मापन की आवश्यकता और पद्धति
किसी भौतिक राशि का परिमाण संख्याओं में व्यक्त करने को मापन कहा जाता है। मापन मूलतः तुलना करने की एक प्रक्रिया है। इसमें किसी भौतिक राशि की मात्रा की तुलना एक पूर्वनिर्धारित मात्रा से की जाती है। इस पूर्वनिर्धारित मात्रा को उस राशि-विशेष के लिए मात्रक कहा जाता है।
वे राशियाँ जिनका मापन किया जा सकता है, भौतिक राशियाँ कहलाती हैं। विभिन्न भौतिक धारणाओं की व्याख्या करने के लिए हमें विविध भौतिक राशियों, जैसे- लम्बाई, द्रव्यमान, समय, वेग इत्यादि की आवश्यकता होती है।
भौतिक राशियों के परिणाम का पता हम अपनी ज्ञानेन्द्रियों से लगाते हैं, किन्तु हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ केवल अनुमान ही बता सकती हैं, राशियों का यथार्थ परिमाण नहीं। जैसे- दो पिण्डों को अलग-अलग हाथ से उठाकर हम बता सकते हैं कि कौन-सा पिण्ड हल्का है और कौन-सा भारी, किन्तु उनके यथार्थ भार बता पाना कठिन है।
अतः भौतिक राशियों के परिमाणात्मक ज्ञान के लिए उनका मापन अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त भौतिकी में कई भौतिकी घटनाओं को उनमें निहित राशियों के मध्य सम्बन्ध के पदों में व्यक्त किया जाता है। ये सम्बन्ध वाक्यों के रूप में या गणितीय समीकरण के रूप में व्यक्त किये जाते हैं। भौतिकी के इन नियमों या समीकरणों को प्रमाणित करने के लिए भी निहित भौतिक राशियों का मापन आवश्यक होता है।
उदाहरण: एक मेज की लंबाई को जानने के लिए, हम रूलर का उपयोग करके उसकी माप मीटर में करते हैं, न कि केवल अनुमान लगाते हैं।
मापन की इकाइयाँ और मात्रक
मापन की इकाई (मात्रक) ऐसी हो जिससे किसी भी व्यक्ति द्वारा नापने पर माप समान आए। अर्थात माप ऐसी हो जिसका प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक ही अर्थ हो।
किसी भौतिक राशि को मापने के लिए दो बातों की जानकारी होना आवश्यक है:
- मात्रक (Units): एक निश्चित परिमाण जो उस भौतिक राशि को मापने का आधार होता है।
- संख्यात्मक या आंकिक मान (Numerical Value): यह बताता है कि मापी गयी भौतिक राशि में मात्रक कितनी बार सम्मिलित है।
पूर्व में लम्बाई को उंगलियों के पोर, पंजे, हाथ एवं कदमों द्वारा नापा जाता था। विभिन्न मनुष्यों के हाथ, कदम या बालिश्त की लम्बाइयाँ एक समान नहीं होती, अतः यह लम्बाई मापने के उचित मात्रक नहीं है। इसलिए इन्हें लम्बाई मापन की अमानक इकाइयाँ कहते हैं।
उदाहरण: यदि एक पेंसिल की लंबाई 15 सेमी है, तो यहाँ 15 संख्यात्मक मान है और सेमी मात्रक है।
अंतर्राष्ट्रीय मापन पद्धति (S.I.)
