1858) और ब्रिटिश क्राउन के प्रत्यक्ष शासन की शुरुआत की।
1. आर्थिक कारण
विवरण: अंग्रेजी नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नष्ट किया, जिससे असंतोष बढ़ा।
विशेषताएँ:
- उच्च भूमि कर: स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाड़ी, और महालवाड़ी प्रथाओं ने किसानों पर भारी कर लगाया।
- भारतीय उद्योगों का विनाश: सूती वस्त्र (ढाका मलमल) और हस्तशिल्प उद्योग नष्ट हुए।
- आयात-निर्यात नीतियाँ: ब्रिटिश माल पर कम कर, भारतीय माल पर भारी कर।
- प्रतियोगी तथ्य: भारत कच्चा माल आपूर्तिकर्ता और ब्रिटिश माल का बाजार बना।
2. राजनैतिक कारण
विवरण: अंग्रेजों की विस्तारवादी नीतियों ने भारतीय राज्यों और रियासतों में असंतोष पैदा किया।
विशेषताएँ:
- लार्ड डलहौजी की विलय नीति: गोद निषेध (Doctrine of Lapse) के तहत सतारा (1848), झाँसी (1853), और नागपुर (1854) का विलय।
- अवध का विलय (1856): कुप्रबंधन के बहाने नवाब वाजिद अली शाह को हटाया गया।
- पेंशन और उपाधियों का अंत: पेशवा नाना साहब और रानी लक्ष्मीबाई की पेंशन बंद।
- प्रतियोगी तथ्य: विलय नीति ने रियासतों में अंग्रेजों के खिलाफ गुस्सा भड़काया।
3. सामाजिक और धार्मिक कारण
विवरण: अंग्रेजी सुधारों और धार्मिक हस्तक्षेप ने भारतीय समाज को आहत किया।
विशेषताएँ:
- सती प्रथा पर प्रतिबंध (1829) और विधवा पुनर्विवाह (1856) को धार्मिक हस्तक्षेप माना गया।
- पश्चिमी शिक्षा और ईसाई मिशनरी गतिविधियों का प्रसार।
- धार्मिक भेदभाव: भारतीय सैनिकों को विदेशी अभियानों में भेजने की योजना।
- प्रतियोगी तथ्य: एनफील्ड राइफल के कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी की अफवाह ने आग में घी डाला।
4. सैन्य कारण
विवरण: भारतीय सिपाहियों के साथ भेदभाव और अनुशासनहीनता ने विद्रोह को प्रेरित किया।
विशेषताएँ:
- कम वेतन और पदोन्नति में भेदभाव: भारतीय सिपाहियों को अंग्रेजों की तुलना में कम सुविधाएँ।
- एनफील्ड राइफल कारतूस: गाय और सुअर की चर्बी की अफवाह।
- सैनिकों की संख्या: भारतीय सिपाहियों की संख्या (2,38,000) अंग्रेजों (45,000) से अधिक।
- प्रतियोगी तथ्य: मंगल पांडे ने बैरकपुर में विद्रोह की शुरुआत की।
5. क्रान्ति की योजना
विवरण: विद्रोह की शुरुआत मेरठ से हुई और कई केंद्रों में फैल गया।
प्रमुख केंद्र और नेतृत्व:
- बैरकपुर: मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को विद्रोह शुरू किया, फाँसी दी गई।
- मेरठ: 10 मई 1857 को सिपाहियों ने विद्रोह किया, दिल्ली की ओर कूच किया।
- इलाहबाद: लियाकत अली के नेतृत्व में विद्रोह।
- फैजाबाद: मौलवी अहमदुल्लाह ने नेतृत्व किया।
- बहराइच: नवाब अली बहादुर ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
- बरेली: खान बहादुर खान ने अंग्रेजों को हराया।
- कानपुर: नाना साहब और तात्या टोपे ने नेतृत्व किया, सीपुलचर कांड।
- लखनऊ: बेगम हजरत महल ने अवध में विद्रोह का नेतृत्व किया।
- आजमगढ़: कुंवर सिंह ने बिहार में विद्रोह किया।
- झाँसी: रानी लक्ष्मीबाई ने 1858 तक अंग्रेजों से लोहा लिया।
- प्रतियोगी तथ्य: दिल्ली में बहादुर शाह जफर को सम्राट घोषित किया गया।
6. क्रान्ति की असफलता के कारण
विवरण: संगठन, संसाधनों, और समन्वय की कमी ने क्रान्ति को असफल किया।
विशेषताएँ:
- केंद्रीय नेतृत्व की कमी: कोई एकीकृत नेतृत्व नहीं।
- सीमित क्षेत्र: दक्षिण और पूर्वी भारत में विद्रोह नहीं फैला।
- अंग्रेजों की सैन्य शक्ति: आधुनिक हथियार और संगठन।
- भारतीय राजाओं का समर्थन: ग्वालियर, हैदराबाद, और सिख राजाओं ने अंग्रेजों का साथ दिया।
- प्रतियोगी तथ्य: विद्रोह को दबाने में कैंपबेल और हेवलॉक की भूमिका।
7. क्रान्ति के परिणाम
विवरण: विद्रोह ने अंग्रेजी शासन की नीतियों में बदलाव लाया।
विशेषताएँ:
- कंपनी शासन का अंत: 1858 में भारत ब्रिटिश क्राउन के अधीन।
- महारानी विक्टोरिया का घोषणापत्र: 1 नवंबर 1858 को जारी।
- सेना में सुधार: भारतीय सिपाहियों की संख्या कम, अंग्रेजों की बढ़ाई गई।
- प्रतियोगी तथ्य: गवर्नर-जनरल को वायसराय कहा गया।
8. महारानी विक्टोरिया का 1858 का घोषणापत्र
विवरण: लॉर्ड कैनिंग ने 1 नवंबर 1858 को इलाहबाद में घोषणा की।
विशेषताएँ:
- भारतीय रियासतों को संरक्षण और विलय नीति समाप्त।
- धार्मिक स्वतंत्रता और समानता का वादा।
- भारतीयों को सरकारी नौकरियों में अवसर।
- प्रतियोगी तथ्य: इसे भारत का मैग्ना कार्टा कहा गया।