परिवर्तन की परिभाषा
वस्तु की अवस्था, आकार, रंग, स्वाद एवं गंध तथा प्रकृति में निरंतर होने वाले बदलाव को परिवर्तन कहते हैं।
उदाहरण: पानी का बर्फ में बदलना, फल का पकना।
मंद और तीव्र परिवर्तन
जब किसी परिवर्तन के संपन्न होने में अधिक समय लगता है, तो इन्हें मंद परिवर्तन कहते हैं।
नाखूनों का बढ़ना, बच्चों का बढ़ना, लोहे में जंग लगना, बर्फ का पिघलना, दूध से दही बनना, मोमबत्ती का जलना आदि मंद परिवर्तन हैं।
जब किसी परिवर्तन के संपन्न होने में कम समय लगता है, तो उसे तेज गति से होने वाला परिवर्तन या तीव्र परिवर्तन कहते हैं।
उदाहरण: जल में नील घोलते ही विलयन का रंग नीला होना, माचिस का जलना, फूले हुए गुब्बारे का फटना, गिलास का टूटना आदि तीव्र परिवर्तन हैं।
उदाहरण: पेड़ का धीरे-धीरे बढ़ना (मंद), कागज का जलना (तीव्र)।
अनुकूल और प्रतिकूल परिवर्तन
उपयोगी तथा लाभदायक परिवर्तन अनुकूल परिवर्तन कहलाते हैं।
खाना पकना, आम का पकना, केले का पकना, दूध से दही बनना, दूध से पनीर बनना आदि परिवर्तन अनुकूल परिवर्तन हैं।
अनुपयोगी तथा हानिकारक परिवर्तन प्रतिकूल परिवर्तन कहलाते हैं।
रोटी में फफूंद लगना, दूध का फटना, लोहे में जंग लगना आदि प्रतिकूल परिवर्तन हैं।
एक ही परिवर्तन कभी अनुकूल तो कभी प्रतिकूल हो सकता है। जैसे, फसल तैयार होते समय वर्षा का होना अनुकूल परिवर्तन है, परंतु फसल पक जाने पर बादलों का बरसना प्रतिकूल परिवर्तन है।
उदाहरण: दूध से दही बनना (अनुकूल), भोजन का खराब होना (प्रतिकूल)।
नियमित और अनियमित परिवर्तन
निश्चित समय पर लगातार होते रहने वाले परिवर्तन नियमित परिवर्तन कहलाते हैं।
ऋतु का बदलना, घड़ी की सुइयों का चलना, रात और दिन का होना, वर्ष का होना, घड़ी के पेंडुलम का दोलन आदि नियमित परिवर्तन हैं।
वह परिवर्तन जिनका समय निश्चित नहीं होता है, अनियमित परिवर्तन कहलाते हैं।
वर्षा का होना, आंधी, तूफान, बाढ़, सूखा, भूकंप तथा सुनामी आना, ज्वालामुखी का फूटना आदि अनियमित परिवर्तन हैं।
उदाहरण: सूर्य का उदय होना (नियमित), बिजली का कड़कना (अनियमित)।
प्रत्यावर्ती और अप्रत्यावर्ती परिवर्तन
ऐसे परिवर्तन जिसमें परिस्थितियाँ उलट देने पर पदार्थ वापस अपनी पूर्व अवस्था में आ जाते हैं, प्रत्यावर्ती परिवर्तन कहलाते हैं।
रबड़ बैंड या स्प्रिंग को खींचना और छोड़ देना प्रत्यावर्ती परिवर्तन है।
ऐसे परिवर्तन जिसमें पदार्थ अपनी पूर्व अवस्था में नहीं लाया जा सकता, अप्रत्यावर्ती परिवर्तन कहलाते हैं।
दूध से दही बनना, मोमबत्ती का जलना, धूपबत्ती का जलना आदि अप्रत्यावर्ती परिवर्तन हैं।
गुंदे हुए आटे को लेकर लोई बनाना और लोई से रोटी बनाना प्रत्यावर्ती परिवर्तन हैं। यदि रोटी के आकार से आप असंतुष्ट होते हैं, तो दोबारा लोई बना सकते हैं, इसलिए यह प्रत्यावर्ती परिवर्तन होता है। परन्तु उसे रोटी बनाकर सेंकने के बाद उसे दोबारा लोई नहीं बना सकते, अतः यह एक अप्रत्यावर्ती परिवर्तन है।
उदाहरण: पानी का बर्फ में बदलना (प्रत्यावर्ती), कागज का जलना (अप्रत्यावर्ती)।
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन
ऐसा परिवर्तन जिसमें पदार्थ का रूप बदल जाता है, परंतु कोई नया पदार्थ नहीं बनता, भौतिक परिवर्तन कहलाता है।
भौतिक परिवर्तन के पश्चात सामान्यतः पदार्थ की पूर्व स्थिति पुनः प्राप्त की जा सकती है।
