मानव निर्मित वस्तुएँ

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विस्तृत नोट्स

मानव निर्मित वस्तुओं की आवश्यकता और उपयोग

जिन वस्तुओं को मनुष्य अथवा मशीनों द्वारा बनाया जाता है, उन्हें मानव निर्मित वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- मकान, किताब, पंखा, बर्तन, गाड़ी, साइकिल, खिलौना, साबुन, कपड़ा, काँच आदि। ये वस्तुएँ दैनिक जीवन को सुविधाजनक और आरामदायक बनाती हैं।

  • सूती वस्त्र कपास के रेशों से तैयार किए जाते हैं।
  • ऊनी वस्त्र भेड़ के बाल या संश्लेषित रेशों से बनाए जाते हैं।
  • आजकल मनुष्य नायलॉन, टेरीलीन (डेक्रॉन) आदि पॉलिएस्टर धागों से बने वस्त्रों का अत्यधिक उपयोग कर रहा है।
  • पॉलिएस्टर धागे संश्लेषित रेशों से तैयार किए जाते हैं।
  • पॉलिएस्टर धागों से निर्मित वस्त्र अधिक आकर्षक और टिकाऊ होते हैं।
  • भवन निर्माण में प्रायः ईंट, पत्थर, लोहे के गर्डर, सरिया, सीमेंट, मोरंग, बालू, और मिट्टी का उपयोग किया जाता है। इनमें ईंट, सरिया, गर्डर, और सीमेंट मानव निर्मित वस्तुएँ हैं।
  • सीमेंट या दीवार की जुड़ाई, प्लास्टर, स्लैब, और फर्श आदि बनाने के पश्चात् कुछ दिनों तक लगातार पानी का छिड़काव उनकी मजबूती के लिए किया जाता है।
  • सीमेंट, पेंट, प्लास्टिक, काँच, और धातुओं से बने बर्तन, सौंदर्य प्रसाधन, बिजली के उपकरण आदि अनेक मानव निर्मित वस्तुएँ हैं जिनका दैनिक जीवन में अत्यधिक उपयोग होता है।
  • किसान कृषि कार्यों के लिए हँसिया, खुरपी, फावड़ा, कुदाल आदि का प्रयोग करते हैं।
  • खेत जोतने, फसल काटने, सिंचाई करने, मड़ाई करने आदि कृषि कार्यों में मानव निर्मित वस्तुओं का उपयोग किया जाता है।
  • मानव प्रकृति में उपलब्ध पेड़-पौधों और जड़ी-बूटियों से निर्मित औषधियों का उपयोग सदियों से करता आ रहा है।
  • अनेक असाध्य रोग जैसे टी.बी. (तपेदिक), हैजा, निमोनिया, मियादी बुखार आदि की एंटीबायोटिक (जैव प्रतिरोधी) दवाएँ आज के युग में निर्मित की गई हैं।
  • किसी औषधि का उपयोग करने से पहले चिकित्सक (डॉक्टर) की सलाह लेना आवश्यक है।

संश्लेषित रेशे

नायलॉन, पॉलिएस्टर, डेक्रॉन, रेयॉन आदि मानव निर्मित रेशे हैं। इस प्रकार के रेशों को संश्लेषित रेशे कहते हैं। ये रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित उच्च अणुभार वाले बहुलक यौगिक हैं।

  • नायलॉन, पॉलिएस्टर, टेरीलीन आदि से बने वस्त्र सूती वस्त्रों की अपेक्षा अधिक आकर्षक दिखाई देते हैं।
  • टेरीलीन रेशों से बने कपड़ों को हाथ से फाड़ना कठिन होता है। ये अधिक मजबूत और टिकाऊ होते हैं।
  • वस्त्रों को पानी से भिगोने पर नायलॉन, पॉलिएस्टर, टेरीलीन के वस्त्र जल्दी सूख जाते हैं, जबकि सूती वस्त्र देर से सूखते हैं।
  • गुण: संश्लेषित रेशे मजबूत, हल्के, कम पानी सोखने वाले, और झुर्रियाँ प्रतिरोधी होते हैं।
  • उपयोग: कपड़े, रस्सियाँ, मछली पकड़ने के जाल, टायर कॉर्ड, और पैराशूट निर्माण में।
  • सावधानियाँ: संश्लेषित रेशों को उच्च ताप पर इस्त्री करने से बचें, क्योंकि ये पिघल सकते हैं। इन्हें सावधानी से धोएँ और रसायनों से दूर रखें।

