भारत में राष्ट्रवाद का उदय एवं विकास

विस्तृत नोट्स

परिचय

19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में भारत में राष्ट्रवाद का उदय हुआ, जिसने स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी।

महत्व: राष्ट्रीय चेतना ने भारतीयों को एकजुट किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन को गति दी।

प्रतियोगी तथ्य: राष्ट्रवाद ने स्वतंत्रता आंदोलन को संगठित रूप प्रदान किया।

1. राष्ट्रीय भावना के विकास के कारण

विवरण: विभिन्न कारकों ने भारतीयों में राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया।

विशेषताएँ:

  • पाश्चात्य शिक्षा ने तर्कसंगत और राष्ट्रीय विचारों को बढ़ावा दिया।
  • 1857 के विद्रोह ने एकता की भावना को प्रेरित किया।
  • ब्रिटिश नीतियों (जैसे कर और आर्थिक शोषण) ने असंतोष बढ़ाया।
  • प्रतियोगी तथ्य: लॉर्ड लिटन की नीतियों ने राष्ट्रीय भावना को तीव्र किया।

2. भारत की राजनीतिक एकता

विवरण: ब्रिटिश शासन ने भारत को प्रशासनिक रूप से एकीकृत किया।

विशेषताएँ:

  • केंद्रीकृत प्रशासन और कानून व्यवस्था।
  • रियासतों को ब्रिटिश नियंत्रण में लाना।
  • प्रतियोगी तथ्य: एकीकृत प्रशासन ने राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा दिया।

3. तीव्र परिवहन

विवरण: रेलवे और सड़कों ने भारत को जोड़ा।

विशेषताएँ:

  • 1853 में पहली रेल (बम्बई-ठाणे)।
  • रेलवे ने लोगों और विचारों का आदान-प्रदान बढ़ाया।
  • प्रतियोगी तथ्य: रेलवे ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया।

4. डाक तथा संचार व्यवस्था

विवरण: डाक और तार प्रणाली ने संचार को तेज किया।

विशेषताएँ:

  • 1850 के दशक में डाकघरों का विस्तार।
  • तार प्रणाली ने सूचनाओं का त्वरित प्रसार किया।
  • प्रतियोगी तथ्य: संचार ने राष्ट्रीय आंदोलन को संगठित किया।

5. अंग्रेजी भाषा

विवरण: अंग्रेजी ने शिक्षित भारतीयों को एक मंच दिया।

विशेषताएँ:

  • मैकाले के मिनट (1835) ने अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा दिया।
  • शिक्षित वर्ग ने राष्ट्रीय विचारों का प्रचार किया।
  • प्रतियोगी तथ्य: अंग्रेजी ने राष्ट्रीय नेताओं को एकजुट किया।

6. भारतीय समाचार पत्र एवं साहित्य की भूमिका

विवरण: समाचार पत्रों ने जनता को जागरूक किया।

विशेषताएँ:

  • ‘बंगाल गजट’ (1818) पहला भारतीय समाचार पत्र।
  • ‘केसरी’ और ‘मराठा’ (बाल गंगाधर तिलक) ने राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया।
  • प्रतियोगी तथ्य: समाचार पत्रों ने ब्रिटिश नीतियों की आलोचना की।

7. आर्थिक राष्ट्रवाद

विवरण: ब्रिटिश आर्थिक शोषण के खिलाफ जागरूकता।

विशेषताएँ:

  • दादाभाई नौरोजी का ‘Drain of Wealth’ सिद्धांत।
  • स्वदेशी और स्वदेशी उद्योगों का प्रचार।
  • प्रतियोगी तथ्य: आर्थिक शोषण ने राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित किया।

8. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

विवरण: 1885 में स्थापित, भारत का पहला राष्ट्रीय संगठन।

विशेषताएँ:

  • ए.ओ. ह्यूम ने स्थापना में सहयोग किया।
  • पहला अधिवेशन बम्बई में (1885)।
  • प्रतियोगी तथ्य: डब्ल्यू.सी. बनर्जी पहले अध्यक्ष थे।

9. नरम दल

विवरण: कांग्रेस के उदारवादी नेता।

विशेषताएँ:

  • संवैधानिक तरीकों (प्रार्थना पत्र, याचिका) का उपयोग।
  • प्रमुख नेता: गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता।
  • प्रतियोगी तथ्य: नरम दल ने स्वशासन की मांग की।

