दैनिक जीवन में विज्ञान की भूमिका
विज्ञान: प्रकृति और इसके नियमों का अध्ययन, जो हमारे जीवन को आसान और बेहतर बनाता है।
विज्ञान ने दैनिक जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है, जैसे भोजन, आवास, यातायात, और स्वास्थ्य।
यह समस्याओं का समाधान ढूंढता है और नई तकनीकों का विकास करता है।
परम्परागत एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विज्ञान की भूमिका
घरेलू यातायात:
- परम्परागत: बैलगाड़ी, घोड़ों का उपयोग; धीमा और सीमित।
- वर्तमान: वायुयान, रेलगाड़ी, कार, मेट्रो; तेज और कुशल। वायुयान यातायात का आधुनिक साधन है।
चिकित्सा:
- परम्परागत: जड़ी-बूटियाँ, आयुर्वेद; प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक चरक ने जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों के द्वारा रोगों के उपचार की विधि विकसित की।
- वर्तमान: वैक्सीन, एक्स-रे, एंटीबायोटिक्स (जैसे पेनिसिलिन, जिसकी खोज एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने की), और आधुनिक शल्य चिकित्सा। सुश्रुत ने शल्य चिकित्सा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कृषि:
- परम्परागत: हल, बैल; केंचुए को किसान का मित्र कहा जाता है क्योंकि वे मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं।
- वर्तमान: ट्रैक्टर, उर्वरक (यूरिया, जिसके अत्यधिक उपयोग से मृदा प्रदूषण होता है), और जैव प्रौद्योगिकी।
संचार:
- परम्परागत: पत्र, दूत।
- वर्तमान: टेलीफोन (एलेग्जेंडर ग्राहम बेल द्वारा आविष्कार), इंटरनेट, स्मार्टफोन।
मनोरंजन:
- परम्परागत: लोक नृत्य, कहानियाँ।
- वर्तमान: टेलीविजन (जॉन लोगी बेयर्ड द्वारा आविष्कार), रेडियो (मारकोनी द्वारा आविष्कार), ग्रामोफोन और बल्ब (थॉमस एडिसन द्वारा)।
विज्ञान के अविवेकपूर्ण उपयोग से उत्पन्न समस्याएँ
विज्ञान का गलत उपयोग पर्यावरण और समाज को हानि पहुँचाता है।
- ओजोन परत में छिद्र का कारण वायु प्रदूषण है।
- रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में प्रयुक्त गैसों से वायुमंडल में क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) की मात्रा बढ़ रही है, जिससे ओजोन परत का निरंतर क्षरण हो रहा है।
- यूरिया के अत्यधिक उपयोग से मृदा प्रदूषण होता है।
- नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए गए, जिससे भारी विनाश हुआ।
- औद्योगिक कचरा और प्लास्टिक से जल और मृदा प्रदूषण।
भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान
भारत के वैज्ञानिकों ने विज्ञान को विश्व स्तर पर समृद्ध किया।
- चरक: प्राचीन वैज्ञानिक, जिन्होंने जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों से रोगों का उपचार विकसित किया।
- सुश्रुत: शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान; प्राचीन सर्जरी के जनक।
- आर्यभट्ट: पाई (π) का मान ज्ञात किया; खगोल विज्ञान में योगदान।
- श्रीधराचार्य: वर्ग समीकरण का हल देने वाले प्रथम गणितज्ञ।
- जगदीश चंद्र बोस: पौधों में संवेदनशीलता की खोज की।
- सर सी.वी. रमन: रमन प्रभाव (प्रकाश का प्रकीर्णन) की खोज; नोबेल पुरस्कार विजेता।
- एस. रामानुजम: संख्या सिद्धांत में योगदान; गणित के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध।
- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: मिसाइल मैन; मिसाइल प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अनुसंधान में योगदान।
- कल्पना चावला: अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान; पहली भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री।
- डॉ. हरगोविंद खुराना: अनुवांशिक कोड की खोज; नोबेल पुरस्कार विजेता।
अन्य देशों के वैज्ञानिकों का योगदान
विश्व के वैज्ञानिकों ने आधुनिक विज्ञान को आकार दिया।
- एडवर्ड जेनर: रोगों से रक्षा हेतु वैक्सीन की खोज।
- एलेक्जेंडर फ्लेमिंग: पेनिसिलिन (एंटीबायोटिक) की खोज।
- मैडम मैरी क्यूरी: रेडियम और पोलोनियम की खोज; नोबेल पुरस्कार विजेता।
- गैलीलियो गैलेली: दूरबीन की खोज; खगोल विज्ञान में योगदान।
- थॉमस अल्वा एडिसन: ग्रामोफोन और विद्युत बल्ब की खोज।
- मारकोनी: रेडियो का आविष्कार।
- एलेग्जेंडर ग्राहम बेल: टेलीफोन का आविष्कार।
- सर आइज़क न्यूटन: गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत।
- चार्ल्स बैबेज: कंप्यूटर की खोज।
- माइकल फैराडे: डायनेमो की खोज।
नोबेल प्राइज
नोबेल प्राइज: विज्ञान, साहित्य, और शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार।
वैज्ञानिकों में सर सी.वी. रमन, हरगोविंद खुराना, सुब्रमण्यम चंद्रशेखर, अल्बर्ट आइंस्टीन, मैडम क्यूरी, और एलेक्जेंडर फ्लेमिंग नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO)
ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation)।
ISRO की स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी।
मुख्यालय: बेंगलुरु।
कार्य: कृत्रिम उपग्रहों को डिज़ाइन और निर्माण करना।
उदाहरण: EDUSAT, एक दूरस्थ शैक्षणिक उपग्रह।
वैज्ञानिक: कल्पना चावला और राकेश शर्मा का संबंध अंतरिक्ष विज्ञान से है; डॉ. कस्तूरीरंगन का संबंध प्रक्षेपण शास्त्र से है।