ऊष्मा की अवधारणा
परिभाषा: ऊष्मा (Heat) एक प्रकार की ऊर्जा है, जो हमेशा गर्म वस्तु से ठंडी वस्तु की ओर बहती है। यह प्रवाह तब तक चलता है जब तक दोनों का तापमान समान न हो जाए।
उदाहरण: गरम चाय ठंडे कप में डालने पर कप गर्म हो जाता है और चाय थोड़ी ठंडी।
मुख्य बातें:
- ऊष्मा के कारण पदार्थ का तापमान बढ़ सकता है या उसकी अवस्था बदल
सकती है।
उदाहरण: बर्फ पिघलकर पानी बनना। - ऊष्मा की मात्रा को जूल (J) या कैलोरी (cal) में मापा जाता है।
- 1 कैलोरी = 4.184 जूल।
- 1 कैलोरी वह ऊष्मा है जो 1 ग्राम पानी का तापमान 1°C बढ़ा दे।
विशिष्ट ऊष्मा (Specific Heat Capacity):
किसी पदार्थ के 1 ग्राम का तापमान 1°C बढ़ाने के लिए जितनी ऊष्मा चाहिए, उसे उस पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा कहते हैं।
- जल की विशिष्ट ऊष्मा: 4.18 J/g°C — इसलिए पानी का तापमान धीरे-धीरे बदलता है।
- रेत की विशिष्ट ऊष्मा: ~0.84 J/g°C — जल्दी गरम और ठंडी होती है।
- लोहे की विशिष्ट ऊष्मा: ~0.45 J/g°C — जल्दी तापमान बदलता है।
परीक्षा तथ्य: जल की उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण समुद्र तटीय क्षेत्रों में मौसम संतुलित रहता है।
गुप्त ऊष्मा (Latent Heat):
जब किसी पदार्थ की अवस्था बदले (ठोस → द्रव, या द्रव → गैस) लेकिन तापमान न बदले, तब जो ऊष्मा लगती है उसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं।
- बर्फ के पिघलने में लगने वाली ऊष्मा = लैटेंट हीट ऑफ फ्यूज़न (~80 cal/g)।
- पानी के वाष्प में बदलने में लगने वाली ऊष्मा = लैटेंट हीट ऑफ वेपोराइजेशन (~540 cal/g)।
- उदाहरण: पानी उबलते समय तापमान 100°C पर स्थिर रहता है, लेकिन ऊष्मा वाष्पीकरण में लगती है।
दैनिक जीवन में ऊष्मा के उपयोग:
- खाना पकाना — गैस या बिजली से ऊष्मा बर्तनों में जाती है।
- गर्म पानी बनाना — गीजर में विद्युत ऊष्मा का प्रयोग।
- ठंड से बचना — हीटर से कमरे में ऊष्मा बढ़ाना।
- औद्योगिक प्रक्रियाएँ — धातु गलाना, भाप इंजन चलाना।
अतिरिक्त परीक्षा तथ्य:
- ऊष्मा ऊर्जा का SI मात्रक = जूल (J)।
- तापमान का SI मात्रक = केल्विन (K)।
- 0°C = 273.15 K।
तापमान का मापन
परिभाषा: तापमान किसी वस्तु की गर्मी या ठंडक की मात्रा को दर्शाता है। इसे थर्मामीटर से मापा जाता है।
उदाहरण: हमारा सामान्य शरीर का तापमान लगभग 37°C (98.6°F) होता है।
थर्मामीटर के प्रकार:
- क्लिनिकल थर्मामीटर:
- मानव शरीर का तापमान मापने के लिए।
- सीमा: 35°C से 42°C।
- उदाहरण: बुखार मापना।
- प्रयोगशाला थर्मामीटर:
- वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए।
- सीमा: -10°C से 110°C।
- उदाहरण: पानी उबालने का तापमान मापना।
- पारा थर्मामीटर: सटीक लेकिन पारा विषैला होता है।
- अल्कोहल थर्मामीटर: ठंडे क्षेत्रों में उपयोगी, सुरक्षित।
- डिजिटल थर्मामीटर: तेज और आसान मापन।
तापमान पैमाने:
- सेल्सियस (°C): पानी का हिमांक 0°C, क्वथनांक 100°C (1 atm दबाव पर)।
- फारेनहाइट (°F): पानी का हिमांक 32°F, क्वथनांक 212°F।
- केल्विन (K): वैज्ञानिक माप के लिए, 0°C = 273.15 K।
- परिवर्तन सूत्र: °C = (°F - 32) × 5/9, °F = (°C × 9/5) + 32।
- उदाहरण: 37°C = 98.6°F = 310.15 K।
परीक्षा में पूछे जाने वाले तथ्य:
- केल्विन तापमान का SI मात्रक है।
- 0 K को निरपेक्ष शून्य (Absolute Zero) कहते हैं — यहां अणुओं की गति रुक जाती है।
