कम्प्यूटर का परिचय
कम्प्यूटर एक इलेक्टॉनिक उपकरण है जिसका प्रयोग सामान्यतः उन स्थानों पर किया जाता है जहाँ कार्य तेज एवं अत्यधिक मात्रा में किया जाता है। कम्प्यूटर को हिंदी में संगणक कहते हैं। कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति "कम्प्यूट" शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है गणना करना। एक कम्प्यूटर आमतौर पर एक गणन युक्ति (कैलकुलेटिंग डिवाइस) माना जाता है जो अंकगणितीय और तार्किक (लॉजिकल) ऑपरेशन को तेजी से कर सकता है। कम्प्यूटर का उपयोग सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है, आज इसका उपयोग म्यूजिक, ग्राफिक्स, इंटरनेट आदि कई अन्य क्षेत्रों में भी हो रहा है। कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो निर्देशों के एक सेट, जिसे प्रोग्राम कहा जाता है, के अनुसार विभिन्न प्रकार के कार्य करता है। इसके बाद यह परिणाम (रिजल्ट) का प्रदर्शन (डिस्प्ले) या प्रिंट करता है, यह डाटा को स्वीकार (एक्सेप्ट), संग्रह (स्टोर), और हेरफेर (मैनिपुलेट) भी करता है।
परिभाषा: कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो डेटा को स्वीकार करता है, प्रोग्राम के निर्देशों के अनुसार उसे प्रोसेस करता है, और परिणाम प्रदान करता है।
उदाहरण: एक कैलकुलेटर का उपयोग करके गणितीय गणनाएँ करना, जैसे 25 + 37 = 62।
कम्प्यूटर का विकास
कम्प्यूटर का विकास बहुत पुराना है। सबसे पहले गणना के लिए अबैकस का आविष्कार हुआ, जो एक यांत्रिक डिवाइस थी। इसका प्रयोग अंकों की गणना के लिए किया जाता था। अबैकस को पहला कम्प्यूटर कहा जाता है। सत्रहवीं शताब्दी में चार्ल्स बैवेज ने एनालिटिकल और डिफरेंस मशीन का आविष्कार किया तथा उसमें मेमोरी को शामिल किया। कम्प्यूटर की परिकल्पना सर्वप्रथम सन् 1833 ई. में सर चार्ल्स बैवेज ने की थी, इसलिए उन्हें आधुनिक कम्प्यूटर का जनक माना जाता है। ENIAC प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर था, जिससे इलेक्ट्रॉनिक युग का प्रारंभ हुआ।
कम्प्यूटर के विकास को जनरेशनों में विभाजित किया गया है:
- प्रथम जनरेशन (1945-1955): निर्वात नली (वैक्यूम ट्यूब) का उपयोग।
- द्वितीय जनरेशन (1955-1964): ट्रांजिस्टर का उपयोग।
- तृतीय जनरेशन (1964-1975): इंटीग्रेटेड सर्किट (I.C.) का उपयोग।
- चतुर्थ जनरेशन (1975-1989): माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग।
- पंचम जनरेशन (1989 से अब तक): उन्नत इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग।
उदाहरण: अबैकस का उपयोग बाजार में हिसाब-किताब के लिए, जैसे दुकानदार द्वारा सामान का मूल्य जोड़ना।
कम्प्यूटर के प्रकार
कम्प्यूटर को उनके एप्लीकेशन और आकार/कार्य के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
एप्लीकेशन के आधार पर
- एनालॉग कम्प्यूटर: भौतिक राशियों के सतत परिवर्तन के मापन पर कार्य करते हैं। इनका उपयोग विज्ञान और इंजीनियरिंग में होता है। उदाहरण: थर्मामीटर जो तापमान मापता है।
- डिजिटल कम्प्यूटर: बाइनरी अंकों (0 और 1) का उपयोग करते हैं। अधिकांश कम्प्यूटर डिजिटल होते हैं। उदाहरण: लैपटॉप पर गणितीय गणनाएँ करना।
