जन्तुओं में पोषण की अवधारणा
परिभाषा: जन्तुओं में पोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जन्तु भोजन प्राप्त कर ऊर्जा, वृद्धि, और शरीर के कार्यों के लिए उपयोग करते हैं। उदाहरण: मानव भोजन खाकर ऊर्जा प्राप्त करता है।
- जन्तु स्वपोषी नहीं होते, वे भोजन के लिए अन्य जीवों (पौधे या जन्तु) पर निर्भर करते हैं। उदाहरण: शेर मांस खाता है।
- पोषण की प्रक्रिया में पांच चरण शामिल हैं: अन्तर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण, और उत्सर्जन।
पोषण की आवश्यकता
परिभाषा: पोषण जन्तुओं को ऊर्जा, वृद्धि, ऊतकों की मरम्मत, और शरीर के कार्यों (जैसे श्वसन, परिसंचरण) के लिए आवश्यक है। उदाहरण: बच्चे दूध पीकर वृद्धि करते हैं।
पोषक तत्व:
- कार्बोहाइड्रेट: तात्कालिक ऊर्जा प्रदान करते हैं। उदाहरण: चावल में कार्बोहाइड्रेट।
- प्रोटीन: वृद्धि और मरम्मत के लिए। उदाहरण: दाल में प्रोटीन।
- वसा: ऊर्जा संग्रहण और गर्मी। उदाहरण: घी में वसा।
- विटामिन: रोगों से रक्षा। उदाहरण: संतरे में विटामिन C।
- खनिज: शरीर के कार्य। उदाहरण: दूध में कैल्शियम।
- पानी: पाचन, अवशोषण, उत्सर्जन। उदाहरण: पानी पाचन में लार को नम करता है।
विभिन्न जन्तुओं में भोजन अन्तर्ग्रहण की विधियाँ
परिभाषा: भोजन अन्तर्ग्रहण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जन्तु भोजन को अपने शरीर में लेते हैं। उदाहरण: मानव भोजन को चबाता है।
प्रकार:
- चबाना और निगलना: जैसे गाय घास चबाती है।
- चूसना: जैसे मधुमक्खी फूलों का रस चूसती है।
- जीभ से पकड़ना: जैसे मेंढक कीट पकड़ता है।
- पूरा निगलना: जैसे सांप चूहा निगलता है।
- जाल में फंसाना: जैसे मकड़ी कीट को जाल में पकड़ती है।
- पेट बाहर निकालना: जैसे स्टारफिश शिकार को पचाती है।
जन्तुओं में पाचन
परिभाषा: पाचन वह प्रक्रिया है जिसमें जटिल भोजन सरल, अवशोषण योग्य पदार्थों में टूटता है।
👉 Alimentary Canal | आहार नाल
मनुष्यों में मुख द्वारा ग्रहण किया गया भोजन एक लम्बी नलिका से गुजरता है जिसे आहार नाल कहते हैं। इसमें निम्न भाग होते हैं:
- Mouth Cavity | मुखगुहा
- Esophagus | ग्रासनली
- Stomach | आमाशय
- Small Intestine | छोटी आँत
- Large Intestine | बड़ी आँत
- Rectum | मलाशय
- Anus | गुदा
👉 Mouth Cavity | मुखगुहा
भोजन दाँतों से काटने, चबाने और पीसने के बाद लार के साथ मिल जाता है।
Types of Teeth | दाँतों के प्रकार
- Incisors (कृन्तक) → 8 (काटने का कार्य)
- Canines (रदनक) → 4 (फाड़ने का कार्य)
- Premolars (अग्रचर्वणक) → 8 (पीसने और चबाने का कार्य)
- Molars (चर्वणक) → 12 (पीसने और चबाने का कार्य, जिनमें 4 अक्ल दाढ़ शामिल हैं)
बच्चों में: कुल 20 अस्थायी दाँत (दूध के दाँत) होते हैं।
Salivary Glands | लार ग्रंथियाँ
लार में टायलिन एन्जाइम होता है जो स्टार्च (कार्बोहाइड्रेट) को माल्टोज़ (शर्करा) में बदलता है।
👉 Esophagus | ग्रासनली
यह भोजन को मुँह से आमाशय तक ले जाती है। यहाँ पाचन नहीं होता।
👉 Stomach | आमाशय
आमाशय में जठर रस (Gastric juice) निकलता है, जिसमें शामिल हैं:
- Hydrochloric Acid (HCl) → भोजन को अम्लीय बनाता है, जीवाणु नष्ट करता है।
- Pepsin → प्रोटीन का पाचन करता है।