प्लास्टिक

रासायनिक रूप में असंतृप्त जैसे एथिलीन, ऐसिटिलीन या उनके व्युत्पन्न आदि के उच्च अणुभार के बहुलक प्लास्टिक पदार्थ होते हैं।

  • प्लास्टिक की कठोरता और गलनांक के आधार पर इन्हें दो वर्गों में बाँटा जाता है: थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक।
  • थर्मोप्लास्टिक: गरम करने पर मुलायम और ठंडा करने पर कठोर हो जाते हैं। इन्हें पुनः चक्रण (recycle) किया जा सकता है। उदाहरण: पॉलीथीन, पॉली विनाइल क्लोराइड (PVC)।
  • थर्मोसेटिंग प्लास्टिक: गरम करने पर मुलायम और ठंडा करने पर कठोर हो जाते हैं, लेकिन पुनः मुलायम नहीं किए जा सकते। इनका पुनः चक्रण संभव नहीं है। उदाहरण: बैकेलाइट, मेलामाइन।
  • टेफ्लॉन एक विशिष्ट प्लास्टिक है जिस पर तेल और जल नहीं चिपकता। यह नॉन-स्टिक बर्तनों में परत चढ़ाने के लिए उपयोगी है।
  • गुण: प्लास्टिक हल्के, टिकाऊ, जलरोधक, और विद्युत के कुचालक होते हैं।
  • उपयोग:
    • पॉलीथीन: थैली, न टूटने वाली बोतल, पाइप, बाल्टी।
    • एक्रिलिक: कार और ट्रकों की खिड़कियाँ।
    • पॉलीप्रोपिलीन: रस्सी, रेशे, मजबूत पाइप।
    • थर्मोकोल (स्टायरोन): पैकिंग, संचायक सेल केस, खिलौने।
    • मेलामाइन: बर्तन।
    • बैकेलाइट: बिजली के प्लग, स्विच, कंघी, पेन, हत्थे।
    • टेफ्लॉन: नॉन-स्टिक बर्तनों में ऊष्मा प्रतिरोधी परत।

प्लास्टिक और पर्यावरण

प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह जैव अनिम्नीकरणीय (non-biodegradable) होता है।

  • जैव निम्नीकरणीय पदार्थ प्राकृतिक प्रक्रियाओं (जैसे जीवाणु क्रिया) द्वारा अपघटित हो जाते हैं।
  • जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ, जैसे प्लास्टिक, प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा आसानी से विघटित नहीं होते।
  • प्लास्टिक को अपघटित होने में कई वर्ष लगते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है।
  • प्लास्टिक जलाने पर विषैला धुआँ उत्सर्जित होता है, जो वायु प्रदूषण का कारण बनता है।
  • सावधानियाँ: प्लास्टिक का उपयोग कम करें, पुनः चक्रण को बढ़ावा दें, और जैव निम्नीकरणीय विकल्पों का उपयोग करें।

काँच

काँच धातुओं के सिलिकेटों का विलयन (मिश्रण) होता है, जो एक अतिशीतित द्रव के रूप में जाना जाता है।

  • साधारण काँच सिलिका, सोडियम सिलिकेट, और कैल्शियम सिलिकेट का मिश्रण होता है।
  • काँच का निश्चित गलनांक नहीं होता और इसकी क्रिस्टलीय संरचना नहीं होती।
  • काँच गर्म करने पर नरम होकर द्रव में बदल जाता है, इसलिए इसे अतिशीतित द्रव कहते हैं।
  • प्रकार और उपयोग:
    • साधारण/मृदु काँच: सोडियम कार्बोनेट, चूना पत्थर, और सिलिका से बनता है। उपयोग: बोतल, परखनली, खिड़की के शीशे।
    • कठोर काँच: पोटैशियम कार्बोनेट, चूना पत्थर, और रेत से बनता है। उपयोग: फ्लास्क, बीकर, प्रयोगशाला उपकरण।
    • फ्लिंट/प्रकाशीय काँच: सोडियम कार्बोनेट, पोटैशियम कार्बोनेट, बोरिक एसिड, और सिलिका से बनता है। उपयोग: प्रिज्म, लेंस, चश्मे के लेंस।
    • फोटोक्रोमिक काँच: सिल्वर आयोडाइड मिलाकर बनता है, जो धूप में गहरा और छाया में हल्का हो जाता है।
    • रंगीन काँच: कोबाल्ट ऑक्साइड (नीला), फेरिक ऑक्साइड (हल्का नीला), क्रोमियम ऑक्साइड (हल्का हरा), सीरियम/क्यूपरस ऑक्साइड (पीला) मिलाकर बनता है।