- सबसे अधिक तापमान सूर्य के केंद्र में (~1.5 करोड़ °C)।
ऊष्मा का मापन और निर्भरता
परिभाषा: किसी वस्तु में मौजूद या स्थानांतरित ऊर्जा को ऊष्मा कहते हैं। इसकी मात्रा वस्तु के द्रव्यमान, विशिष्ट ऊष्मा और तापमान परिवर्तन पर निर्भर करती है।
ऊष्मा की गणना:
सूत्र: Q = m × c × ΔT
- Q = ऊष्मा (जूल या कैलोरी)
- m = द्रव्यमान (ग्राम या किलोग्राम)
- c = विशिष्ट ऊष्मा (J/g°C या cal/g°C)
- ΔT = तापमान में परिवर्तन
उदाहरण: 100 g पानी का तापमान 10°C बढ़ाने के लिए Q = 100 × 1 cal × 10 = 1000 cal।
गुप्त ऊष्मा:
- गुप्त संलयन ऊष्मा (Latent Heat of Fusion): ठोस को द्रव में बदलने की ऊष्मा।
उदाहरण: बर्फ → पानी, 80 cal/g। - गुप्त वाष्पन ऊष्मा (Latent Heat of Vaporization): द्रव को गैस में बदलने की
ऊष्मा।
उदाहरण: पानी → भाप, 540 cal/g। - विशेष उदाहरण: उबलते पानी का तापमान 100°C पर स्थिर रहता है क्योंकि ऊर्जा वाष्पीकरण में लग रही होती है।
दैनिक जीवन में उपयोग:
- खाना पकाने में — गैस से बर्तन गरम करना।
- सर्दियों में कमरे को हीटर से गरम करना।
- भाप से इंजन चलाना।
- पानी उबालकर कीटाणु मारना।
परीक्षा में पूछे जाने वाले अतिरिक्त तथ्य:
- ऊष्मा का SI मात्रक = जूल (J)।
- 1 कैलोरी = 4.184 जूल।
- गैस थर्मामीटर का प्रयोग वैज्ञानिक सटीक मापन के लिए होता है।
- पानी की उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण तटीय क्षेत्रों का मौसम संतुलित रहता है।
ऊष्मा स्थानांतरण की विधियाँ
ऊष्मा (Heat) एक स्थान से दूसरे स्थान तक तीन मुख्य तरीकों से पहुँचती है –
चालन,
संवहन और विकिरण।
1. चालन (Conduction)
यह प्रक्रिया ठोस पदार्थों में होती है, जहाँ कण अपने स्थान पर रहकर ही कंपन के माध्यम से ऊष्मा को पास वाले कणों तक पहुँचा देते हैं। इसमें पदार्थ का स्थानांतरण नहीं होता, केवल ऊष्मा का प्रवाह होता है।
- धातु के चम्मच को गर्म पानी में डालने पर उसका हैंडल भी गर्म हो जाना।
- तांबे के बर्तन में दूध गर्म करना।
- गर्म तवे पर रोटी सेंकना।
- लोहे की छड़ का एक सिरा आग में रखने पर दूसरा सिरा भी गर्म हो जाना।
परीक्षा तथ्य: धातुएँ ऊष्मा के अच्छे सुचालक (Good Conductors) होती हैं, जबकि लकड़ी, प्लास्टिक, रबर आदि कुचालक (Insulators) होते हैं।
2. संवहन (Convection)
यह प्रक्रिया द्रव (Liquids) और गैसों (Gases) में होती है, जहाँ गरम कण ऊपर उठते हैं और ठंडे कण नीचे आते हैं, जिससे संवहन धाराएँ (Convection Currents) बनती हैं। इसमें पदार्थ का वास्तविक स्थानांतरण होता है।
- पानी गर्म करने पर बर्तन के नीचे से ऊपर तक गर्म पानी का उठना।
- समुद्री और स्थलीय हवाएँ (Sea and Land Breeze)।
- चिमनी से धुआँ ऊपर उठना।
- गर्मी के मौसम में कमरे में पंखा चलाने से हवा का घूमना।
परीक्षा तथ्य: संवहन की दर द्रव के घनत्व और तापांतर पर निर्भर करती है।
3. विकिरण (Radiation)
यह प्रक्रिया बिना किसी माध्यम के होती है, जहाँ ऊष्मा विद्युतचुंबकीय तरंगों (Electromagnetic Waves) के रूप में यात्रा करती है। इसे महसूस करने के लिए माध्यम का होना जरूरी नहीं है।
- सूर्य की ऊष्मा का पृथ्वी तक पहुँचना।
- आग के पास खड़े होने पर गर्मी महसूस होना।
- गर्म लोहे के पास हाथ ले जाने पर गर्मी का अनुभव।
- इन्फ्रारेड हीटर से कमरे का गर्म होना।