बर्फ से पानी बनना, मोम का पिघलना एक भौतिक परिवर्तन है।
ऐसा परिवर्तन जिसमें एक या एक से अधिक नए पदार्थ बनते हैं, रासायनिक परिवर्तन कहलाता है।
रासायनिक परिवर्तन के पश्चात सामान्यतः पूर्व पदार्थों को प्राप्त नहीं किया जा सकता।
रासायनिक परिवर्तन में वस्तु के रासायनिक गुण बदल जाते हैं।
मोमबत्ती का जलना, लकड़ी के टुकड़े को जलाने पर राख बनना एक रासायनिक परिवर्तन है।
उदाहरण: कागज को मोड़ना (भौतिक), कागज को जलाना (रासायनिक)।
प्राकृतिक और कृत्रिम परिवर्तन
प्रकृति में कुछ परिवर्तन स्वतः होते रहते हैं, उन्हें प्राकृतिक परिवर्तन कहते हैं।
दिन-रात का होना, वर्षा, आंधी, तूफान, मौसम का बदलना, बादल का आना, ज्वालामुखी का फूटना, भूकंप आना, ज्वार-भाटा आदि प्राकृतिक परिवर्तन हैं।
मनुष्य द्वारा किए गए परिवर्तन कृत्रिम परिवर्तन कहलाते हैं।
लकड़ी से मेज या कुर्सी बनाना, मिट्टी, सीमेंट, ईटों से घर बनाना ये सभी कृत्रिम परिवर्तन हैं।
उदाहरण: फूल का खिलना (प्राकृतिक), कागज बनाना (कृत्रिम)।
नियंत्रित और अनियंत्रित परिवर्तन
ऐसे परिवर्तन जिन पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं रहता, अनियंत्रित परिवर्तन कहलाते हैं।
चंद्रमा की कलाओं में परिवर्तन, बादलों का आना, आंधी, तूफान का आना आदि अनियंत्रित परिवर्तन हैं।
ऐसे परिवर्तन जिन पर हमारा नियंत्रण रहता है, नियंत्रित परिवर्तन कहते हैं।
बिजली के पंखे की गति को तेज या धीमा करना, लालटेन की रोशनी को कम या ज्यादा करना, ब्रेक लगाना, तेल या पेंट लगाकर लोहे की वस्तु को मौसम के प्रभाव से बचाना आदि नियंत्रित परिवर्तन हैं।
उदाहरण: भूकंप (अनियंत्रित), बल्ब जलाना (नियंत्रित)।
जटिल परिवर्तन
ऐसे परिवर्तन जो लंबे समय और जटिल क्रियाओं के उपरांत होते हैं, जटिल परिवर्तन कहलाते हैं।
पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल बनना जटिल परिवर्तन के उदाहरण हैं।
शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाएँ जैसे पाचन, पोषण, उत्सर्जन, प्रजनन आदि भी जटिल परिवर्तन हैं।
उदाहरण: कोयले का हीरा बनना, भोजन का पाचन।
परिवर्तन में होने वाली आपसी प्रतिक्रियाएँ
परिवर्तन के दौरान पदार्थ आपस में प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे नए पदार्थ बन सकते हैं या उनके गुण बदल सकते हैं।
उदाहरण: लोहे में जंग लगना (लोहा ऑक्सीजन और नमी के साथ प्रतिक्रिया करता है), खाना पकाने में सामग्री का मिश्रण और गर्म करना।
परिवर्तन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता
थोड़ा सा अल्कोहल हथेली पर रखने पर यह शरीर की ऊष्मीय ऊर्जा को अवशोषित कर के वाष्पित हो जाता है।
सौर प्रकाश की ऊर्जा से जल का वाष्पन हो जाता है।
साइकिल का पेडल चलाने पर साइकिल का गतिमान होना पेशियों की ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तन का उदाहरण है।
स्प्रिंग को दोनों हाथों से पकड़कर खींचने पर उसकी आकृति में परिवर्तन होना पेशियों की ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तन का उदाहरण है।
सोलर कुकर में सौर ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होकर भोजन पकाती है। यह सौर ऊर्जा का ऊष्मीय ऊर्जा में परिवर्तन का उदाहरण है।
उदाहरण: मोमबत्ती जलाने के लिए आग (ऊष्मीय ऊर्जा) की आवश्यकता होती है।