साबुन और अपमार्जक

रासायनिक रूप से साबुन वसीय अम्ल और सोडियम या पोटैशियम लवण होते हैं।

  • साबुन सोडियम या पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड और वनस्पति तेल की क्रिया से बनता है।
  • अपमार्जक कठोर जल में अधिक झाग देने वाले रासायनिक पदार्थ हैं, जो साबुन की तुलना में कपड़े बेहतर साफ करते हैं।
  • उपयोग: साबुन और अपमार्जक सफाई, कपड़े धोने, और व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए।

मृतिका से निर्मित वस्तुएँ

प्रायः 2 माइक्रॉन से छोटे व्यास वाले कणों वाली अवसादी शैलों को मृतिका कहते हैं।

  • चीनी मिट्टी एक प्रकार की सफेद मृतिका है, जिससे कप, प्लेट, गाड़ियों के होल्डर, और बिजली के फ्यूज बनाए जाते हैं।
  • मृतिका से बर्तन, मूर्तियाँ, और निर्माण सामग्री (जैसे ईंट) बनाई जाती हैं।

सारांश (एक पंक्ति के तथ्य)

  1. मानव निर्मित वस्तुएँ मनुष्य या मशीनों द्वारा बनाई जाती हैं।
  2. सूती वस्त्र कपास के रेशों से तैयार किए जाते हैं।
  3. ऊनी वस्त्र भेड़ के बाल या संश्लेषित रेशों से बनते हैं।
  4. नायलॉन और टेरीलीन (डेक्रॉन) पॉलिएस्टर धागों से बने वस्त्र हैं।
  5. पॉलिएस्टर धागे संश्लेषित रेशों से बनाए जाते हैं।
  6. पॉलिएस्टर वस्त्र आकर्षक और टिकाऊ होते हैं।
  7. भवन निर्माण में ईंट, सरिया, गर्डर, और सीमेंट का उपयोग होता है।
  8. सीमेंट संरचनाओं को मजबूती के लिए पानी का छिड़काव आवश्यक है।
  9. प्लास्टिक, काँच, और धातु के बर्तन दैनिक जीवन में उपयोगी हैं।
  10. किसान हँसिया, खुरपी, और कुदाल जैसे उपकरणों का उपयोग करते हैं।
  11. कृषि कार्यों में मानव निर्मित वस्तुओं का व्यापक उपयोग होता है।
  12. जड़ी-बूटियों से बनी औषधियाँ प्राचीन काल से उपयोग में हैं।
  13. एंटीबायोटिक दवाएँ टी.बी., हैजा, और निमोनिया जैसे रोगों के लिए हैं।
  14. औषधियों का उपयोग चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।
  15. नायलॉन, रेयॉन, और पॉलिएस्टर संश्लेषित रेशे हैं।
  16. संश्लेषित रेशे उच्च अणुभार वाले बहुलक यौगिक हैं।
  17. संश्लेषित रेशों से बने वस्त्र सूती वस्त्रों से अधिक आकर्षक होते हैं।
  18. टेरीलीन वस्त्र मजबूत और टिकाऊ होते हैं।
  19. संश्लेषित रेशे जल्दी सूखते हैं।
  20. संश्लेषित रेशों को उच्च ताप पर इस्त्री नहीं करना चाहिए।
  21. प्लास्टिक असंतृप्त यौगिकों के बहुलक हैं।
  22. थर्मोप्लास्टिक पुनः चक्रण योग्य होते हैं।
  23. पॉलीथीन और PVC थर्मोप्लास्टिक के उदाहरण हैं।
  24. थर्मोसेटिंग प्लास्टिक पुनः चक्रण योग्य नहीं होते।
  25. बैकेलाइट एक थर्मोसेटिंग प्लास्टिक है।
  26. टेफ्लॉन नॉन-स्टिक बर्तनों के लिए उपयोगी है।
  27. प्लास्टिक हल्के और जलरोधक होते हैं।
  28. पॉलीथीन से थैली और बाल्टी बनाई जाती हैं।
  29. एक्रिलिक कार की खिड़कियों में उपयोग होता है।
  30. थर्मोकोल का दूसरा नाम स्टायरोन है।
  31. प्लास्टिक जैव अनिम्नीकरणीय होता है।
  32. प्लास्टिक जलाने से विषैला धुआँ निकलता है।
  33. प्लास्टिक का उपयोग कम करने से पर्यावरण सुरक्षित रहता है।
  34. काँच धातुओं के सिलिकेटों का मिश्रण है।
  35. काँच को अतिशीतित द्रव कहते हैं।
  36. साधारण काँच बोतल और खिड़की के शीशों के लिए उपयोगी है।
  37. कठोर काँच प्रयोगशाला उपकरणों के लिए होता है।
  38. फ्लिंट काँच से लेंस और प्रिज्म बनाए जाते हैं।
  39. फोटोक्रोमिक काँच धूप में गहरा हो जाता है।
  40. कोबाल्ट ऑक्साइड से नीला काँच बनता है।
  41. मृतिका 2 माइक्रॉन से छोटे कणों वाली शैल होती है।
  42. चीनी मिट्टी से कप और प्लेट बनाए जाते हैं।
  43. साबुन वसीय अम्ल और लवणों से बनता है।
  44. अपमार्जक कठोर जल में अधिक झाग देते हैं।
  45. टेफ्लॉन का गलनांक बहुत ऊँचा होता है।
  46. पॉलीप्रोपिलीन से रस्सियाँ बनाई जाती हैं।
  47. मेलामाइन से बर्तन बनाए जाते हैं।
  48. बैकेलाइट से बिजली के स्विच बनते हैं।
  49. फेरिक ऑक्साइड से हल्का नीला काँच बनता है।
  50. क्रोमियम ऑक्साइड से हल्का हरा काँच बनता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. मानव निर्मित वस्तुएँ क्या हैं?