10. गरम दल

विवरण: कांग्रेस के उग्रवादी नेता।

विशेषताएँ:

  • स्वराज और स्वदेशी पर जोर।
  • प्रमुख नेता: बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल।
  • प्रतियोगी तथ्य: तिलक ने कहा, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।”

11. बंग-भंग आंदोलन

विवरण: 1905 में बंगाल का विभाजन।

विशेषताएँ:

  • लॉर्ड कर्जन ने बंगाल को धार्मिक आधार पर विभाजित किया।
  • स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन शुरू हुआ।
  • प्रतियोगी तथ्य: 1911 में विभाजन रद्द हुआ।

12. मार्ले-मिण्टो सुधार

विवरण: 1909 में लागू, औपचारिक रूप से इंडियन काउंसिल्स एक्ट।

विशेषताएँ:

  • लेजिस्लेटिव काउंसिल में भारतीयों की संख्या बढ़ाई।
  • अलग निर्वाचक मंडल की शुरुआत।
  • प्रतियोगी तथ्य: इसने सांप्रदायिक निर्वाचन को बढ़ावा दिया।

13. गदर पार्टी

विवरण: 1913 में विदेशी भारतीयों द्वारा स्थापित।

विशेषताएँ:

  • लाला हरदयाल और सोहन सिंह भकना ने नेतृत्व किया।
  • ‘गदर’ समाचार पत्र ने क्रांति को प्रेरित किया।
  • प्रतियोगी तथ्य: 1915 में सशस्त्र विद्रोह की योजना।

14. होमरुल आंदोलन

विवरण: 1916 में स्वशासन की मांग के लिए शुरू।

विशेषताएँ:

  • एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक ने नेतृत्व किया।
  • होम रूल लीग ने जन जागरूकता बढ़ाई।
  • प्रतियोगी तथ्य: 1917 में एनी बेसेंट कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।

सारांश (एक पंक्ति के तथ्य)