- हाइब्रिड कम्प्यूटर: एनालॉग और डिजिटल का संयोजन। उदाहरण: अस्पतालों में मरीजों की हृदय गति मापने वाली मशीन।
आकार और कार्य के आधार पर
- माइक्रो कम्प्यूटर: छोटे आकार के, माइक्रोप्रोसेसर आधारित, जिन्हें पर्सनल कम्प्यूटर कहते हैं। उदाहरण: घर में डेस्कटॉप पीसी।
- मिनी कम्प्यूटर: माइक्रो कम्प्यूटर से बड़े और तेज, अधिक संग्रह क्षमता। उदाहरण: छोटे व्यवसायों में डेटा प्रबंधन।
- मेनफ्रेम कम्प्यूटर: बड़े, उच्च संग्रह क्षमता वाले, बैंकों और सरकारी विभागों में उपयोग। उदाहरण: बैंक में ग्राहक खातों का प्रबंधन।
- सुपर कम्प्यूटर: सबसे बड़े, तेज, और उच्च संग्रह क्षमता वाले। भारत का पहला सुपर कम्प्यूटर परम-8000 है। उदाहरण: मौसम की भविष्यवाणी।
Note : : कम्प्यूटर के प्रकार उनके उपयोग (एप्लीकेशन) और आकार/कार्यक्षमता के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में बाँटे गए उपकरण हैं।
कम्प्यूटर के भाग
कम्प्यूटर को मुख्यतः दो भागों में बाँटा जाता है: हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर।
हार्डवेयर
कम्प्यूटर के वे सभी भाग जिन्हें हम छू सकते हैं और देख सकते हैं, हार्डवेयर कहलाते हैं।
- इनपुट डिवाइस: डेटा और निर्देश कम्प्यूटर में डालने के लिए। उदाहरण: की-बोर्ड, माउस, स्कैनर।
- प्रोसेसिंग डिवाइस: डेटा को प्रोसेस करने के लिए। उदाहरण: सीपीयू।
- आउटपुट डिवाइस: परिणाम प्रदर्शित करने के लिए। उदाहरण: मॉनिटर, प्रिंटर।
- स्टोरेज डिवाइस: डेटा संग्रह करने के लिए। उदाहरण: हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव।
सॉफ्टवेयर
निर्देशों का समूह जो कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देशित करता है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर: हार्डवेयर को नियंत्रित करता है। उदाहरण: विंडोज, डिवाइस ड्राइवर।
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर: विशिष्ट कार्यों के लिए। उदाहरण: MS Word, Chrome।
Note : : हार्डवेयर कम्प्यूटर के भौतिक भाग हैं, और सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का समूह है जो कम्प्यूटर को निर्देश देता है।
पर्सनल कम्प्यूटर के भाग और कार्य
पर्सनल कम्प्यूटर को तीन भागों में बाँटा जाता है: डेस्कटॉप, लैपटॉप, और पामटॉप।
- डेस्कटॉप: मेज पर रखकर उपयोग किया जाता है। उदाहरण: घर में पढ़ाई के लिए डेस्कटॉप पीसी।
- लैपटॉप: छोटा, पोर्टेबल, बैटरी और एसी से चलता है। उदाहरण: स्कूल प्रोजेक्ट के लिए लैपटॉप।
- पामटॉप: हथेली पर रखकर उपयोग, बैटरी से चलता है। उदाहरण: कैलकुलेटर जैसे छोटे कार्यों के लिए।
मुख्य भाग
- की-बोर्ड: डेटा और निर्देश इनपुट करने के लिए। इसमें फंक्शन कीज (F1-F12), कैप्स लॉक, न्यूमेरिक की-पैड, और कर्सर नियंत्रण कीज होती हैं। उदाहरण: MS Word में पत्र टाइप करना।
- माउस: पॉइंटिंग डिवाइस, स्केच और निर्देश देने के लिए। उदाहरण: MS Paint में चित्र बनाना।
- मॉनिटर: परिणाम प्रदर्शित करता है (CRT, LCD, LED, TFT)। उदाहरण: स्कूल प्रेजेंटेशन देखना।
- प्रिंटर: हार्ड कॉपी प्रदान करता है (इंकजेट, लेजर जेट)। उदाहरण: होमवर्क प्रिंट करना।