- Rennin → दूध को दही में बदलता है।
- Mucus → आमाशय की आन्तरिक दीवार को अम्ल से बचाता है।
👉 Small Intestine | छोटी आँत
यहाँ पित्तरस (Bile juice) और अग्न्याशयी रस (Pancreatic juice) पहुँचते हैं। इनके एन्जाइम्स प्रोटीन और वसा का पाचन पूरा करते हैं।
छोटी आँत की आंतरिक सतह पर Villi (विलाई) होती हैं, जो पोषक तत्वों का अवशोषण करती हैं।
👉 Large Intestine | बड़ी आँत
यहाँ भोजन के अपशिष्ट से अतिरिक्त पानी अवशोषित कर लिया जाता है और शेष अपशिष्ट मलाशय में चला जाता है।
👉 Anus | गुदा
अपशिष्ट पदार्थ मल के रूप में गुदा द्वारा बाहर निकाला जाता है। इसे Egestion (बहिःक्षेपण) कहते हैं।
🌿 Stages of Digestion | पाचन प्रक्रिया के चरण
- Ingestion (अन्तर्ग्रहण) → भोजन ग्रहण करना
- Digestion (पाचन) → भोजन को सरल रूप में तोड़ना
- Absorption (अवशोषण) → पोषक तत्वों का रक्त में जाना
- Assimilation (स्वांगीकरण) → कोशिकाओं द्वारा पोषक तत्वों का उपयोग
- Egestion (बहिःक्षेपण) → अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालना
घास खाने वाले जन्तुओं में पाचन
परिभाषा: घास खाने वाले जन्तु (जुगाली करने वाले) सेलुलोज युक्त भोजन को पचाने के लिए विशेष पाचन तंत्र का उपयोग करते हैं। उदाहरण: गाय घास पचाती है।
विशेषताएँ:
- चार भागों वाला पेट: रूमेन, रेटिकुलम, ओमेसम, एबोमेसम।
- रूमेन में सूक्ष्मजीव सेलुलोज को ग्लूकोज में तोड़ते हैं। उदाहरण: गाय का रूमेन घास पचाता है।
- जुगाली: भोजन रूमेन से मुख में लौटकर दोबारा चबाया जाता है।
- एबोमेसम में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व पचते हैं।
- उदाहरण: गाय, भैंस, हिरण।
अमीबा में सम्भरण और पाचन
परिभाषा: अमीबा में सम्भरण और पाचन एककोशिकीय स्तर पर होता है, जहां भोजन को कूटपाद से घेरकर पचाया जाता है। उदाहरण: अमीबा सूक्ष्म कण खाता है।
प्रक्रिया:
- सम्भरण: कूटपाद (pseudopodia) से भोजन घेरा जाता है।
- पाचन: खाद्य रिक्तिका (food vacuole) में एंजाइम भोजन को सरल पदार्थों में तोड़ते हैं।
- अवशोषण: पचे पदार्थ कोशिका झिल्ली से अवशोषित होते हैं।
- उत्सर्जन: अपचित पदार्थ कोशिका झिल्ली से बाहर निकलता है। उदाहरण: अमीबा सूक्ष्मजीव को पचाकर अपशिष्ट फेंकता है।
हाइड्रा में सम्भरण और पाचन
परिभाषा: हाइड्रा में सम्भरण और पाचन बहुकोशिकीय स्तर पर होता है, जहां स्पर्शकों से भोजन पकड़ा जाता है। उदाहरण: हाइड्रा छोटे जलीय जीव खाता है।
प्रक्रिया:
- सम्भरण: स्पर्शकों (tentacles) में डंक कोशिकाएं शिकार को लकवा मारती हैं।
- मुख: भोजन गुहा में जाता है।
- पाचन: गुहा में एंजाइम भोजन को पचाते हैं।
- अवशोषण: पचे पदार्थ शरीर की दीवारों से अवशोषित होते हैं।
- उत्सर्जन: अपचित पदार्थ मुख से निकलता है। उदाहरण: हाइड्रा छोटे क्रस्टेशियन को पचाता है।
पोषण का महत्व
- पोषण पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा प्रवाह का आधार है। उदाहरण: शेर मांस खाकर ऊर्जा प्राप्त करता है।
- पोषण की कमी से रोग जैसे क्वाशियोरकोर (प्रोटीन की कमी) और मरास्मस (कैलोरी की कमी) होते हैं।
- संतुलित आहार में सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में होने चाहिए। उदाहरण: दाल, चावल, सब्जी, और फल संतुलित आहार हैं।