तीन भुजाओं से बनी एक बन्द आकृति को त्रिभुज कहते हैं। त्रिभुज में 3 भुजाएँ, 3 कोण और 3 ही शीर्ष होते हैं। त्रिभुज सबसे कम भुजाओं से बनने वाली एक बन्द आकृति (बहुभुज) है।
त्रिभुज में तीन कोण होते हैं त्रिभुज के तीनों आन्तरिक कोणों का योग 180° होता है।
क्षेत्रफल = (1/2) × आधार × ऊँचाई
समकोण त्रिभुज (Right-angled Triangle) का क्षेत्रफल = (1/2) × आधार × ऊँचाई
कर्ण = √(आधार² + ऊँचाई²)
समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) का क्षेत्रफल = (√3 / 4) × भुजा²
समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) की परिमाप = 3 × भुजा
विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle) का क्षेत्रफल = √s(s-a)(s-b)(s-c)
जहाँ a = त्रिभुज की पहली भुजा की लंबाई b = दूसरी भुजा, C = तीसरी भुजा
किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता है। यह
निश्चित बिंदु, वृत्त का केंद्र कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी
वृत्त की त्रिज्या कहलाती है।
वृत्त की सबसे बड़ी जीवा व्यास कहलाती है।
वृत्त के केन्द्र पर बना कोण 360° का होता है। वृत्त में जीवाओं की संख्या अनंत होती है।
व्यास = 2 x त्रिज्या
त्रिज्या = व्यास/2
परिधि = 2πr = 2π x त्रिज्या
क्षेत्रफल = πr² = π x त्रिज्या²
अर्द्धवृत्त की परिधि = r(π+2) = π x त्रिज्या + 2 x त्रिज्या
चार भुजाओं से घिरी हुई आकृति चतुर्भुज कहलाती है। चतुर्भुज के चारों कोणों का योग 360° होता है।
चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 x d x (p1 + p2)
जहाँ d = विकर्ण, तथा p1, p2 क्रमशः
विकर्ण पर लम्ब हैं।
परिमाप = चारों भुजाओं का योगफल
आयत एक चार-भुजाओं वाली आकृति है जिसमें प्रत्येक कोण 90° का होता है। इसकी विपरीत भुजाएँ समान लंबाई की होती हैं। विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते है।
क्षेत्रफल = लंबाई × चौड़ाई
परिमाप = 2(लंबाई + चौड़ाई)
विकर्ण = √(लंबाई² + चौड़ाई²)
वर्ग एक ऐसा बहुभुज है जिसमें चारों भुजाएँ समान होती हैं और सभी कोण 90° के होते हैं। विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करता है।
क्षेत्रफल = भुजा × भुजा
परिमाप = 4 x भुजा
विकर्ण = √2 x भुजा
समलम्ब एक चार भुजाओं वाली आकृति है जिसमें सभी भुजाएँ समान होती हैं, लेकिन कोण 90° के नहीं होते।
क्षेत्रफल = (1/2) × एक विकर्ण × दूसरा विकर्ण
परिमाप = 4 x भुजा
भुजा = 1/2 x √d1² + d2²   जहाँ d1, d2 विकर्ण है
समांतर चतुर्भुज एक चार भुजाओं वाली आकृति है जिसमें विपरीत भुजाएँ समानांतर होती हैं।
क्षेत्रफल = आधार × ऊँचाई
परिमाप = 2(लंबाई + चौड़ाई)
समलम्ब एक चार भुजाओं वाली आकृति होती है जिसमें केवल एक जोड़ी विपरीत भुजाएँ समानांतर होती हैं।
क्षेत्रफल = (1/2) ×(समान्तर भुजाओं का योग) × ऊँचाई
घनाभ एक त्रिआयामी आकृति होती है जिसकी लंबाई, चौड़ाई, और ऊँचाई अलग होती हैं। घनाभ में कुल 6 पृष्ठ/ सतह / फलक होते हैं। जबकि 8 शीर्ष होते हैं। साथ ही 12 किनारे/कोर होते हैं।
पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2(लंबाई × चौड़ाई + चौड़ाई xऊँचाई + ऊँचाई x लंबाई)
आयतन = लंबाई × चौड़ाई × ऊँचाई
विकर्ण = √(लंबाई² + चौड़ाई² + ऊँचाई²)
घन एक त्रिआयामी आकृति है जिसकी सभी भुजाएँ और कोण समान होते हैं। घन का प्रत्येक सतह वर्गाकार होता है
पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6 × भुजा²
आयतन = भुजा x भुजा x भुजा
विकर्ण = √3 x भुजा
बेलन एक त्रिआयामी आकृति होती है जिसमें दो समान और समानांतर गोलाकार आधार होते हैं। बेलन में एक वक्र और दो समतल प्रष्ठ होते हैं।
आयतन = πr²h
वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh
सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh + 2πr²
शंकु एक त्रिआयामी आकृति है जिसकी एक गोलाकार आधार होती है और एक शीर्ष बिंदु होता है।
तिर्यक ऊँचाई = √r² + h²
आयतन = (1/3) × πr²h
वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl
सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = πr(l + r)
गोला एक त्रिआयामी आकृति होती है जिसकी सभी बिंदु केंद्र से समान दूरी पर होते हैं।
वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 4πr²
आयतन = (4/3) × πr³
अर्धगोला वह त्रिआयामी आकृति होती है जो गोले के आधे हिस्से से बनती है।
वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πr²
सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 3πr²
आयतन = (2/3) × πr³
सामान्य रूप:
ax² + bx + c = 0
द्विघात समीकरण एक द्विघात बहुपद है, जहाँ a, b, और c गुणांक होते हैं और x चर होता है।
समाधान:
x = [-b ± √(b² - 4ac)] / 2a
(a + b)² = a² + 2ab + b²
(a - b)² = a² - 2ab + b²
(a + b)(a - b) = a² - b²
(a + b + c)² = a² + b² + c² + 2ab + 2bc +2ca
(a + b)³ = a³ + b³ + 3ab(a + b)
(a + b)³ = a³ + b³ + 3a²b + 3ab²
(a - b)³ = a³ - b³ - 3ab(a - b)
(a - b)³ = a³ - b³ - 3a²b + 3ab²
a³ + b³ = (a + b)(a² - ab + b²)
a³ - b³ = (a - b)(a² + ab + b²)
सामान्य रूप:
यदि a/b = c/d, तो अनुपात a:b = c:d होता है।
अनुपात दो संख्याओं की तुलना करता है, जबकि समानुपात यह दर्शाता है कि दो अनुपात समान होते हैं।
साधारण ब्याज का सूत्र:
साधारण ब्याज = (मूलधन x दर x समय) / 100
SI = (P × R × T) / 100
जहाँ,
P = मूलधन (Principal)
R = ब्याज दर (Rate of Interest)
T = समय (Time)
मिश्र धन का सूत्र:
मिश्रधन = मूलधन + साधारण ब्याज
समय का सूत्र:
T = (SI X 100)/P x R
दर का सूत्र:
R = (SI X 100)/P x T
मूलधन का सूत्र:
P = (SI X 100)/R x T
चक्रवृद्धि मिश्रधन :
A = P (1 + R/100)ⁿ
चक्रवृद्धि ब्याज का सूत्र:
CI = A - P
जहाँ,
A =चक्रवृद्धि मिश्रधन
P = मूलधन (Principal)
R = ब्याज दर (Rate of Interest)
n = वर्षों की संख्या (Number
of Years)
CI = चक्रवृद्धि ब्याज
लाभ का सूत्र:
लाभ (Profit) = विक्रय मूल्य (Selling Price) - क्रय मूल्य (Cost Price)
हानि का सूत्र:
हानि (Loss) = क्रय मूल्य (Cost Price) - विक्रय मूल्य (Selling Price)
लाभ प्रतिशत (Profit %):
Profit % = (लाभ / क्रय मूल्य) × 100
हानि प्रतिशत (Loss %):
Loss % = (हानि / क्रय मूल्य) × 100
प्रतिशत का सूत्र:
प्रतिशत (%) = (वास्तविक मान / कुल मान) × 100
दूरी का सूत्र:
दूरी = चाल x समय   (Distance = Speed × Time)
गति का सूत्र:
चाल = दूरी / समय  (Speed = Distance / Time)
समय का सूत्र:
समय = दूरी / चाल   (Time = Distance / Speed)
घातांक के नियम:
1. aⁿ × aᵐ = aⁿ⁺ᵐ
2. aⁿ ÷ aᵐ = aⁿ⁻ᵐ
3. (aⁿ)ᵐ = aⁿᵐ
4. a⁰ = 1 (जब a ≠ 0)
5. a⁻ⁿ = 1 / aⁿ
समान्तर माध्य (Airthmetic Mean):
समान्तर माध्य = सभी पदों का योगफल / पदों की संख्या
समान्तर माध्य = (∑x) / N
माध्यिका (Median):
यदि आंकणों की संख्या विषम है तो माध्यिका का मान (N+1)/2 वें पद का मान
यदि आंकणों की संख्या सम है तो माध्यिका का मान [(N)/2 वां पद + (N+1)/2 वां पद ]/ 2
बहुलक (Mode):
वह मान जो सबसे अधिक बार आता है।
चतुर्थांश - 1     (+, +)
चतुर्थांश - 2     (-, +)
चतुर्थांश - 3     (-, -)
चतुर्थांश - 4     (+, -)
मूल बिंदु के निर्देशांक     (0, 0)
दूरी का सूत्र:
दूरी = √[(x₂ - x₁)² + (y₂ - y₁)²]
मध्य बिंदु का सूत्र:
मध्य बिंदु = [(x₁ + x₂) / 2, (y₁ + y₂) / 2]
प्रायिकता का सूत्र:
प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल परिणामों की संख्या
यह सूत्र किसी घटना की संभावना निकालने के लिए उपयोग होता है।