2. सूती वस्त्र किससे बनाए जाते हैं?





3. पॉलिएस्टर धागे किससे बनाए जाते हैं?





4. भवन निर्माण में कौन सी मानव निर्मित वस्तु का उपयोग होता है?





5. सीमेंट संरचनाओं को मजबूत करने के लिए क्या किया जाता है?





6. किसान कृषि कार्यों में किसका उपयोग करते हैं?





7. संश्लेषित रेशे क्या हैं?





8. नायलॉन वस्त्रों की तुलना में सूती वस्त्र कैसे सूखते हैं?





9. संश्लेषित रेशों का उपयोग कहाँ होता है?





10. संश्लेषित रेशों को इस्त्री करते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?





11. प्लास्टिक का रासायनिक आधार क्या है?





12. थर्मोप्लास्टिक की विशेषता क्या है?





13. बैकेलाइट किस प्रकार का प्लास्टिक है?





14. टेफ्लॉन का मुख्य उपयोग क्या है?





15. पॉलीथीन का उपयोग किसमें होता है?





16. प्लास्टिक के पर्यावरणीय प्रभाव क्या हैं?





17. जैव निम्नीकरणीय पदार्थ क्या हैं?





18. काँच को क्यों अतिशीतित द्रव कहते हैं?





19. साधारण काँच का उपयोग किसमें होता है?





20. फ्लिंट काँच का उपयोग किसमें होता है?





21. फोटोक्रोमिक काँच में क्या मिलाया जाता है?





22. नीले रंग का काँच बनाने के लिए क्या उपयोग होता है?





23. मृतिका का उपयोग किसमें होता है?





24. साबुन रासायनिक रूप से क्या है?





25. अपमार्जक की विशेषता क्या है?





26. थर्मोकोल का दूसरा नाम क्या है?





27. टेफ्लॉन का गलनांक कैसा होता है?





28. पॉलीप्रोपिलीन का उपयोग किसमें होता है?





29. कठोर काँच का उपयोग किसमें होता है?





30. चीनी मिट्टी से क्या बनाया जाता है?