परीक्षा तथ्य: ऊष्मा विकिरण की गति प्रकाश की गति (लगभग 3 × 108 m/s) के बराबर होती है।
संक्षिप्त तुलना:
विधि | माध्यम | उदाहरण |
---|---|---|
चालन | केवल ठोस | लोहे की छड़ का गर्म होना |
संवहन | द्रव और गैसें | समुद्री हवा |
विकिरण | कोई भी माध्यम जरूरी नहीं | सूर्य की ऊष्मा |
ऊष्मा चालन के आधार पर पदार्थों का वर्गीकरण
पदार्थों को उनकी ऊष्मा चलाने की क्षमता के आधार पर दो मुख्य वर्गों में बाँटा जाता है — सुचालक और कुचालक।
1. सुचालक (Good Conductors)
ये ऊष्मा को बहुत अच्छी तरह से प्रवाहित करते हैं। अधिकतर धातुएँ (तांबा, लोहा, एल्युमिनियम, चाँदी) अच्छे सुचालक हैं।
- रसोई के बर्तन (तांबे या एल्यूमिनियम के)।
- बिजली के तारों में तांबा।
- लोहे की तवा या कढ़ाही।
- चाँदी का चम्मच चाय में डालने पर जल्दी गर्म होना।
परीक्षा तथ्य: चाँदी सबसे अच्छा ऊष्मा चालक है, जबकि स्टेनलेस स्टील की चालकता कम होती है।
2. कुचालक (Bad Conductors / Insulators)
ये ऊष्मा को प्रवाहित करने में बहुत कमजोर होते हैं। लकड़ी, प्लास्टिक, रबर, कॉर्क, हवा इसके उदाहरण हैं।
- बर्तनों के प्लास्टिक या लकड़ी के हैंडल।
- थर्मस फ्लास्क की दीवार में हवा/निर्वात।
- ऊनी कपड़े सर्दियों में गर्मी बनाए रखते हैं।
- रेफ्रिजरेटर का इंसुलेटेड दरवाज़ा।
परीक्षा तथ्य: ऊन, हवा और निर्वात ऊष्मा के अच्छे कुचालक होते हैं।
ऊष्मा के सापेक्ष अवस्था परिवर्तन
1. द्रवणांक (Melting Point)
वह निश्चित तापमान जिस पर ठोस द्रव में बदल जाता है।
- बर्फ का द्रवणांक = 0°C।
- मोम का द्रवणांक लगभग 62°C।
- सोने का द्रवणांक लगभग 1064°C।
2. क्वथनांक (Boiling Point)
वह तापमान जिस पर द्रव गैस में बदल जाता है।
- पानी का क्वथनांक = 100°C (सामान्य वायुदाब पर)।
- पारा का क्वथनांक = 356.7°C।
- दूध का क्वथनांक पानी से थोड़ा अधिक (~100.2°C)।
3. वाष्पीकरण (Evaporation)
द्रव का सतह से गैस में बदलना। यह शीतलन (Cooling) प्रक्रिया है।
- पसीना सूखने पर ठंडक मिलना।
- गर्मियों में पानी के मटके का ठंडा रहना।
- गर्म चाय जल्दी ठंडी होना जब उसे फैला दिया जाए।
परीक्षा तथ्य: वाष्पीकरण की दर सतह क्षेत्र, तापमान, हवा की गति और आर्द्रता पर निर्भर करती है।
तापीय प्रसार (Thermal Expansion)
ऊष्मा मिलने पर पदार्थ का आकार या आयतन बढ़ना।
प्रकार:
- ठोस में: लोहे की छड़ गर्म होने पर लंबी हो जाती है।
- द्रव में: थर्मामीटर में पारा फैलता है।
- गैस में: गर्म हवा का गुब्बारा ऊपर उठता है।
- रेलवे पटरियों में अंतराल छोड़ा जाता है।
- बाइमेटलिक पट्टी थर्मोस्टेट में तापमान नियंत्रण के लिए।
- गर्मी में बिजली के तार ढीले हो जाते हैं।
परीक्षा तथ्य: गैसों का तापीय प्रसार द्रव और ठोस की तुलना में सबसे अधिक होता है।
दैनिक जीवन में ऊष्मा का प्रभाव और उपयोग
प्रभाव:
- मौसम संतुलन — पानी की उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण।
- वाष्पीकरण से शीतलन — पसीना ठंडक देता है।
- तापीय प्रसार — पुल, पटरियों, इमारतों के निर्माण में ध्यान रखा जाता है।
उपयोग:
- थर्मस फ्लास्क — निर्वात और चांदी की परत से ऊष्मा संरक्षण।
- प्रेशर कुकर — उच्च दाब पर जल्दी खाना पकाना।
- ऊनी कपड़े — सर्दियों में गर्मी बनाए रखना।
- हल्के रंग के कपड़े — गर्मियों में ऊष्मा परावर्तन।
- सौर कुकर — सूर्य की ऊष्मा से भोजन पकाना।