  1. राष्ट्रवाद का उदय 19वीं सदी के अंत में हुआ।
  2. पाश्चात्य शिक्षा ने राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा दिया।
  3. 1857 का विद्रोह राष्ट्रीय एकता का प्रेरक था।
  4. लॉर्ड लिटन की नीतियों ने असंतोष बढ़ाया।
  5. ब्रिटिश शासन ने भारत को प्रशासनिक रूप से एकीकृत किया।
  6. पहली रेल 1853 में बम्बई-ठाणे के बीच चली।
  7. रेलवे ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया।
  8. डाकघरों का विस्तार 1850 के दशक में हुआ।
  9. तार प्रणाली ने संचार को तेज किया।
  10. मैकाले के मिनट ने 1835 में अंग्रेजी शिक्षा शुरू की।
  11. अंग्रेजी ने शिक्षित भारतीयों को एकजुट किया।
  12. ‘बंगाल गजट’ 1818 में पहला भारतीय समाचार पत्र था।
  13. ‘केसरी’ तिलक का समाचार पत्र था।
  14. दादाभाई नौरोजी ने ‘Drain of Wealth’ सिद्धांत दिया।
  15. स्वदेशी आंदोलन ने आर्थिक राष्ट्रवाद को बढ़ाया।
  16. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई।
  17. ए.ओ. ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना में सहयोग किया।
  18. डब्ल्यू.सी. बनर्जी कांग्रेस के पहले अध्यक्ष थे।
  19. नरम दल ने संवैधानिक तरीकों का उपयोग किया।
  20. गोपाल कृष्ण गोखले नरम दल के नेता थे।
  21. गरम दल ने स्वराज की मांग की।
  22. बाल गंगाधर तिलक गरम दल के नेता थे।
  23. तिलक ने कहा, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।”
  24. बंग-भंग आंदोलन 1905 में शुरू हुआ।
  25. लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया।
  26. स्वदेशी आंदोलन बंग-भंग के जवाब में शुरू हुआ।
  27. बंगाल विभाजन 1911 में रद्द हुआ।
  28. मार्ले-मिण्टो सुधार 1909 में लागू हुए।
  29. मार्ले-मिण्टो सुधार ने अलग निर्वाचक मंडल शुरू किया।
  30. गदर पार्टी की स्थापना 1913 में हुई।
  31. लाला हरदयाल गदर पार्टी के नेता थे।
  32. ‘गदर’ समाचार पत्र ने क्रांति को प्रेरित किया।
  33. गदर पार्टी ने 1915 में सशस्त्र विद्रोह की योजना बनाई।
  34. होमरुल आंदोलन 1916 में शुरू हुआ।
  35. एनी बेसेंट ने होम रूल लीग की स्थापना की।
  36. एनी बेसेंट 1917 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।
  37. रेलवे ने विचारों का आदान-प्रदान बढ़ाया।
  38. संचार व्यवस्था ने आंदोलन को संगठित किया।
  39. समाचार पत्रों ने ब्रिटिश नीतियों की आलोचना की।
  40. आर्थिक शोषण ने राष्ट्रवाद को प्रेरित किया।
  41. कांग्रेस ने स्वशासन की मांग की।
  42. नरम दल ने याचिकाओं का उपयोग किया।
  43. गरम दल ने बहिष्कार और स्वदेशी को अपनाया।
  44. लाला लाजपत राय गरम दल के नेता थे।
  45. बिपिन चंद्र पाल ने स्वराज का समर्थन किया।
  46. बंग-भंग ने राष्ट्रीय आंदोलन को तीव्र किया।
  47. स्वदेशी ने भारतीय उद्योगों को बढ़ावा दिया।
  48. मार्ले-मिण्टो सुधार ने सांप्रदायिकता को बढ़ाया।
  49. गदर पार्टी ने विदेशों में क्रांति को प्रेरित किया।
  50. होमरुल आंदोलन ने स्वशासन की मांग को मजबूत किया।
  51. पाश्चात्य शिक्षा ने तर्कसंगत विचारों को जन्म दिया।
  52. 1857 का विद्रोह राष्ट्रवाद का प्रारंभिक बिंदु था।
  53. ब्रिटिश नीतियों ने जन असंतोष बढ़ाया।
  54. रियासतों का एकीकरण राष्ट्रीय चेतना का आधार बना।
  55. ‘मराठा’ तिलक का दूसरा समाचार पत्र था।
  56. दादाभाई नौरोजी ब्रिटिश संसद में चुने गए।
  57. नरम दल ने प्रशासनिक सुधारों की मांग की।
  58. गरम दल ने प्रत्यक्ष कार्रवाई को प्राथमिकता दी।
  59. बंग-भंग ने हिंदू-मुस्लिम एकता को प्रभावित किया।
  60. होमरुल आंदोलन ने जन जागरूकता बढ़ाई।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. भारत में राष्ट्रवाद का उदय कब शुरू हुआ?





2. राष्ट्रीय चेतना को बढ़ाने में किसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?





3. 1857 का विद्रोह राष्ट्रीय चेतना का क्या था?





4. पहली रेल कब और कहाँ चली?





5. डाकघरों का विस्तार कब हुआ?





6. मैकाले के मिनट ने कब अंग्रेजी शिक्षा शुरू की?





7. पहला भारतीय समाचार पत्र कौन सा था?





8. ‘केसरी’ समाचार पत्र किसका था?





9. ‘Drain of Wealth’ सिद्धांत किसने दिया?





10. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई?





11. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में किसने सहयोग किया?





12. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अध्यक्ष कौन थे?





13. नरम दल के प्रमुख नेता कौन थे?





14. गरम दल ने क्या मांग की?





15. “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” किसने कहा?





16. बंग-भंग आंदोलन कब शुरू हुआ?





17. बंगाल का विभाजन किसने किया?





18. बंगाल विभाजन कब रद्द हुआ?





19. स्वदेशी आंदोलन किसके जवाब में शुरू हुआ?





20. मार्ले-मिण्टो सुधार कब लागू हुआ?





21. मार्ले-मिण्टो सुधार ने क्या शुरू किया?





22. गदर पार्टी की स्थापना कब हुई?





23. गदर पार्टी का नेतृत्व किसने किया?





24. ‘गदर’ समाचार पत्र ने क्या प्रेरित किया?





25. गदर पार्टी ने सशस्त्र विद्रोह की योजना कब बनाई?





26. होमरुल आंदोलन कब शुरू हुआ?





27. होम रूल लीग की स्थापना किसने की?





28. एनी बेसेंट कब कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं?





29. नरम दल ने किस तरीके का उपयोग किया?





30. गरम दल के प्रमुख नेता कौन थे?