वह शक्ति हमें दो दयानिधे

Monday

वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर-सेवा पर-उपकार में हम, जग(निज)-जीवन सफल बना जावें
वह शक्ति हमें दो दयानिधे...
हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के, सेवक बन संताप हरें।
जो हैं अटके, भूले-भटके, उनको तारें खुद तर जावें॥
वह शक्ति हमें दो दयानिधे...
छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ, अन्याय से निशिदिन दूर रहें।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना, शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें॥
वह शक्ति हमें दो दयानिधे...
निज आन-बान, मर्यादा का, प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।
जिस देश-जाति में जन्म लिया, बलिदान उसी पर हो जावें॥
वह शक्ति हमें दो दयानिधे...


दया कर दान भक्ति का

Tuesday

दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना।
हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ।
अँधेरे दिल में आकर के, परम ज्योति जगा देना।
दया कर………
हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा।
सदा ईमान हो सेवा, व सेवक चर बना देना।
दया कर………
बहादो प्रेम की गंगा दिलो में प्रेम का सागर।
हमंे आपस में मिलजुल के प्रभो रहना सिखा देना।
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभो हमको सिख देना।
दया कर………


ऐ, मालिक, तेरे बंदे हम

Wednesday

ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुये निकले दम
ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इन्सान घबरा रहा
हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छुपा जा रहा
है तेरी रोशनी में वो दम, तो अमावस को कर दे पूनम
बड़ा कमजोर है आदमी, अभी लाखों हैं इस में कमी
पर तू जो खड़ा, है दयालू बड़ा, तेरी क्रिपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम, तू ही झेलेगा हम सब के ग़म
जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें, हम भलाई भरें, नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का ये भरम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुये निकले दम


सुबह सवेरे लेके तेरा नाम प्रभु

Thursday

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम,
विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम,
विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
हाँ, विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
तुम्ही से है आगाज़ तुम्हीं से अंजाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
गुरुओं का सत्कार कभी न भूले हम,
इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
गुरुओं का सत्कार कभी न भूले हम,
इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
हाँ, इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
तुम्हीं से है हर सुबह तुम्ही से शाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।


दया कर दान भक्ति का

Friday

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा, सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥
सागर से उठा बादल बनके, बादल से फटा जल हो करके ।
फिर नहर बना नदियाँ गहरी, तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है ॥

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
चींटी से भी अणु-परमाणु बना, सब जीव-जगत् का रूप लिया ।
कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना, सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।


इतनी शक्ति हमें देना दाता

Suturday

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना

दूर अज्ञान के हो अँधेरे तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहें हम जीतनी भी दे भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसी का किसी से भावना मन में बदले की हो ना

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना

हम न सोचें हमें क्या मिला है हम ये सोचें क्या किया है अर्पण
फूल खुशियों के बांटें सभी को सबका जीवन ही बन जाए मधुबन
अपनी करुणा को जल तू बहा के करदे पावन हर एक मन का कोना

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना

हम अँधेरे में हैं रौशनी दे खो ना दे खुद हो ही दुश्मनी से
हम सज़ा पायें अपने किये की मौत भी हो तो सह ले ख़ुशी से
कल जो गुज़ारा है फिरसे ना गुज़रे आनेवाला वो कल ऐसा हो ना

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना

हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है सहमा-सहमा सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाए जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले तेरी रचना का ये अंत हो ना

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना


राष्ट्रगान

जन-गण-मन अधिनायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता!
पंजाब-सिन्ध-गुजरात-मराठा,
द्रविड़-उत्कल-बङ्ग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा, उच्छल जलधि तरंग
तब शुभ नामे जागे,
तब शुभ आशिष माँगे
गाहे तब जय गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता!
जय हे! जय हे! जय हे!
जय जय जय जय हे!


दैनिक प्रतिज्ञा

भारत हमारा देश है। हम सब भारतवासी भाई-बहिन है।
हम उन महान परम्पराओं पर गर्व करते हैं
जो इस देश की बहुमूल्य थाती हैं।
हम माता-पिता एवं गुरुजनों का आदर करेगें।
हम अपने देश तथा देशवासियों के प्रति निष्ठावान होने की प्रतिज्ञा करते हैं।
उनकी सुख समृद्धि में ही हमारा सुख निहित है।