मापन में एकरूपता लाने के लिए हमें मानक मात्रकों की आवश्यकता पड़ती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समानता रहे। इस हेतु वैज्ञानिकों द्वारा एक सर्व मान्य मात्रक पद्धति विकसित की गई। इसे अंतर्राष्ट्रीय मात्रक पद्धति कहा जाता है। इसे संक्षेप में S.I. मात्रक कहते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मानक मात्रकों को पेरिस (फ्रांस) के नाप तौल ब्यूरो में सुरक्षित रखा गया है। भारत में अंतर्राष्ट्रीय मानक मात्रकों के प्रतिरूप राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली में सुरक्षित हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली में 7 मूल मात्रक और 2 पूरक मात्रक शामिल हैं:
भौतिक राशि | S.I. मात्रक | संकेत |
---|---|---|
लम्बाई | मीटर | m |
द्रव्यमान | किलोग्राम | kg |
समय | सेकंड | s |
ताप | केल्विन | K |
पदार्थ की मात्रा | मोल | mol |
ज्योति तीव्रता | कैण्डेला | cd |
विद्युत धारा | एम्पियर | A |
उदाहरण: एक कमरे की लंबाई को S.I. मात्रक में मीटर (m) में मापा जाता है।
लम्बाई का मापन
किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच की दूरी को उन बिन्दुओं के बीच की लम्बाई कहते हैं। लम्बाई के मापन के लिए मानक मात्रक मीटर है, इसे संकेत 'm' द्वारा व्यक्त करते हैं।
लम्बाई के मात्रक:
- 10 मिलीमीटर (mm) = 1 सेन्टीमीटर (cm)
- 10 सेन्टीमीटर = 1 डेसीमीटर (dm)
- 10 डेसीमीटर = 100 सेन्टीमीटर (cm)
- 100 सेन्टीमीटर = 1 मीटर (m)
- 10 मीटर = 1 डेकामीटर (dam)
- 10 डेकामीटर = 1 हेक्टोमीटर (hm)
- 10 हेक्टोमीटर = 1 किलोमीटर (km)
- 1 किलोमीटर (km) = 1000 मीटर
- 1 इंच = 2.54 सेमी
- 1 फुट = 12 इंच = 30.48 सेमी
- 1 गज = 3 फुट
उपकरण: लंबाई मापने के लिए रूलर, मापने वाला फीता, या वर्नियर कैलिपर का उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: एक मेज की लंबाई मापने के लिए मापने वाले फीते का उपयोग करके 1.5 मीटर पाया गया।
द्रव्यमान का मापन
किसी वस्तु में पदार्थ का जितना परिमाण (मात्रा) होता है, वह उस वस्तु का द्रव्यमान होता है। द्रव्यमान के मापन के लिए मानक मात्रक किलोग्राम है, इसे संकेत 'kg' से व्यक्त करते हैं।
द्रव्यमान के मात्रक:
- 10 मिलीग्राम (mg) = 1 सेन्टीग्राम (cg)
- 10 सेन्टीग्राम = 1 डेसीग्राम (dg)
- 10 डेसीग्राम = 100 सेन्टीग्राम (cg)
- 100 सेन्टीग्राम = 1 ग्राम (g)
- 10 ग्राम = 1 डेकाग्राम (dag)
- 10 डेकाग्राम = 1 हेक्टोग्राम (hg)
- 10 हेक्टोग्राम = 1 किलोग्राम (kg)
- 1 किलोग्राम (kg) = 1000 ग्राम
- 1 ग्राम (g) = 1000 मिलीग्राम
उपकरण: द्रव्यमान मापने के लिए तराजू, इलेक्ट्रॉनिक तुला, या संतुलन तुला का उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: एक बैग में 5 किलोग्राम चावल को तुला पर मापा गया।
समय का मापन
समय की माप से हमारा तात्पर्य समय-अंतराल की माप से है। समय की अवधि का मापन सेकंड, मिनट, घंटा, दिन, माह अथवा वर्ष में किया जाता है।
समय के मात्रक:
- 60 सेकंड (s) = 1 मिनट (min)
- 60 मिनट = 1 घंटा (h)
- 24 घंटे = 1 दिन
- 365 दिन (लगभग) = 1 वर्ष
- 1 घंटा = 3600 सेकंड
- 1 वर्ष = 52 सप्ताह 1 दिन
- 1 लीप वर्ष = 52 सप्ताह 2 दिन
