वायु की अवधारणा
हमारे चारों ओर सभी स्थान पर वायु उपस्थित है। पृथ्वी सतह के ऊपर का वह भाग जहाँ वायु उपस्थित है, वायुमण्डल कहलाता है। हम वायु की उपस्थिति का अनुभव करते हैं, लेकिन वायु को देख नहीं सकते हैं।
परिभाषा: वायु एक गैसीय पदार्थ है जो पृथ्वी के वायुमण्डल में मौजूद है और जीवन के लिए आवश्यक है।
उदाहरण: जब हम पंखा चलाते हैं, तो वायु की गति के कारण ठंडक महसूस होती है।
वायु के गुण
वायु के निम्नलिखित गुण हैं:
- वायु रंगहीन, गंधहीन, और स्वादहीन होती है।
- वायु स्थान घेरती है।
- वायु में भार होता है।
- वायु दाब डालती है।
विस्तार: वायु रंगहीन, गंधहीन, और स्वादहीन होने के कारण इसे सीधे देखा, सूंघा, या चखा नहीं जा सकता। यह स्थान घेरती है, जिसे हम गुब्बारे में हवा भरकर देख सकते हैं। वायु का भार होता है, जिसे वायु से भरे गुब्बारे को तौलकर समझा जा सकता है। वायु दाब डालती है, जैसे कि साइकिल के टायर में हवा भरने पर टायर कड़ा हो जाता है।
उदाहरण: एक खाली बोतल में वायु भरी होती है, जिसे डुबाने पर बुलबुले निकलते हैं, यह दर्शाता है कि वायु स्थान घेरती है।
वायु का संघटन
वायु विभिन्न गैसों का मिश्रण है। प्रतिशतता के आधार पर वायु का संघटन निम्नलिखित है:
- नाइट्रोजन: 78%
- ऑक्सीजन: 21%
- कार्बन डाइऑक्साइड: 0.03%
- अन्य गैसें (आर्गन, हीलियम आदि): 0.97%
विस्तार: नाइट्रोजन वायु का सबसे बड़ा हिस्सा है और यह पौधों के लिए उर्वरक बनाने में उपयोगी है। ऑक्सीजन श्वसन और दहन के लिए आवश्यक है। कार्बन डाइऑक्साइड पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण में उपयोग होता है। अन्य गैसें, जैसे आर्गन और हीलियम, विभिन्न वैज्ञानिक और औद्योगिक कार्यों में उपयोगी हैं।
उदाहरण: जब हम साँस लेते हैं, तो वायु में मौजूद ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों तक पहुँचती है।
वायु की आवश्यकता और उपयोगिता
वायु जीवन और विभिन्न गतिविधियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं:
- श्वसन: जीव-जन्तु और पेड़-पौधे श्वसन क्रिया में वायु की ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालते हैं। पर्वतारोही और गोताखोर अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाते हैं क्योंकि ऊँचाई या गहराई में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। अस्पतालों में रोगियों को कृत्रिम श्वसन के लिए ऑक्सीजन दी जाती है।
- प्रकाश संश्लेषण: सभी हरे पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल का उपयोग करके मण्ड (स्टार्च) और ऑक्सीजन बनाते हैं। यह क्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है।
- परिवहन: साइकिल, स्कूटर, कार, ट्रक आदि के टायरों में वायु भरी जाती है, जो परिवहन को आसान और तीव्र बनाती है।
- सुखाने में सहायता: गीले कपड़े सुखाने में वायु सहायक है।
- गति में सहायता: पाल नौका, ग्लाइडर, पैराशूट, पतंग आदि के चलने/उड़ने में वायु सहायक है।
- परागण और प्रकीर्णन: वायु फूलों में परागण और हल्के बीजों (जैसे ओक, सेमल, कपास) के प्रकीर्णन में सहायक है।
- जल चक्र: जल चक्र में वायु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जैसे बादल बनने और वर्षा में।
- पवन चक्की: पवन चक्की चलाने में वायु सहायक है, जिसका उपयोग ट्यूबवेल से पानी निकालने और आटा चक्की चलाने में होता है।
उदाहरण: पतंग उड़ाने के लिए हवा की गति आवश्यक है, और पौधे सूर्य के प्रकाश में CO₂ का उपयोग करके भोजन बनाते हैं।
ओजोन परत
हमारे चारों ओर के वातावरण में अतिसूक्ष्म मात्रा में ओजोन गैस पायी जाती है। पृथ्वी सतह से 25 किमी ऊपर के वायुमण्डल में ओजोन अधिक मात्रा में उपस्थित है और एक आवरण बनाती है। ओजोन गैस सूर्य के प्रकाश में उपस्थित हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है और इस प्रकार इन्हें पृथ्वी सतह पर आने से रोकती है। पराबैंगनी किरणें पृथ्वी के सभी जीवधारियों (जन्तु और पौधे) के लिए अत्यधिक हानिकारक होती हैं।
आजकल बढ़ते प्रदूषण के कारण ओजोन परत की मोटाई कम हो गयी है। ओजोन परत के इस क्षरण को प्रायः ओजोन होल या ओजोन छिद्र के नाम से जाना जाता है। ओजोन छिद्र के कारण पृथ्वी पर रहने वाले जीवों और पेड़-पौधों के जीवन के लिए संकट उत्पन्न हो गया है। ओजोन छिद्र का मुख्य कारण रेफ्रीजरेटर तथा एयर कण्डीशनर से उत्पन्न होने वाली क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) गैस है। CFC वायुमण्डल में जाकर ओजोन गैस को विघटित कर देती है। 16 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है।
उदाहरण: रेफ्रीजरेटर से निकलने वाली CFC गैस ओजोन परत को नुकसान पहुँचाती है, जिससे पराबैंगनी किरणें पृथ्वी तक पहुँच सकती हैं।