- सीपीयू: कम्प्यूटर का मस्तिष्क, गणनाएँ और नियंत्रण करता है। इसमें ALU, CU, और रजिस्टर होते हैं। उदाहरण: गणितीय गणनाएँ करना।
Note :: पर्सनल कम्प्यूटर एकल उपयोगकर्ता के लिए डिज़ाइन किए गए छोटे कम्प्यूटर हैं, जिनमें की-बोर्ड, माउस, मॉनिटर, और सीपीयू जैसे भाग होते हैं।
हार्डवेयर के प्रकार
- इनपुट डिवाइस: की-बोर्ड, माउस, स्कैनर, टच स्क्रीन, वेब कैमरा, लाइट पेन। उदाहरण: स्कैनर से दस्तावेज़ स्कैन करना।
- आउटपुट डिवाइस: मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर, प्रोजेक्टर। उदाहरण: स्पीकर से संगीत सुनना।
- सीपीयू: गणनाएँ और नियंत्रण करता है। उदाहरण: प्रोग्राम चलाना।
- स्टोरेज डिवाइस: प्राथमिक (RAM, ROM) और द्वितीयक (CD, DVD, HDD, SSD, पेन ड्राइव)। उदाहरण: पेन ड्राइव में फाइलें संग्रह करना।
Note :: हार्डवेयर के प्रकार कम्प्यूटर के वे भौतिक भाग हैं जो डेटा इनपुट, प्रोसेसिंग, आउटपुट, और संग्रह के लिए कार्य करते हैं।
मेमोरी यूनिट्स
कम्प्यूटर में मेमोरी डेटा संग्रह के लिए होती है।
- प्राथमिक मेमोरी:
- RAM: अस्थायी मेमोरी, पावर बंद होने पर डेटा लुप्त। उदाहरण: वर्तमान में चल रहे प्रोग्राम का डेटा।
- ROM: स्थायी मेमोरी, पावर बंद होने पर डेटा रहता है। उदाहरण: बूटिंग निर्देश।
- द्वितीयक मेमोरी: CD, DVD, HDD, SSD, पेन ड्राइव। उदाहरण: फिल्में DVD में संग्रह करना।
- मेमोरी यूनिट्स:
- 4 बिट = 1 निबल
- 8 बिट = 1 बाइट
- 1024 बाइट = 1 किलोबाइट
- 1024 किलोबाइट = 1 मेगाबाइट
- 1024 मेगाबाइट = 1 गिगाबाइट
- 1024 गिगाबाइट = 1 टेराबाइट
Note :: मेमोरी यूनिट्स कम्प्यूटर में डेटा और निर्देशों को संग्रह करने की इकाइयाँ हैं, जैसे बिट, बाइट, और किलोबाइट।
सॉफ्टवेयर
विभिन्न प्रोग्रामों के समूह को सॉफ्टवेयर कहते हैं। निर्देशों का एक सेट, जो एक विशेष कार्य करता है, प्रोग्राम कहलाता है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर: हार्डवेयर को नियंत्रित करता है। उदाहरण: विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम।
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर: विशिष्ट कार्यों के लिए। उदाहरण: MS Excel में गणनाएँ करना।
Note :: सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का समूह है जो कम्प्यूटर को विशिष्ट कार्य करने के लिए निर्देश देता है।
कम्प्यूटर के उपयोग के क्षेत्र
कम्प्यूटर का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है:
- स्वास्थ्य: मरीजों के रिकॉर्ड, मशीनों का नियंत्रण। उदाहरण: अस्पताल में X-ray मशीन।
- शिक्षा: ऑनलाइन कक्षाएँ, प्रेजेंटेशन। उदाहरण: प्रोजेक्टर पर पाठ पढ़ाना।
- यातायात: ट्रैफिक नियंत्रण, टिकट बुकिंग। उदाहरण: रेलवे टिकट बुकिंग।
- बैंक: खाता प्रबंधन, लेनदेन। उदाहरण: ATM से पैसे निकालना।
- व्यवसाय: स्टॉक प्रबंधन, बिक्री। उदाहरण: दुकान में बिलिंग।
- कार्यालय: दस्तावेज़ प्रबंधन, ईमेल। उदाहरण: MS Word में पत्र लिखना।
Note :: कम्प्यूटर के उपयोग के क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जहाँ कम्प्यूटर कार्य को तेज और कुशल बनाते हैं।