उपकरण: समय मापने के लिए घड़ी, स्टॉपवॉच, या टाइमर का उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: एक दौड़ में 100 मीटर दौड़ने में 12 सेकंड लगे, जिसे स्टॉपवॉच से मापा गया।
ताप का मापन
ताप किसी वस्तु की वह भौतिक राशि होती है, जिससे हमें यह पता चलता है कि वह वस्तु कितनी गर्म अथवा कितनी ठंडी है। ताप का मानक मात्रक केल्विन (K) है। दैनिक जीवन में प्रचलित मात्रक डिग्री सेल्सियस (°C) और डिग्री फारेनहाइट (°F) हैं।
जिस तापमापी से हम अपने शरीर के ताप को मापते हैं, उसे डॉक्टरी थर्मामीटर कहते हैं। डॉक्टरी थर्मामीटर से हम 35°C से 42°C तक के ताप माप सकते हैं। मानव शरीर का सामान्य ताप 37°C या 98.6°F होता है। -40°C पर सेल्सियस और फारेनहाइट दोनों तापमान बराबर होते हैं।
उपकरण: ताप मापने के लिए थर्मामीटर (डॉक्टरी, प्रयोगशाला, या डिजिटल) का उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: बुखार की जाँच के लिए डॉक्टरी थर्मामीटर से शरीर का ताप 38°C मापा गया।
क्षेत्रफल का मापन
किसी वस्तु का कोई पृष्ठ किसी तल पर जितनी जगह घेरता है, वह उस वस्तु का क्षेत्रफल कहलाता है। क्षेत्रफल का मात्रक वर्ग मीटर (m²) होता है।
क्षेत्रफल के सूत्र:
- आयत का क्षेत्रफल = लंबाई × चौड़ाई
- वर्ग का क्षेत्रफल = भुजा × भुजा = भुजा²
- वृत्त का क्षेत्रफल = π × त्रिज्या² (जहाँ π = 22/7 ≈ 3.14)
क्षेत्रफल के मात्रक:
- 1 डिसमिल = 435.56 वर्ग फुट
- 1 डिसमिल = 40 वर्ग मीटर
- 1 एकड़ = 100 डिसमिल
- 1 एयर = 100 वर्ग मीटर
- 1 हेक्टेयर = 100 एयर
- 1 हेक्टेयर = 10000 वर्ग मीटर
- 1 हेक्टेयर = 2.5 एकड़
उपकरण: क्षेत्रफल मापने के लिए मापने वाला फीता या ग्राफ पेपर का उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: एक कमरे का क्षेत्रफल 4 मीटर × 3 मीटर = 12 वर्ग मीटर है।
आयतन का मापन
किसी वस्तु द्वारा घेरे गए स्थान को उस वस्तु का आयतन कहते हैं। ठोस का आयतन घन मीटर (m³) में मापा जाता है।
आयतन के सूत्र:
- घन का आयतन = भुजा × भुजा × भुजा = भुजा³
- घनाभ का आयतन = लंबाई × चौड़ाई × ऊँचाई
- गोला का आयतन = (4/3) × π × त्रिज्या³
द्रव के आयतन का मापन: जब कोई बर्तन द्रव से पूरा भर दिया जाता है, तो उस द्रव से बर्तन का भीतरी स्थान घिर जाता है, जिसे धारिता कहते हैं। धारिता की माप लीटर (L) में की जाती है।
- 1 लीटर (L) = 1000 घन सेन्टीमीटर (cm³)
- 1 घन मीटर (m³) = 1000 लीटर
उपकरण: द्रव के आयतन के लिए मापने वाला सिलेंडर या बीकर, ठोस के लिए मापने वाला फीता या विस्थापन विधि।
क्यूसेक: पानी के बहाव की दर, जहाँ 1 क्यूसेक = प्रति सेकंड 1 घन फुट पानी का बहाव।
उदाहरण: एक बोतल में 2 लीटर पानी मापने वाले सिलेंडर से मापा गया।
मापन के विभिन्न उपकरण
विभिन्न भौतिक राशियों को मापने के लिए निम्नलिखित उपकरण उपयोग किए जाते हैं:
- लंबाई: रूलर, मापने वाला फीता, वर्नियर कैलिपर।
- द्रव्यमान: तराजू, इलेक्ट्रॉनिक तुला, संतुलन तुला।
- समय: घड़ी, स्टॉपवॉच, टाइमर।
- ताप: थर्मामीटर (डॉक्टरी, प्रयोगशाला, डिजिटल)।
- क्षेत्रफल: मापने वाला फीता, ग्राफ पेपर।
- आयतन: मापने वाला सिलेंडर, बीकर (द्रव के लिए), मापने वाला फीता (ठोस के लिए)।
उदाहरण: एक दौड़ का समय स्टॉपवॉच से, एक कमरे का आयतन मापने वाले फीते से, और पानी की मात्रा मापने वाले सिलेंडर से मापी जाती है।